पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के तहत भारत सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को सोलर पैनल लगाने के लिए बड़े पैमाने पर सब्सिडी देने की घोषणा की है। यह महत्वाकांक्षी योजना फरवरी 2024 में शुरू की गई थी, जिसका लक्ष्य है देश के 1 करोड़ घरों को सौर ऊर्जा (Solar Energy) से जोड़ना और उन्हें हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली उपलब्ध कराना।

सरकार के इस कदम का उद्देश्य न केवल रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) को बढ़ावा देना है, बल्कि आम नागरिकों को बिजली के बढ़ते बिलों से राहत भी देना है। योजना के तहत 2 किलोवाट (kW) सोलर पैनल सिस्टम की स्थापना पर ₹60,000 तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है, जबकि 3kW या उससे अधिक की क्षमता पर सब्सिडी ₹78,000 तक दी जा रही है।
पात्रता मानदंड: किसे मिलेगा योजना का लाभ
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ बुनियादी शर्तें रखी गई हैं। लाभार्थी को भारतीय नागरिक होना चाहिए और उसके नाम पर आवासीय संपत्ति होनी चाहिए। सोलर पैनल स्थापना के लिए छत का उपयुक्त स्थान होना आवश्यक है और घर में वैध बिजली कनेक्शन होना चाहिए। साथ ही, यह सुनिश्चित करना होगा कि लाभार्थी ने पहले किसी अन्य सरकारी सोलर सब्सिडी योजना का लाभ न लिया हो।
आवेदन कैसे करें: प्रक्रिया सरल और डिजिटल
योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन और सरल बनाया गया है। इच्छुक आवेदक को सबसे पहले pmsuryaghar.gov.in पर जाकर पंजीकरण करना होगा। इसके लिए राज्य, बिजली वितरण कंपनी (DISCOM), उपभोक्ता संख्या, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी की आवश्यकता होगी।
पंजीकरण के बाद उपभोक्ता मोबाइल नंबर और उपभोक्ता संख्या के माध्यम से लॉगिन कर आवेदन फॉर्म भर सकता है। फिर DISCOM की स्वीकृति मिलने पर पंजीकृत विक्रेता से सोलर सिस्टम की स्थापना कराई जाती है। उसके बाद नेट मीटर के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाता है।
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संपूर्ण सिस्टम की स्थापना के बाद DISCOM निरीक्षण करता है और सब कुछ सही पाए जाने पर उपभोक्ता बैंक विवरण और रद्द चेक जमा करता है। फिर 30 कार्य दिवसों के भीतर सब्सिडी सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
2kW सोलर सिस्टम की क्षमता और लागत
2 किलोवाट सोलर सिस्टम औसतन 8 यूनिट प्रतिदिन बिजली उत्पन्न करता है, यानी मासिक उत्पादन करीब 240 यूनिट और वार्षिक उत्पादन लगभग 2880 यूनिट होता है। इस सिस्टम को स्थापित करने के लिए लगभग 200 वर्ग फुट छत की आवश्यकता होती है।
ऐसे सिस्टम की कुल लागत ₹1.4 लाख से ₹1.8 लाख के बीच आ सकती है, लेकिन केंद्र सरकार की सब्सिडी के बाद यह लागत घटकर ₹80,000 से ₹1.2 लाख तक रह जाती है। यह निवेश 4-5 वर्षों में बिजली बचत के रूप में वसूल हो जाता है, और इसके बाद की बिजली उत्पादन पूरी तरह लाभ में गिनी जाती है।
उत्तराखंड के उपभोक्ताओं के लिए अतिरिक्त लाभ
उत्तराखंड राज्य सरकार ने भी राज्य में सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की हैं। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत 20kW से लेकर 200kW तक की सौर परियोजनाओं पर 20% से 50% तक की सब्सिडी दी जा रही है।
इसके अतिरिक्त, महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति और दिव्यांगजन को अतिरिक्त 5% सब्सिडी प्रदान की जाती है। इतना ही नहीं, इन श्रेणियों के लिए 4% की ऋण सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे सोलर प्रोजेक्ट में निवेश और आसान बनता है।
राज्य सरकार का लक्ष्य 2025 तक 2,500 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता स्थापित करना है, जो उत्तराखंड को हरित ऊर्जा राज्य की दिशा में अग्रसर करेगा।
पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक बचत दोनों का मौका
पीएम सूर्य घर योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी और उत्तराखंड सरकार के विशेष लाभों के कारण यह योजना घरेलू उपभोक्ताओं के लिए आर्थिक रूप से बेहद लाभकारी बन गई है। यह न केवल मासिक बिजली बिलों में कटौती करती है, बल्कि दीर्घकालिक रूप से ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देती है।
यदि आपके पास खुद का घर और छत है, तो यह योजना आपके लिए एक बेहतरीन अवसर है, जो आपकी जेब के साथ-साथ प्रकृति के लिए भी फायदेमंद साबित होगी।