5kW Solar System Output: 5 किलोवाट सोलर सिस्टम एक दिन में कितनी यूनिट बिजली बनाता है?

उत्तर प्रदेश में तेजी से लोकप्रिय हो रहे सोलर सिस्टम्स में 5 किलोवाट का सिस्टम सबसे ज्यादा डिमांड में है। जानिए यह सिस्टम कितनी यूनिट बिजली देता है, कौन-कौन से घरेलू उपकरण चला सकता है, और क्या यह आपके घर के लिए सही विकल्प है? पढ़िए पूरी डिटेल्स, जिससे आप बिजली बिल को शून्य तक ला सकते हैं!

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Written by Rohit Kumar

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5kW Solar System Output: 5 किलोवाट सोलर सिस्टम एक दिन में कितनी यूनिट बिजली बनाता है?
5kW Solar System Output: 5 किलोवाट सोलर सिस्टम एक दिन में कितनी यूनिट बिजली बनाता है?

उत्तर प्रदेश में 5kW सोलर सिस्टम इन दिनों तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, खासकर तब जब सरकार द्वारा रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य में भरपूर धूप मिलने और बिजली की खपत लगातार बढ़ने के चलते लोग अब Grid-Connected और Off-Grid सोलर सिस्टम की ओर रुख कर रहे हैं। खासतौर पर 5 किलोवाट का सोलर सिस्टम एक ऐसा विकल्प बनकर उभरा है, जो न केवल बिजली के भारी बिलों से राहत देता है बल्कि लंबे समय में पर्यावरण की रक्षा भी करता है।

उत्तर प्रदेश में 5kW सोलर सिस्टम की दैनिक उत्पादन क्षमता

उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में, जहां सालभर लगभग 280 से 300 दिन सूरज की भरपूर रोशनी रहती है, वहां 5kW सोलर सिस्टम औसतन प्रतिदिन 20 से 25 यूनिट (kWh) बिजली उत्पन्न करता है। भारत में औसतन हर दिन 5 से 6 घंटे तक सूर्य की तीव्रता मिलती है और इस हिसाब से उत्तर प्रदेश में इस क्षमता का पूरा लाभ उठाया जा सकता है।

हालांकि, सटीक उत्पादन कुछ कारकों पर निर्भर करता है जैसे पैनल किस दिशा में लगाए गए हैं, उनकी झुकाव (Tilt) कितनी है, छाया की उपस्थिति, मौसम की स्थिति और सिस्टम की समग्र दक्षता। अगर रूफ पर धूल, पत्तियां या पक्षियों की मौजूदगी रहती है, तो पैनलों की उत्पादकता पर असर पड़ सकता है। इसलिए पैनलों की नियमित सफाई और रखरखाव आवश्यक है।

महीने और साल भर में कितना बिजली उत्पादन होता है?

यदि हम 5kW सोलर सिस्टम की दैनिक उत्पादन क्षमता को अधिकतम 25 यूनिट मानें, तो यह सिस्टम हर महीने करीब 750 यूनिट बिजली उत्पन्न करता है। वहीं, सालभर में यह करीब 9,000 यूनिट बिजली दे सकता है। अगर न्यूनतम 20 यूनिट प्रतिदिन का औसत लें, तब भी यह सिस्टम हर महीने लगभग 600 यूनिट और सालाना 7,200 यूनिट बिजली देने में सक्षम है। यह मात्रा किसी भी मध्यम वर्गीय परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।

5kW सोलर सिस्टम से कौन-कौन से उपकरण चल सकते हैं?

5kW का सोलर सिस्टम उन परिवारों के लिए एक आदर्श विकल्प है, जिनकी बिजली खपत औसत से थोड़ी अधिक है। यह सिस्टम एक साथ कई घरेलू उपकरण आसानी से चला सकता है। उदाहरण के लिए, इससे एक या दो 2 टन के एयर कंडीशनर, एक रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, माइक्रोवेव ओवन, टीवी, 8 से 10 एलईडी लाइट्स, 2 से 3 सीलिंग फैन और अन्य छोटे उपकरण जैसे लैपटॉप, वाई-फाई राउटर, मोबाइल चार्जर आदि सुचारु रूप से चल सकते हैं।

गर्मियों में जब एसी का उपयोग अधिक होता है, तब भी यह सिस्टम दिन के समय पर्याप्त सपोर्ट देता है और यदि Net Metering जुड़ा हो, तो रात की जरूरतों के लिए भी बैकअप मिल सकता है।

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किन घरों और परिवारों के लिए उपयुक्त है 5kW सोलर सिस्टम?

उत्तर प्रदेश में 5kW सोलर सिस्टम खासतौर पर 2BHK या 3BHK मकानों, डुप्लेक्स और छोटे ऑफिस के लिए उपयुक्त माना जाता है। यदि आपके घर में तीन से पांच सदस्य हैं और आप रेगुलर तौर पर एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, टीवी जैसे उपकरण इस्तेमाल करते हैं, तो यह सिस्टम आपकी बिजली जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है। खासतौर पर उन परिवारों के लिए यह आदर्श है जिनकी मासिक बिजली खपत करीब 600 यूनिट के आसपास होती है।

इंस्टॉलेशन से पहले किन बातों पर ध्यान देना चाहिए?

हालांकि सोलर सिस्टम लॉन्ग टर्म में फायदेमंद साबित होता है, लेकिन इंस्टॉलेशन से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देना जरूरी है। सबसे पहले, छत पर पर्याप्त जगह होनी चाहिए और वह दक्षिण दिशा की ओर झुकी होनी चाहिए ताकि अधिकतम सूर्य प्रकाश मिल सके। इसके अलावा, पैनलों पर छाया न पड़े, इसका विशेष ध्यान रखें।

सर्दियों में सूरज की तीव्रता कम होने के कारण उत्पादन घट सकता है। इनवर्टर की गुणवत्ता भी काफी मायने रखती है — एक अच्छा इनवर्टर अधिक दक्षता के साथ काम करता है और पैनल से उत्पन्न हर यूनिट का सही उपयोग सुनिश्चित करता है।

उत्तर प्रदेश और लखनऊ जैसे शहरों के लिए क्यों है 5kW सोलर सिस्टम फायदेमंद?

लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर और नोएडा जैसे शहरों में साल भर में लगभग 280 से 300 दिन साफ धूप वाले होते हैं, जो सोलर एनर्जी के लिए बेहद अनुकूल हैं। साथ ही, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा Net Metering स्कीम, सब्सिडी और अन्य इंसेंटिव भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे सोलर सिस्टम की शुरुआती लागत को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

इसके अलावा, इन शहरों में अक्सर बिजली कटौती की समस्या भी देखी जाती है। ऐसे में, एक Off-Grid या Hybrid सोलर सिस्टम बैकअप के रूप में भी काम करता है और आपको ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाता है।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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