भारत में Renewable Energy सेक्टर तेजी से विकसित हो रहा है। सोलर एनर्जी इस विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहां कई प्रमुख कंपनियाँ हज़ारों करोड़ रुपये की ऑर्डर बुक्स के साथ काम कर रही हैं। इन कंपनियों का प्रदर्शन भारत के ऊर्जा क्षेत्र में उनकी अग्रणी स्थिति और विकास की क्षमता को दर्शाता है। आइए जानते हैं भारत की टॉप 3 सोलर कंपनियां कैसे प्रदर्शन कर रही हैं? और उनके भविष्य की योजनाएं क्या हैं?
प्रीमियर एनर्जीज लिमिटेड: अग्रणी सोलर सेल निर्माता
प्रीमियर एनर्जीज लिमिटेड भारत की प्रमुख सोलर कंपनियों में से एक है। कंपनी की मौजूदा ऑर्डर बुक ₹6,906.6 करोड़ की है, जिसमें 22% ऑर्डर सार्वजनिक क्षेत्र से और 78% निजी क्षेत्र से आते हैं। इसका मार्केट कैप ₹49,418 करोड़ है और इसके शेयर का मूल्य ₹1,096 है।
कंपनी भारत में दूसरी सबसे बड़ी सोलर सेल निर्माता है, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 2 गीगावाट है। इसके साथ ही, यह सोलर मॉड्यूल उत्पादन में भी चौथे स्थान पर है, जिसकी कुल क्षमता 4.13 गीगावाट है। प्रीमियर एनर्जीज का लक्ष्य 2026 तक अपनी सोलर सेल क्षमता को 7 गीगावाट और मॉड्यूल उत्पादन क्षमता को 8 गीगावाट तक ले जाने का है।
यह कंपनी सोलर एनर्जी के क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखने के लिए लगातार नई तकनीकों और उत्पादन क्षमता में सुधार कर रही है।
वेबसोल एनर्जी सिस्टम लिमिटेड: ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में उभरता सितारा
वेबसोल एनर्जी सिस्टम लिमिटेड देश की सबसे उभरती हुई सोलर कंपनियों में से एक है। इसका मार्केट कैप ₹5,425 करोड़ और शेयर मूल्य ₹1,288.65 है। कंपनी की ऑर्डर बुक 1,660 मेगावाट की है, जिसमें एक प्रमुख भारतीय ग्राहक के लिए 180 मेगावाट सोलर पीवी मॉड्यूल की आपूर्ति का अनुबंध शामिल है। इस प्रोजेक्ट की डिलीवरी नवंबर 2024 में शुरू होगी और वित्तीय वर्ष 2025 की चौथी तिमाही तक पूरी हो जाएगी।
वेबसोल की उन्नत विनिर्माण सुविधाएं पश्चिम बंगाल के फाल्टा SEZ में स्थित हैं। कंपनी सोलर सेल उत्पादन में 600 मेगावाट और मॉड्यूल उत्पादन में 550 मेगावाट की क्षमता रखती है। वेबसोल का लक्ष्य चरणबद्ध तरीके से 1.8 गीगावाट की उत्पादन क्षमता तक पहुँचना है।
वारी एनर्जीज लिमिटेड: भारत का सबसे बड़ा सोलर पीवी मॉड्यूल निर्माता
वारी एनर्जीज लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी सोलर कंपनियों में से एक है। इसका मार्केट कैप ₹74,377 करोड़ और शेयर मूल्य ₹2,589 है। कंपनी की ऑर्डर बुक 1,702 मेगावाट की है, जिसे 9-12 महीनों के भीतर पूरा किया जाना है।
वारी एनर्जीज की स्थापित उत्पादन क्षमता 13.3 गीगावाट है, जो इसे भारत का सबसे बड़ा सोलर पीवी मॉड्यूल निर्माता बनाती है। कंपनी अपनी उत्पादन क्षमताओं को और बढ़ाने की योजना बना रही है, जिसमें अमेरिका में एक नई विनिर्माण इकाई शामिल है। यह इकाई प्रारंभ में 3 गीगावाट का उत्पादन करेगी, जिसे 2027 तक 6 गीगावाट तक बढ़ाया जाएगा।
कंपनी के पास 17.8 गीगावाट की सक्रिय बोली पाइपलाइन है, जो इसे भविष्य के बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए मजबूत स्थिति में रखती है।
टॉप 3 सोलर कंपनियांकर सकती हैं मालामाल
भारत में Renewable Energy सेक्टर में बढ़ती मांग और सरकार की सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने वाली नीतियों ने इस क्षेत्र को निवेशकों के लिए आकर्षक बना दिया है। इन कंपनियों की मजबूत ऑर्डर बुक, उत्पादन क्षमताओं में विस्तार और तकनीकी उन्नति यह साबित करती हैं कि सोलर एनर्जी सेक्टर में दीर्घकालिक निवेश लाभदायक हो सकता है। इन कंपनियों के शेयरों में निवेश करके आप भारत के इस बढ़ते अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में अपना योगदान दे सकते हैं।