
भारत में Renewable Energy की दिशा में एक बड़ा कदम है 5kW Solar System, जो अब अधिक किफायती और उपयुक्त विकल्प बनता जा रहा है, खासकर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए। वर्ष 2025 में सोलर सिस्टम की लागत, सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी और ऊर्जा उत्पादन की क्षमता को देखते हुए यह निवेश अब पहले से कहीं अधिक लाभकारी बन गया है। खासकर उत्तराखंड जैसे राज्यों में PM सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत मिलने वाली सब्सिडी इसे आम जनता के लिए और भी सुलभ बनाती है।
5kW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम की लागत और सब्सिडी
2025 में एक 5kW On-grid Solar System की कुल लागत ₹2,90,000 से ₹3,30,000 के बीच आंकी गई है। यह सिस्टम सीधे ग्रिड से जुड़ा होता है और इसकी खासियत यह है कि अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजा जा सकता है, जिससे उपभोक्ता को Net Metering के तहत लाभ मिलता है। केंद्र सरकार की ओर से चल रही PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana के तहत इस सिस्टम पर ₹78,000 तक की सब्सिडी दी जा रही है। सब्सिडी कटौती के बाद उपभोक्ता को इस सिस्टम के लिए ₹2,12,000 से ₹2,52,000 के बीच भुगतान करना पड़ सकता है।
उत्तराखंड में यह योजना तेजी से अपनाई जा रही है और सब्सिडी की राशि सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में जमा की जाती है, जिससे पारदर्शिता और विश्वास दोनों कायम रहते हैं।
ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम की कीमत और सीमाएँ
Off-grid Solar System उन इलाकों में अधिक उपयोगी होता है जहाँ बिजली की उपलब्धता अनियमित है या पूरी तरह से अनुपस्थित है। यह बैटरी आधारित सिस्टम होता है जिसमें दिन में उत्पादित बिजली बैटरियों में संग्रहित होती है और आवश्यकता के अनुसार उपयोग की जाती है। 2025 में एक 5kW ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम की कुल लागत ₹4,40,500 से ₹5,13,000 तक हो सकती है। हालांकि इस सिस्टम पर फिलहाल कोई सरकारी सब्सिडी नहीं दी जाती, जिससे इसकी लागत अपेक्षाकृत अधिक होती है।
बैकअप पावर की आवश्यकता रखने वाले उपभोक्ताओं के लिए यह विकल्प बेहद कारगर हो सकता है, विशेषकर ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में।
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हाइब्रिड सोलर सिस्टम: ग्रिड और बैटरी का संयोजन
Hybrid Solar System ऑन-ग्रिड और ऑफ-ग्रिड सिस्टम का संयोजन होता है। यह सिस्टम ग्रिड से जुड़ा भी रहता है और बैटरी बैकअप भी प्रदान करता है। इसकी कुल लागत ₹4,45,500 से ₹5,18,000 तक हो सकती है। हालांकि इस सिस्टम पर भी आमतौर पर कोई सरकारी सब्सिडी उपलब्ध नहीं होती।
बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए यह एक प्रीमियम समाधान माना जाता है, जो शहरों में उन उपभोक्ताओं के लिए उपयुक्त हो सकता है जो पावर कट्स के दौरान भी निर्बाध बिजली चाहते हैं।
उत्तराखंड में सब्सिडी की प्रक्रिया और लाभ
उत्तराखंड में PM Surya Ghar योजना के तहत ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम पर ₹78,000 तक की सब्सिडी सीधे उपभोक्ता के खाते में ट्रांसफर की जाती है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए उपभोक्ताओं को pmsuryaghar.gov.in वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होता है। रजिस्ट्रेशन के दौरान आधार कार्ड, बिजली बिल, बैंक पासबुक जैसे जरूरी दस्तावेज़ अपलोड करने होते हैं।
इसके बाद उपभोक्ता सरकार द्वारा अनुमोदित किसी भी वेंडर का चयन कर सकता है, जो सोलर सिस्टम की इंस्टॉलेशन प्रक्रिया को पूरा करता है। इंस्टॉलेशन के बाद सब्सिडी की राशि स्वचालित रूप से खाते में भेज दी जाती है।
सोलर सिस्टम की तकनीकी विशेषताएँ और उपयोगिता
एक 5kW सोलर सिस्टम रोजाना औसतन 20 से 30 यूनिट बिजली उत्पन्न कर सकता है, जो मासिक रूप से 600 से 900 यूनिट तक हो सकती है। यह उत्पादन एक मध्यम से बड़े घर की मासिक बिजली आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त होता है। इस सिस्टम को स्थापित करने के लिए लगभग 500 वर्ग फीट छत की आवश्यकता होती है।
इसमें शामिल उपकरणों में सोलर पैनल, इन्वर्टर, माउंटिंग स्ट्रक्चर, वायरिंग और बैटरी (ऑफ-ग्रिड या हाइब्रिड सिस्टम के लिए) होते हैं। यदि स्थान पर्याप्त है और बिजली खपत अधिक है, तो यह सिस्टम उपभोक्ताओं के बिजली बिल को काफी हद तक कम कर सकता है, और कुछ मामलों में शून्य भी कर सकता है।
क्या आपके लिए 5kW सोलर सिस्टम सही विकल्प है?
यदि आप उत्तराखंड जैसे राज्य में रहते हैं और आपकी मासिक बिजली खपत 600 यूनिट से अधिक है, तो 5kW On-grid Solar System आपके लिए एक आदर्श समाधान हो सकता है। सब्सिडी के बाद इसकी लागत ₹2.1 लाख से ₹2.5 लाख के बीच आती है, जो दीर्घकालिक दृष्टिकोण से एक लाभदायक निवेश है। यदि आप बैकअप पावर की आवश्यकता महसूस करते हैं, तो आप Hybrid या Off-grid विकल्प चुन सकते हैं, हालांकि उनकी लागत अधिक होती है और सब्सिडी उपलब्ध नहीं होती।
सरकार की PM Surya Ghar योजना इस दिशा में एक प्रगतिशील पहल है, जो न केवल उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ देती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में भी एक ठोस कदम है।