
देश में बढ़ती हुई बिजली की मांग और बार-बार होने वाली बिजली कटौती की समय ने एक बार फिर रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy की क्षेत्र ओर लोगों का ध्यान गया है। इसलिए 15kw सोलर सिस्टम एक अच्छा सौर ऊर्जा उत्पन्न करने वाला विकल्प है। जो पैनल्स न केवल घरेलू उपभोक्ता बल्कि छोटे-मोटे बिजनेस करने के लिए भी सहायक है। वर्तमान समय यानि अगर 2025 की बात करे तो सोलर सिस्टम (Solar System) सरकारी सब्सिडी और इंस्टॉलेशन चार्ज को लेकर मार्किट में साफ रूप से जानकारी के साथ बताया जा रहा है, कि इन सोलर सिस्टम को पहले के हिसाब से अब आधिक कर्षक बनाया जा रहा है।
2025 में 15 KW सोलर सिस्टम की कीमत
15 KW सोलर सिस्टम की कीमत 2025 में इसकी अलग-अलग गुणवत्ता पर निर्भर करता है। इसके अलावा यह ऑन-ग्रिड सिस्टम की बात करें तो वर्तमान समय में इसकी कीमत लगभग ₹8.8 लाख से ₹9 लाख तक के बीच बताई जा रही है। इसमे प्रति वॉट औसत कीमत ₹59 तक है। यह आंकड़े upsinverter.com की रिपोर्ट पर आधारित है। यह सोलर पैनल्स ऑन-ग्रिड सिस्टम ग्रिड से जुड़ा होता है, और साथ में बिजली बिल मे कटौती के लिए नेट-मिटरिंग की सुविधा देता है।

वहीं ऑफ-ग्रिड सिस्टम, जो पूरी तरह से ग्रिड से स्वतंत्र होता है,और जिसमें बैटरी भी शामिल होती है, उसकी कीमत ₹10.9 लाख तक पहुंच चुकी है। हालांकि इसकी MRP पहले ₹13.89 लाख थी, लेकिन अब इसमें लगभग ₹3 लाख तक की कमी आई है, जिससे यह सिस्टम अधिक किफायती हुआ है।
हाइब्रिड सिस्टम की बात करें तो इसमें बैकअप के लिए बैटरी भी होती है और ग्रिड सपोर्ट भी मिलता है। इसकी कीमत ₹10.19 लाख तक जाती है, लेकिन यदि बैटरी न शामिल की जाए तो यह ₹9 से ₹10 लाख के बीच उपलब्ध है।
किस तरह के उपभोक्ता के लिए कौन-सा सिस्टम है उपयुक्त
भारत के विविध भूगोल और बिजली आपूर्ति की असमानता को देखते हुए सोलर सिस्टम का चयन बहुत सोच-समझकर करना चाहिए। यदि आप ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहां बिजली कटौती आम है, तो ऑफ-ग्रिड सिस्टम आपके लिए सबसे उपयुक्त रहेगा। इसमें बैटरी के ज़रिए बिजली संग्रहित होती है और जब ग्रिड फेल होता है तब यह सिस्टम निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करता है।
अगर आपके क्षेत्र में बिजली कटौती तो होती है लेकिन ग्रिड की उपलब्धता भी है, और आप चाहते हैं कि बिजली का बिल भी कम हो और बैकअप भी बना रहे, तो हाइब्रिड सिस्टम सबसे व्यावहारिक विकल्प है। इसमें नेट-मीटरिंग और बैकअप दोनों शामिल होते हैं।
यह भी पढें-8kW सोलर पैनल से रोज कितनी यूनिट बिजली मिलेगी? जानिए आपके खर्च और फायदे का पूरा हिसाब
यदि आपके इलाके में बिजली कटौती एक बड़ी समस्या नहीं है और आप केवल बिजली बिल में कटौती चाहते हैं, तो ऑन-ग्रिड सिस्टम सबसे किफायती और सुविधाजनक विकल्प है।
2025 में क्या मिल रही है सरकारी सब्सिडी
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025 में शुरू की गई प्रधानमंत्री सूर्या घर मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana) के तहत रेज़िडेंशियल रूफटॉप सोलर सिस्टम पर विशेष सब्सिडी की घोषणा की गई है। इस योजना के अंतर्गत 15 kW तक के सिस्टम पर ₹78,000 तक की फिक्स्ड सब्सिडी दी जा रही है।
यह भी देखें-₹30,000 में बना डाला Mini Power Station – ऐसा जुगाड़ आपने पहले नहीं देखा होगा!
इसके अलावा हाइब्रिड सिस्टम के लिए, जो 10 kW से अधिक क्षमता के हैं, ₹94,500 तक की अतिरिक्त सब्सिडी का प्रावधान है। यह सब्सिडी ग्राहक की कुल लागत को काफी हद तक कम कर देती है और रिन्यूएबल एनर्जी को अपनाने की प्रक्रिया को तेज करती है।
इंस्टॉलेशन और नेट-मीटरिंग चार्ज पर भी रखें नज़र
कई उपभोक्ता केवल सोलर सिस्टम की कीमत को देखकर निर्णय लेते हैं, लेकिन इंस्टॉलेशन चार्ज और नेट-मीटरिंग की फीस भी अंतिम लागत को प्रभावित करती है। इन अतिरिक्त खर्चों की राशि ₹50,000 से ₹1 लाख तक हो सकती है। यह लागत राज्य विद्युत बोर्ड की प्रक्रियाओं, स्थानीय डीलरों और इंस्टॉलेशन की जटिलताओं पर निर्भर करती है।
इसलिए सोलर सिस्टम लगवाने से पहले क्षेत्रीय विक्रेताओं से स्पष्ट जानकारी लेना, EMI विकल्पों को समझना और सब्सिडी के आवेदन की प्रक्रिया को जानना आवश्यक होता है।
कब है 15 kW सोलर सिस्टम लगवाना फायदेमंद
यदि आपके घर या ऑफिस की प्रतिदिन की बिजली खपत 50 से 60 यूनिट या उससे अधिक है, और आप ऐसे उपकरणों का उपयोग करते हैं जो भारी बिजली की मांग करते हैं—जैसे एयर कंडीशनर, लिफ्ट या बोरवेल मोटर—तो 15 kW सोलर सिस्टम आपके लिए एकदम उपयुक्त विकल्प है। यह सिस्टम प्रतिदिन लगभग 60 यूनिट बिजली उत्पन्न करने की क्षमता रखता है, जिससे आपकी अधिकांश आवश्यकताएं पूरी हो सकती हैं।
इसके अतिरिक्त, यदि आप ऐसी जगह रहते हैं जहां बिजली कटौती एक आम समस्या है और आप ग्रिड पर निर्भर नहीं रहना चाहते, तो हाइब्रिड या ऑफ-ग्रिड सिस्टम ज्यादा बेहतर रहेंगे।
कुल मिलाकर 2025 में कितना होगा खर्च
सरकारी सब्सिडी, इंस्टॉलेशन शुल्क और नेट-मीटरिंग की लागत को जोड़ने के बाद 2025 में 15 kW ऑन-ग्रिड सिस्टम की कुल लागत ₹8 से ₹9 लाख के बीच आ सकती है। वहीं, हाइब्रिड सिस्टम (बिना बैटरी) की लागत ₹9 से ₹10 लाख तक जा सकती है। यदि बैटरी शामिल की जाए तो यह ₹10.2 से ₹10.9 लाख तक पहुँच सकता है।
इन सभी आंकड़ों को loomsolar.com और sollar.in जैसी विश्वसनीय वेबसाइट्स द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से पुष्टि की गई है, जिससे उपभोक्ताओं को योजना बनाने में आसानी होती है।
ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में बड़ा कदम
15 kW सोलर सिस्टम भारत में उच्च खपत वाले उपभोक्ताओं के लिए न सिर्फ बिजली संकट का समाधान पेश कर रहा है, बल्कि उन्हें भविष्य में ऊर्जा स्वतंत्रता की ओर अग्रसर कर रहा है। बिजली बिल में भारी कटौती, सरकारी सब्सिडी और इंस्टॉलेशन में आई सरलता इसे पहले से कहीं ज्यादा व्यवहारिक बना चुकी है।
यदि आप रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy को अपनाकर ना केवल पर्यावरण के प्रति अपना योगदान देना चाहते हैं, बल्कि आर्थिक रूप से भी आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं, तो 2025 में 15 kW सोलर सिस्टम को अपनाना एक समझदारी भरा और दूरदर्शी फैसला हो सकता है।