
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana) भारत सरकार की एक ऐतिहासिक पहल है, जिसका उद्देश्य देश के 1 करोड़ घरों की छतों पर Rooftop Solar Panel लगाकर उन्हें हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली उपलब्ध कराना है। यह योजना न केवल आम नागरिकों को बिजली के खर्च से राहत देती है, बल्कि भारत को Renewable Energy के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम भी है।
क्या है योजना का उद्देश्य और क्या मिलेगा लाभ
इस योजना का मूल उद्देश्य भारत के आम नागरिक को Clean Energy मुहैया कराना और बिजली के खर्च को शून्य के करीब लाना है। सरकार के अनुसार, जो उपभोक्ता इस योजना के तहत Solar Panel लगवाते हैं, वे 5 से 6 वर्षों में अपनी पूरी लागत की भरपाई कर लेते हैं। इसके बाद अगले 20 से 25 साल तक उन्हें मुफ्त बिजली का लाभ मिलता है। इतना ही नहीं, यदि कोई घर तय सीमा से अधिक बिजली उत्पन्न करता है, तो वह Net-Metering के माध्यम से अतिरिक्त बिजली DISCOM को बेच सकता है और उससे आर्थिक लाभ भी कमा सकता है।
सब्सिडी की राशि और खर्च की गणना
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में Rooftop Solar Panel Installation के लिए सरकार द्वारा सीधी सब्सिडी दी जा रही है। 1 से 2 kW के सिस्टम पर ₹30,000 से ₹60,000 तक, 2 से 3 kW पर ₹60,000 से ₹78,000 और इससे अधिक की क्षमता वाले सिस्टम पर अधिकतम ₹78,000 तक की सहायता सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के ज़रिए ट्रांसफर की जाती है। यह सुविधा खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो बिजली के खर्च से परेशान हैं लेकिन एकमुश्त बड़ा निवेश नहीं कर सकते।
आसान लोन और कोलैटरल की छूट
इस योजना में खास बात यह है कि सरकार 3 kW तक के सोलर सिस्टम पर लगभग 7% की ब्याज दर पर लोन सुविधा दे रही है और इसके लिए किसी भी प्रकार की बैंक गारंटी या कोलैटरल की आवश्यकता नहीं होती। यह सुविधा मुख्य रूप से मध्यम और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए तैयार की गई है ताकि वे भी इस योजना का लाभ आसानी से उठा सकें और Renewable Energy के क्षेत्र में योगदान दे सकें।
नेट-मीटरिंग से होगा अतिरिक्त कमाई का रास्ता
Net-Metering एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें उपभोक्ता अपने Rooftop Solar System से उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को अपने स्थानीय DISCOM को बेच सकता है। इसके लिए DISCOM उपभोक्ता को बिजली की दरों के अनुसार भुगतान करता है, जिससे घर में इस्तेमाल के अलावा अतिरिक्त बिजली एक कमाई का साधन बन जाती है। हालांकि हर राज्य में Net-Metering के नियम अलग-अलग हैं, इसलिए योजना में आवेदन करने से पहले अपने राज्य के DISCOM कार्यालय से जानकारी लेना अनिवार्य है।
पात्रता के नियम और ज़रूरी शर्तें
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ बुनियादी पात्रता शर्तें निर्धारित की गई हैं। लाभार्थी भारतीय नागरिक होना चाहिए और उसके पास वैध बिजली कनेक्शन होना अनिवार्य है। साथ ही, उसके घर की छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए पर्याप्त स्थान होना चाहिए। यदि लाभार्थी ने पहले किसी अन्य Solar Subsidy योजना का लाभ नहीं लिया है, तो वह इस योजना के लिए पात्र है। सरकार का फोकस विशेष रूप से मध्यम और निम्न आय वर्ग पर है, और उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में अतिरिक्त सहायता भी प्रदान की जा रही है।
आवेदन की ऑनलाइन प्रक्रिया
इस योजना में शामिल होने के लिए सबसे पहले आधिकारिक पोर्टल pmsuryaghar.gov.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होता है। उपभोक्ता को अपने राज्य, जिला, DISCOM, बिजली उपभोक्ता संख्या, आधार कार्ड और बैंक अकाउंट की जानकारी दर्ज करनी होती है। इसके बाद DISCOM द्वारा आवेदन की feasibility जांच की जाती है और Net-Metering की अनुमति दी जाती है। अनुमति मिलने के बाद लाभार्थी सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विक्रेता का चयन करता है, जो Solar Panel का इंस्टॉलेशन करता है। इंस्टॉलेशन के बाद सब्सिडी की राशि सीधे लाभार्थी के खाते में भेज दी जाती है।
योजना की स्थिति और राज्यवार प्रगति
देशभर में इस योजना को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। गुजरात इस योजना में सबसे आगे है, जहां अब तक 3.36 लाख से अधिक सिस्टम लगाए जा चुके हैं। इन सिस्टम्स से कुल 1,232 मेगावाट बिजली उत्पन्न हो रही है और ₹2,362 करोड़ की सब्सिडी वितरित की जा चुकी है। त्रिपुरा में लगभग 80,000 घरों को योजना का लाभ मिला है और वहां प्रति kW ₹19,800 की सहायता दी गई है। वहीं आंध्र प्रदेश में 5.9 लाख SC/ST परिवारों को 2 kW के मुफ्त सोलर सिस्टम दिए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में विशेष योजनाएं
उत्तर प्रदेश में यह योजना और भी आकर्षक बन गई है। यहां राज्य सरकार की UP Solar Rooftop Yojana के तहत उपभोक्ताओं को 40% तक की सब्सिडी मिल रही है। इसके अलावा कुछ पात्र परिवारों को पूरी तरह मुफ्त सोलर पैनल भी दिए जा रहे हैं। इसके लिए पात्रता की जांच, ऑनलाइन आवेदन और DISCOM की स्वीकृति जरूरी है।
रखरखाव और दीर्घकालिक फायदे
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में सोलर सिस्टम के इंस्टॉलेशन के बाद 5 वर्षों तक इसका रखरखाव विक्रेता या सरकार द्वारा नियुक्त एजेंसी द्वारा किया जाता है। साथ ही, सोलर पैनल की औसतन उम्र 25 वर्षों तक मानी जाती है। इससे यह योजना एक दीर्घकालिक निवेश का स्वरूप लेती है। कुछ राज्यों जैसे छत्तीसगढ़ में ₹15,000 से ₹30,000 की अतिरिक्त सहायता दी जा रही है जिससे उपभोक्ता को और अधिक लाभ प्राप्त हो रहा है।