
भारत में Renewable Energy की ओर रुझान लगातार बढ़ रहा है, और इसी दिशा में 5kW सोलर पैनल सिस्टम अब आम परिवारों के लिए एक व्यवहारिक और लाभकारी विकल्प बनता जा रहा है। खासतौर से उत्तर प्रदेश जैसे राज्य जहां पर्याप्त धूप उपलब्ध होती है, वहां यह सिस्टम प्रतिदिन औसतन 20 से 25 यूनिट बिजली का उत्पादन करता है। यह मासिक रूप से लगभग 600 से 750 यूनिट के बराबर होता है, जो एक औसत भारतीय परिवार की बिजली ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।
5kW सोलर सिस्टम की उत्पादन क्षमता भारत के परिप्रेक्ष्य में
एक 5kW सोलर सिस्टम से मिलने वाला उत्पादन पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि वह किस भौगोलिक क्षेत्र में स्थापित है। उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में, जहां साल भर धूप भरपूर मिलती है, वहां यह सिस्टम प्रतिदिन 20 से 25 यूनिट और साल भर में लगभग 7,200 से 9,000 यूनिट तक बिजली उत्पन्न कर सकता है। यह क्षमता एक मध्यम या बड़े परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम है, जिसमें रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, पंखे, लाइट्स और 1–2 टन तक के एयर कंडीशनर जैसी सुविधाएं शामिल होती हैं।
मासिक और वार्षिक बिजली बिल में बचत
यदि आप बिजली ₹6 से ₹8 प्रति यूनिट की दर से खरीद रहे हैं, तो 5kW सोलर सिस्टम से होने वाली बचत बहुत प्रभावशाली हो सकती है। प्रति माह ₹3,600 से ₹6,000 तक की बचत संभव है, जिसका वार्षिक अनुमान ₹43,200 से ₹72,000 तक पहुंच सकता है। उदाहरण के तौर पर, आंध्र प्रदेश के चित्तूर में रहने वाले एक उपभोक्ता ने अपने घर पर 5kW का सिस्टम लगाकर हर महीने ₹5,000 की बचत दर्ज की है।
5kW सोलर सिस्टम की लागत और सरकारी सब्सिडी
साल 2025 में 5kW सोलर सिस्टम की अनुमानित लागत इसकी प्रकार पर निर्भर करती है। यदि आप ऑन-ग्रिड सिस्टम लगवाते हैं तो इसकी कीमत ₹2.9 लाख से ₹3.3 लाख के बीच हो सकती है। वहीं अगर आप ऑफ-ग्रिड सिस्टम की ओर जाते हैं, जिसमें बैटरियाँ भी शामिल होती हैं, तो लागत ₹4.4 लाख से ₹5.1 लाख तक बढ़ जाती है। हाइब्रिड सिस्टम, जो दोनों तकनीकों को मिलाकर काम करता है, उसकी लागत ₹4.45 लाख से ₹5.18 लाख तक हो सकती है।
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत 3kW से 10kW तक के सिस्टम पर ₹78,000 तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है, जो सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। यह योजना सौर ऊर्जा अपनाने की दिशा में एक बड़ा प्रोत्साहन मानी जा रही है।
यह भी पढें-Solar Panel खरीदने जा रहे हैं? तो ये 5 टिप्स ज़रूर जान लें, वरना बाद में पछताना पड़ सकता है!
निवेश पर रिटर्न और पेबैक अवधि
जब हम 5kW सोलर सिस्टम को एक निवेश के रूप में देखते हैं, तो यह स्पष्ट होता है कि इसकी पेबैक अवधि 4 से 6 साल के बीच होती है। एक बार जब निवेश की राशि वसूल हो जाती है, तो इसके बाद होने वाली सारी बचत सीधे मुनाफा बन जाती है। अनुमान के मुताबिक, 25 वर्षों में एक घर ₹15 लाख से ₹20 लाख तक की बचत कर सकता है, जो इस सिस्टम को बेहद लाभकारी बनाता है।
किनके लिए उपयुक्त है 5kW सोलर सिस्टम?
अगर आपके घर का मासिक बिजली बिल ₹3,000 से ₹6,000 के बीच आता है और आपके पास 300 से 500 वर्ग फीट का छायारहित छत क्षेत्र उपलब्ध है, तो 5kW सोलर सिस्टम आपके लिए आदर्श विकल्प हो सकता है। यह सिर्फ बिजली की लागत में कमी ही नहीं लाता, बल्कि आपको ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर भी बनाता है। इसके अलावा, यह पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाने का भी एक सशक्त माध्यम है, क्योंकि यह कार्बन उत्सर्जन को काफी हद तक कम करता है।
पर्यावरण और बचत का दोहरा लाभ
भारत में बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं और बढ़ती बिजली दरों के बीच, 5kW सोलर सिस्टम एक स्मार्ट और दीर्घकालिक समाधान के रूप में उभर रहा है। सरकारी सब्सिडी, नेट मीटरिंग और तकनीकी प्रगति ने इसे पहले से कहीं अधिक सुलभ और प्रभावशाली बना दिया है। यह सिस्टम न सिर्फ पर्यावरण की रक्षा करता है, बल्कि आपकी जेब पर भी बोझ कम करता है। आने वाले वर्षों में, यह उम्मीद की जा सकती है कि सोलर एनर्जी हर घर का हिस्सा बन जाएगी।