सोलर पैनल की लोकप्रियता आज के समय में तेजी से बढ़ रही है, सोलर पैनल के प्रयोग से बिजली के बिल को कम करने के साथ ही पर्यावरण को सुरक्षित भी रखा जा सकता है। एक पूरे सोलर सिस्टम में सोलर पैनल, सोलर इंवर्टर एवं सोलर बैटरी मुख्य उपकरण होते हैं, सोलर पैनल को लगाने का खर्चा सोलर सिस्टम के प्रकार पर निर्भर करता है।
1 KW सोलर पैनल को लगाने का खर्चा
सोलर सिस्टम को निम्न 3 प्रकार से लगाया जाता है, जिसके अनुसार ही खर्चे का अनुमान लगाया जा सकता है:-
- ऑफग्रिड सोलर सिस्टम– ऑफग्रिड सोलर सिस्टम में पावर बैकअप के लिए सोलर पैनल और इंवर्टर के साथ में बैटरी कनेक्ट की जाती है, ऐसे सिस्टम के द्वारा आवश्यकता पड़ने पर बिजली का प्रयोग आसानी से किया जा सकता है। अधिक बिजली कटौती वाले स्थानों के लिए ये सिस्टम उपयुक्त रहते हैं। इस सिस्टम को लगाने में 90 हजार रुपये तक खर्चा हो सकता है।
- ऑनग्रिड सोलर सिस्टम– इस प्रकार के सोलर सिस्टम को कम बिजली कटौती वाले स्थानों के लिए कुशल कहा जाता है, इसमें बैटरी का प्रयोग नहीं किया जाता है, ऐसे सिस्टम में पैनल से बनने वाली बिजली को ग्रिड के साथ साझा किया जाता है, शेयर बिजली की गणना नेट मीटर से की जाती है। इस सिस्टम को लगाने में लगभग 60 हजार रुपये तक खर्चा हो सकता है।
- हाइब्रिड सोलर सिस्टम– यह एक आधुनिक प्रकार का सोलर सिस्टम है जिसमें पैनल से बनने वाली बिजली स्टोर भी की जा सकती है, एवं ग्रिड के साथ भी बिजली को शेयर किया जा सकता है।
1 किलोवाट सोलर पैनल पर सब्सिडी
केंद्र सरकार की पीएम सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना का आवेदन करने के बाद आप 1 किलोवाट क्षमता के ऑनग्रिड सोलर सिस्टम को लगाने पर 30 हजार रुपये की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे आप मात्र 30 हजार रुपये में ऑनग्रिड सोलर सिस्टम लगा सकते हैं।
1 किलोवाट सोलर पैनल से बनने वाली बिजली
1 किलोवाट के सोलर पैनल से प्रतिदिन उचित धूप मिलने पर 4-5 यूनिट बिजली का निर्माण किया जा सकता है, महीने में इस सोलर पैनल से 150 यूनिट तक बिजली का निर्माण किया जा सकता है, यदि आपका बिजली लोड 150 यूनिट तक रहता है तो आप इस सिस्टम को स्थापित कर सकते हैं।