सोलर पैनल का प्रयोग आज के समय में तेजी से बढ़ रहा है, पैनल को स्थापित करने के लिए सरकार भी नागरिकों को सोलर सब्सिडी प्रदान कर रही है। ऐसे में अधिक से अधिक घरों में सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं, सोलर पैनल पर किये जाने वाले निवेश को समझदारी का निवेश कहा जाता है, क्योंकि सोलर पैनल को एक बार स्थापित करने के बाद लंबे समय तक उनके बिजली प्राप्त की जा सकती है।
सोलर पैनल कैसे बिजली बनाते है?
सोलर पैनल के अंदर सोलर सेल लगे होते हैं, जिन्हें PV सेल भी कहा जाता है, जो सेमीकंडक्टर पदार्थों के बने होते हैं। सोलर सेल पर जब सूर्य का प्रकाश पड़ता है तो उनके द्वारा फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव के कारण इलेक्ट्रॉन को मुक्त किया जाता है, ऐसे में मुक्त इलेक्ट्रॉन के प्रवाह से ही बिजली बनती है। सोलर पैनल DC के रूप में बिजली का उत्पादन करते हैं। जिसे चार्ज कंट्रोलर के माध्यम से कंट्रोल किया जाता है।
5 Kw सोलर पैनल कितनी बिजली बनाते हैं?
5 Kw को 5000 वाट कहा जाता है, 5 किलोवाट के सोलर पैनल से बनने वाली बिजली इस प्रकार रहती है:-
- यदि 1 घंटे तक इस सोलर पैनल को उचित मात्रा में धूप में रखा जाए तो इनके द्वारा 5 किलोवाट-घंटा बिजली का निर्माण किया जाता है। किलोवाट-घंटा को ही यूनिट कहा जाता है।
- यदि इस सोलर पैनल को 5 घंटे सूर्य का उचित प्रकाश मिले तो ऐसे में इनके द्वारा 25 यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है।
- सोलर पैनल से बिजली बनाने की प्रक्रिया में पावर लॉस की समस्या होती है, ऐसे में 20% बिजली की हानि होती है। इस प्रकार 5 Kw सोलर पैनल से 20 यूनिट बिजली प्राप्त की जा सकती है।
सोलर पैनल से उचित मात्रा में बिजली प्राप्त करने के लिए आधुनिक तकनीक के सोलर पैनल स्थापित किये जा सकते हैं, सोलर पैनल को सोलर एक्सपर्ट की सहायता से स्थापित करना चाहिए, जिससे वे सही प्रकार से सोलर पैनल को इंस्टाल कर सकते हैं।