सौर ऊर्जा का प्रयोग आज के समय में तेजी से बढ़ रहा है, सौर ऊर्जा से बिजली बनाने के लिए सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है, सोलर पैनल पर्यावरण के अनुकूल ही बिजली का उत्पादन करते हैं, इनके प्रयोग से बिजली के बिल को कम किया जा सकता है। सोलर पैनल का प्रयोग हर प्रकार के क्षेत्र में किया जा सकता है।
10 किलोवाट सोलर पैनल
10 किलोवाट के सोलर पैनल को आवासीय क्षेत्र या औद्योगिक के लिए कुशल माना जाता है, इस क्षमता के सोलर पैनल से प्रतिदिन 40 से 45 यूनिट बिजली का उत्पादन किया जाता है। इस क्षमता के सोलर पैनल को लगाने के लिए 850 स्कायर फुट स्थान की आवश्यकता होती है। अपनी जरूरत के अनुसार आप ऑनग्रिड या ऑफग्रिड सोलर सिस्टम स्थापित कर सकते हैं। जिससे बिजली बिल में बचत भी कर सकते हैं।
10 किलोवाट ऑनग्रिड सोलर सिस्टम में खर्चा और सब्सिडी
10 किलोवाट क्षमता के ऑनग्रिड सोलर सिस्टम में सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को ग्रिड के साथ शेयर किया जाता है, जिससे बिजली बिल को आसानी से कम किया जा सकता है। इस सोलर सिस्टम में पैनल से बनने वाली बिजली को ग्रिड के साथ शेयर किया जाता है, इस सीटें में सोलर पैनल, सोलर इंवर्टर मुख्य उपकरण होते हैं,
सिस्टम में शेयर बिजली की गणना के लिए नेट-मिटरिंग की जाती है। 10 KW ऑनग्रिड सिस्टम को लगाने का खर्चा लगभग 5 लाख से 5.50 लाख रुपये तक हो सकता है। इस पर 78 हजार की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।
10 किलोवाट ऑफग्रिड सोलर सिस्टम में खर्चा
ऑफग्रिड सिस्टम में पैनल से बनने वाली बिजली को बैटरी में स्टोर कर के रखा जा सकता है, इस सिस्टम में सोलर पैनल, सोलर इंवर्टर एवं सोलर बैटरी मुख्य उपकरण होते हैं, सोलर बैटरी में स्टोर बिजली का प्रयोग यूजर अपनी जरूरत के अनुसार कर सकते हैं। इस सोलर सिस्टम को लगाने का कुल खर्चा लगभग 7 लाख से 8 लाख रुपये तक हो सकता है। ऐसे सिस्टम में पावर बैकअप की सुविधा प्राप्त की जाती है।
सोलर पैनल को स्थापित कर पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुरक्षित रखा जा सकता है, साथ ही बिजली के बिल को कम करने में सिस्टम सहायक होता है। इसका लाभ लंबे समय तक उपभोक्ता प्राप्त कर सकता है।