
देश में बढ़ती बिजली दरों और बार-बार होने वाली बिजली कटौती ने आम लोगों को रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy की ओर झुकने पर मजबूर कर दिया है। खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में लोग अब अपने घरों के लिए सोलर पैनल-Solar Panel को एक स्थायी और लाभकारी विकल्प के रूप में देखने लगे हैं। लेकिन घर के लिए उपयुक्त सोलर सिस्टम और बैटरी का चुनाव करना कई बार उलझन भरा हो सकता है। इस लेख में हम समझेंगे कि आप अपने घर के लिए कैसे एकदम सटीक सोलर पैनल और बैटरी का चयन कर सकते हैं।
घरेलू बिजली खपत का सही आकलन है पहला कदम
किसी भी सोलर सिस्टम-Solar System को लगाने से पहले जरूरी है कि आप यह जान लें कि आपके घर की रोजाना बिजली खपत कितनी है। इसके लिए सबसे पहले घर के सभी विद्युत उपकरणों की सूची तैयार करें। हर उपकरण की पावर रेटिंग (Watt) और औसतन कितने घंटे वह हर दिन उपयोग होता है, यह भी ध्यान रखें।
मान लीजिए आपके घर में दो पंखे हैं जिनकी पावर रेटिंग 75 वॉट है और वे प्रतिदिन 8 घंटे चलते हैं, तो वे 600 Wh ऊर्जा खपत करेंगे। चार LED लाइट्स, प्रत्येक 10 वॉट की हैं और 6 घंटे प्रतिदिन जलती हैं, तो वे 240 Wh की खपत करेंगी। एक टीवी जो 100 वॉट का है और रोजाना 4 घंटे चलता है, वह 400 Wh खर्च करेगा। इस प्रकार कुल मिलाकर आपकी प्रतिदिन की खपत 1,840 Wh यानी 1.84 यूनिट होगी।
सोलर पैनल की क्षमता का निर्धारण ऐसे करें
भारत में हर साल औसतन 300 से अधिक दिन धूप निकलती है और प्रतिदिन 4 से 5 घंटे तक सूरज की रोशनी पूर्ण क्षमता पर उपलब्ध रहती है। इस आधार पर आप अपने घर के लिए कितने क्षमता वाला सोलर पैनल चाहिए, यह आसानी से पता कर सकते हैं।
यदि आपकी दैनिक खपत 1,840 Wh है और आप औसतन 4.5 सौर घंटे मानते हैं, तो इसका फॉर्मूला होगा – सोलर पैनल क्षमता (kW) = दैनिक खपत (Wh) ÷ (सौर घंटे × 1,000)। इसका मतलब है: 1,840 ÷ (4.5 × 1,000) = 0.41 kW।
इसलिए आप 500W से लेकर 1kW तक का सोलर सिस्टम अपने घर के लिए चुन सकते हैं, जो आपकी जरूरतों को पूरी तरह से कवर कर सकेगा।
बैटरी का सही चुनाव देगा भरोसेमंद बैकअप
सोलर सिस्टम में बैटरी का चुनाव उस स्थिति में बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है जब आपके क्षेत्र में बिजली बार-बार जाती है और आप चाहते हैं कि अंधेरे में भी आपके घर की रोशनी बनी रहे।
मान लीजिए आपकी कुल दैनिक खपत 1,840 Wh है और आपको 6 घंटे तक बैकअप चाहिए। यदि आप 12 वोल्ट की बैटरी इस्तेमाल करते हैं और उसका डिस्चार्ज फैक्टर 0.8 है, तो बैटरी की आवश्यकता होगी: (1,840 × 6) ÷ (12 × 0.8) = 1,150 Ah।
इसका मतलब है कि आपको लगभग 150Ah की 8 बैटरियों या 200Ah की 6 बैटरियों की जरूरत होगी। इससे आपके घर को पर्याप्त बैकअप मिलेगा और आप बिना किसी परेशानी के बिजली कटौती से निपट सकेंगे।
सोलर सिस्टम पर खर्च और सरकार की सब्सिडी
1kW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम की लागत लगभग ₹60,000 से ₹70,000 के बीच होती है। यह सिस्टम बिजली ग्रिड से जुड़ा होता है और इसमें बैटरी की जरूरत नहीं होती। इस सिस्टम को लगाने पर आपका बिजली बिल काफी हद तक कम हो सकता है।
भारत सरकार की पीएम सूर्य घर योजना-PM Suryaghar Yojana के तहत उपभोक्ताओं को सोलर सिस्टम लगाने पर भारी सब्सिडी दी जाती है। उदाहरण के लिए:
2kW सिस्टम पर ₹30,000 तक की सब्सिडी दी जाती है।
3kW सिस्टम पर ₹48,000 तक की सब्सिडी मिल सकती है।
3kW से अधिक सिस्टम पर ₹78,000 तक की सब्सिडी मिलती है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आप pmsuryaghar.gov.in वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
जानिए कौन सा सोलर सिस्टम है आपके लिए सही
सोलर सिस्टम मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं – ऑन-ग्रिड, ऑफ-ग्रिड और हाइब्रिड। अगर आप ऐसी जगह रहते हैं जहां बिजली कटौती नहीं के बराबर होती है, तो ऑन-ग्रिड सिस्टम आपके लिए उपयुक्त रहेगा। यह बिजली ग्रिड से जुड़ा होता है और इसमें सरकार द्वारा सब्सिडी भी मिलती है।
अगर आप ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहां बिजली बार-बार जाती है, तो ऑफ-ग्रिड सिस्टम आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है। इसमें बैटरी लगी होती है और यह ग्रिड पर निर्भर नहीं करता।
यदि आप चाहते हैं कि आपका सिस्टम ग्रिड से भी जुड़ा हो और साथ में बैकअप भी दे, तो हाइब्रिड सोलर सिस्टम आपके लिए आदर्श रहेगा। इसमें बैटरी और ग्रिड दोनों से जुड़े रहने का फायदा मिलता है।
सोलर सिस्टम: बचत और पर्यावरण की ओर एक स्मार्ट कदम
सोलर सिस्टम सिर्फ पर्यावरण के लिए नहीं, बल्कि आपकी जेब के लिए भी फायदेमंद है। एक बार सही सोलर सिस्टम लगाने के बाद आपका बिजली बिल न के बराबर आ सकता है। इसके अलावा सरकार की सब्सिडी योजनाएं इसे और भी किफायती बना देती हैं।
इसलिए यदि आप अब तक असमंजस में थे कि अपने घर के लिए कौन सा सोलर सिस्टम सही रहेगा, तो अब समय आ गया है कि आप समझदारी से फैसला लें और Renewable Energy की दिशा में कदम बढ़ाएं।