
भारत में Renewable Energy की ओर तेजी से बढ़ते रुझान के बीच Tata Power Solar का 5kW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम घरेलू उपभोक्ताओं के लिए एक किफायती और विश्वसनीय समाधान बनकर उभरा है। देशभर में बिजली की बढ़ती दरें और सरकार द्वारा सोलर सिस्टम पर दी जा रही सब्सिडी इसे और अधिक लोकप्रिय बना रही हैं। Tata जैसे ब्रांड की गुणवत्ता और सर्विस नेटवर्क इसे घरेलू इंस्टॉलेशन के लिए एक सुरक्षित विकल्प बनाता है।
Tata Solar 5kW ऑन-ग्रिड सिस्टम की मार्किट प्राइस
वर्तमान में Tata Power Solar का 5kW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम ₹3,00,000 से ₹3,50,000 के बीच उपलब्ध है। यह लागत सोलर पैनल, इन्वर्टर, माउंटिंग स्ट्रक्चर, वायरिंग, इंस्टॉलेशन और सभी जरूरी उपकरणों को शामिल करती है। यह अनुमान भारत के प्रमुख सोलर पोर्टल्स जैसे solargyan123.blogspot.com से प्राप्त आंकड़ों पर आधारित है।
कीमतें स्थान, इंस्टॉलर और इंस्टॉलेशन की जटिलता पर निर्भर करती हैं, लेकिन Tata Solar जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड के लिए ₹3 से ₹3.5 लाख की रेंज एक सामान्य मानी जा रही है। इस लागत में उच्च गुणवत्ता के मॉड्यूल और उपकरण शामिल होते हैं, जिससे लंबे समय तक भरोसेमंद परफॉर्मेंस की उम्मीद की जा सकती है।
केंद्र और राज्य सरकार से मिलने वाली सब्सिडी
भारत सरकार ने National Solar Mission के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को सोलर एनर्जी की ओर आकर्षित करने के लिए सब्सिडी की योजना चलाई है। Tata Solar के इस 5kW ऑन-ग्रिड सिस्टम पर केंद्र सरकार ₹78,000 तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है। Freyr Energy और अन्य विश्वसनीय स्रोतों के अनुसार यह सहायता सीधी उपभोक्ता के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में राज्य सरकारें भी अलग से आर्थिक सहायता देती हैं। यूपी में प्रति किलोवॉट ₹15,000 की दर से 5kW सिस्टम पर ₹30,000 की अतिरिक्त सब्सिडी दी जाती है। इस प्रकार कुल सब्सिडी ₹1,08,000 तक पहुंच सकती है। यह आंकड़ा tatapower.com और rahyni.com जैसे सरकारी और भरोसेमंद वेबसाइट्स पर आधारित है।
सब्सिडी के बाद Tata Solar सिस्टम की अंतिम लागत
अगर हम Tata Solar के 5kW ऑन-ग्रिड सिस्टम की न्यूनतम कीमत ₹3,00,000 मानते हैं और उस पर पूरी ₹1,08,000 की सब्सिडी लागू करते हैं, तो अंतिम लागत केवल ₹1,92,000 बैठती है। वहीं यदि इंस्टॉलेशन की कीमत अधिकतम ₹3,50,000 हो और उसी हिसाब से सब्सिडी मिले, तब उपभोक्ता को कुल ₹2,42,000 का खर्च आएगा।
यदि किसी उपभोक्ता को केवल केंद्र सरकार की ₹78,000 वाली सब्सिडी ही मिलती है, और राज्य सरकार की ओर से कोई सहायता नहीं मिलती, तो उस स्थिति में कुल खर्च ₹2,22,000 से ₹2,72,000 के बीच हो सकता है। यह दर्शाता है कि दोनों स्तरों पर सब्सिडी मिलने पर यह सिस्टम और भी किफायती हो जाता है।
सरकार से सब्सिडी प्राप्त करने की प्रक्रिया
राज्य सब्सिडी प्राप्त करने के लिए यह अनिवार्य है कि सोलर इंस्टॉलेशन किसी UPNEDA या DISCOM से मान्यता प्राप्त (empanelled) इंस्टॉलर के माध्यम से ही कराया गया हो। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में राज्य सरकारें केवल उन्हीं उपभोक्ताओं को सब्सिडी देती हैं जो इन अधिकृत एजेंसियों द्वारा सोलर सिस्टम लगवाते हैं।
साथ ही, सब्सिडी के लिए आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन DBT (Direct Benefit Transfer) पोर्टल के माध्यम से होती है। उपभोक्ता को इंस्टॉलेशन पूर्ण हो जाने और नेट मीटरिंग की सुविधा लगने के बाद पोर्टल पर आवेदन करना होता है। इंस्टॉलर को यह जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि वह DBT पोर्टल पर आवेदन कराने और सभी जरूरी कागज़ी कार्रवाई में सहायता करेगा।
ऑफ-ग्रिड विकल्प और लागत
अगर कोई उपभोक्ता ऑन-ग्रिड की बजाय ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम लगवाना चाहता है — यानी ऐसा सिस्टम जो बिजली कटने की स्थिति में बैटरी बैकअप प्रदान करता है, तो इसकी लागत अपेक्षाकृत अधिक होती है। Tata Solar या अन्य ब्रांड्स के ऑफ-ग्रिड सिस्टम की कीमत ₹4 लाख या उससे अधिक हो सकती है।
ऑफ-ग्रिड सिस्टम खासकर ग्रामीण इलाकों में या उन क्षेत्रों में अधिक उपयोगी होते हैं जहां बिजली की कटौती आम है। हालांकि, ऑफ-ग्रिड सिस्टम पर मिलने वाली सब्सिडी की शर्तें ऑन-ग्रिड सिस्टम से अलग होती हैं और इसकी प्रक्रिया भी थोड़ी अधिक जटिल हो सकती है।
ऊर्जा स्वतंत्रता की ओर बढ़ता कदम
Tata Power Solar का 5kW ऑन-ग्रिड सिस्टम सालाना लगभग 6000 से 7500 यूनिट तक बिजली उत्पन्न करने की क्षमता रखता है। यह घरेलू उपयोग के लिए पर्याप्त होता है और कई घरों के बिजली बिल को शून्य तक ला सकता है। इसके साथ ही यह कार्बन उत्सर्जन को कम करता है और पर्यावरण के लिए फायदेमंद है।
भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक देश की 50% बिजली जरूरतें Renewable Energy से पूरी की जाएं। इस दिशा में Tata Solar जैसे विश्वसनीय ब्रांड्स का सहयोग और केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा दी जा रही सब्सिडी योजनाएं एक बड़ा योगदान दे रही हैं।