5kW सोलर बैटरी कितने घंटे तक चलती है? जानें लोड और बैकअप कैलकुलेशन

क्या आपको लगता है कि 5kWh की सोलर बैटरी पूरे दिन का बैकअप दे सकती है? हो जाइए सावधान! बैटरी कितनी देर चलेगी, ये पूरी तरह आपके बिजली लोड, बैटरी की उपयोगी क्षमता और उसकी चार्जिंग पर निर्भर करता है। सही कैलकुलेशन नहीं किया तो पावर कट में अंधेरे में बैठना तय है!

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Written by Rohit Kumar

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5kW सोलर बैटरी कितने घंटे तक चलती है? जानें लोड और बैकअप कैलकुलेशन
5kW सोलर बैटरी कितने घंटे तक चलती है? जानें लोड और बैकअप कैलकुलेशन

5kW सोलर बैटरी कितने घंटे तक चलेगी यह सवाल तेजी से लोकप्रिय होता जा रहा है, खासकर जब भारत में रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy की ओर झुकाव बढ़ रहा है। शहरों से लेकर गांवों तक बिजली कटौती की समस्या आम हो चुकी है, और ऐसे में सोलर बैटरी सिस्टम लोगों के लिए एक भरोसेमंद विकल्प बनते जा रहे हैं। लेकिन सिर्फ बैटरी लगाने से समाधान नहीं होगा, यह जानना बेहद जरूरी है कि आपकी 5kWh बैटरी आपके लोड को कितनी देर तक चला पाएगी।

बैटरी बैकअप की गणना कैसे होती है?

सोलर बैटरी का बैकअप समय सीधे तौर पर इस पर निर्भर करता है कि आपका बिजली लोड कितना है और बैटरी की उपयोगी क्षमता (usable capacity) कितनी है। उपयोगी क्षमता का अर्थ है वह कुल ऊर्जा जिसे वास्तव में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह दक्षता (Efficiency) और डिस्चार्ज की गहराई (Depth of Discharge – DoD) पर निर्भर करती है।

गणना का फॉर्मूला है:

बैकअप समय (घंटों में) = बैटरी की उपयोगी क्षमता (kWh) ÷ लोड (kW)

उदाहरण के लिए, यदि आपकी 5kWh बैटरी की दक्षता 90% और DoD 80% है, तो उसकी उपयोगी क्षमता होगी:

5 × 0.9 × 0.8 = 3.6 kWh

अब यदि आपका लोड 1kW है, तो यह बैटरी लगभग 3.6 घंटे तक चल सकती है।

बदलते लोड के अनुसार घटता-बढ़ता बैकअप समय

इस फार्मूले से साफ है कि जैसे-जैसे आपका लोड बढ़ेगा, बैकअप समय कम होता जाएगा। यदि आपका लोड 2kW है, तो यही बैटरी केवल 1.8 घंटे तक ही चलेगी। यानी, यदि आप अधिक समय तक बैकअप चाहते हैं, तो आपको या तो लोड कम रखना होगा या उच्च क्षमता की बैटरी का चयन करना होगा।

कम लोड पर ज्यादा बैकअप — समझदारी की बात

यदि आप सिर्फ एलईडी बल्ब, पंखा, वाई-फाई राउटर और एक छोटा फ्रिज जैसे आवश्यक उपकरण ही चलाना चाहते हैं, जिनकी कुल खपत लगभग 0.5kW होती है, तो वही 5kWh बैटरी करीब 7.2 घंटे तक बैकअप दे सकती है। यह स्थिति उन इलाकों के लिए आदर्श है जहां बिजली कटौती लंबी होती है लेकिन लोड सीमित रहता है।

बैटरी क्षमता का चुनाव कैसे करें?

मान लीजिए आप चाहते हैं कि आपके घर में 2kW का लोड 4 घंटे तक लगातार चलता रहे। तो आपको कुल 8kWh ऊर्जा की आवश्यकता होगी:

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2kW × 4 घंटे = 8kWh

अब यदि आप लिथियम-आयन बैटरी का उपयोग कर रहे हैं जिसकी दक्षता 90% और DoD 80% है, तो आपको लगभग 11.1kWh की बैटरी लेनी होगी:

8 ÷ (0.9 × 0.8) = 11.1 kWh

यहां से यह स्पष्ट होता है कि सिर्फ बैटरी की नाममात्र क्षमता देखना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उपयोगी क्षमता को ध्यान में रखते हुए ही बैटरी का चुनाव करना चाहिए।

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बैटरी के प्रकार और उनका प्रदर्शन

सोलर बैटरियों के प्रमुख दो प्रकार हैं — लिथियम-आयन और लीड-एसिड। लिथियम-आयन बैटरियां लगभग 90% दक्षता और 80-100% DoD के साथ बेहतर प्रदर्शन देती हैं। वहीं लीड-एसिड बैटरियों की दक्षता केवल 70-85% होती है और DoD आमतौर पर 50% से ज्यादा नहीं होता, जिससे बैकअप समय सीमित हो जाता है।

यदि आप चाहते हैं कि आपकी बैटरी लंबे समय तक टिके और नियमित बैकअप दे सके, तो लिथियम-आयन बैटरी बेहतर विकल्प हैं, हालांकि इनकी कीमत लीड-एसिड से ज्यादा होती है।

चार्जिंग के लिए जरूरी है पर्याप्त सोलर पैनल

सिर्फ बैटरी का चयन ही पर्याप्त नहीं है, बैटरी को समय रहते चार्ज करना भी जरूरी है। यदि आपके सोलर पैनल की क्षमता कम है, तो बैटरी को चार्ज होने में ज्यादा समय लगेगा। इसका असर अगली बार बैकअप के समय दिखाई देगा। इसलिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि सोलर पैनल पर्याप्त सौर ऊर्जा उत्पन्न कर सकें।

स्मार्ट प्लानिंग से मिलेगा स्मार्ट बैकअप

अगर आप सोच रहे हैं कि एक 5kWh बैटरी आपकी जरूरतों को पूरा कर पाएगी या नहीं, तो इसका उत्तर आपके लोड और उपयोग के तरीके पर निर्भर करेगा। यदि लोड 1kW है, तो यह बैटरी 3.6 घंटे तक चलेगी। अधिक लोड या अधिक बैकअप समय की जरूरत होने पर आपको उच्च क्षमता की बैटरी की आवश्यकता होगी। कुल मिलाकर, सोलर बैटरी एक शानदार समाधान है, लेकिन इसे उपयोगी बनाने के लिए सही गणना और तकनीकी समझ जरूरी है। तभी आप रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy की दिशा में स्मार्ट कदम बढ़ा पाएंगे।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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