
सुजलोन एनर्जी, भारत की प्रमुख रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों में से एक, 2025 में स्टॉक मार्केट से पिछड़ रही है और इसका प्रदर्शन व्यापक बाजार से कमजोर दिखाई दे रहा है। हालांकि, कंपनी ने पिछले दशक में कई वित्तीय संकटों और उद्योग से संबंधित समस्याओं का सामना किया है, फिर भी डोमेस्टिक ब्रोकरेज फर्म B&K सिक्योरिटीज का मानना है कि सुजलोन एनर्जी एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ी है और इसके पास अपनी स्थिति को सुधारने का एक सुनहरा अवसर है। इसके बावजूद, यह ब्रोकरेज फर्म सुजलोन के स्टॉक को लेकर कोई विशेष रेटिंग नहीं देती है, बल्कि कंपनी के भविष्य की दिशा को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण कारकों पर प्रकाश डालती है।
सुजलोन एनर्जी का वर्तमान स्टॉक प्रदर्शन
सुजलोन एनर्जी का स्टॉक वर्तमान में कई प्रमुख मूविंग एवरेजेस जैसे 5-दिन, 10-दिन, 20-दिन, 30-दिन, 50-दिन, 100-दिन, 150-दिन और 200-दिन मूविंग एवरेजेस से ऊपर ट्रेंड कर रहा है। इसका मतलब यह है कि कुछ हद तक बाजार में विश्वास बना हुआ है, हालांकि कुल मिलाकर 2025 में स्टॉक का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर नजर आ रहा है। B&K सिक्योरिटीज के अनुसार, सुजलोन को अपनी स्थिति सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण कारक हैं, जैसे कि मजबूत कार्यान्वयन क्षमता, अनुकूल नियामक समर्थन और भारत की बढ़ती ऊर्जा की मांग।
भारत की ऊर्जा की मांग FY30 तक 7% की CARG (Compound Annual Growth Rate) से बढ़ने का अनुमान है, और यह 2047 तक कुल 708 GW तक पहुंच सकती है। इस बढ़ती मांग को पूरा करने में पवन ऊर्जा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। सुजलोन, जो पवन टरबाइन जनरेशन (WTG) के क्षेत्र में प्रमुख खिलाड़ी है, इस प्रवृत्ति से लाभान्वित हो सकती है। इसके अलावा, भारत में पवन ऊर्जा घटकों जैसे ब्लेड्स, टावर्स, गियरबॉक्स और जेनरेटर के स्थानीय निर्माण को बढ़ावा देने के लिए RLMM (Renewable Energy Local Manufacturing and Manufacturing) ड्राफ्ट नोटिफिकेशन की पहल की जा रही है। यह नियामक सुधार भारत के जलवायु परिस्थितियों के अनुरूप टरबाइन डिज़ाइनों को बढ़ावा देगा और स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला को सशक्त करेगा।
भारत में पवन ऊर्जा की बढ़ती भूमिका
भारत में पवन ऊर्जा की भूमिका आगामी वर्षों में महत्वपूर्ण रूप से बढ़ने वाली है। जबकि सोलर एनर्जी के टैरिफ़ प्रतिस्पर्धी बने हुए हैं, पवन ऊर्जा की ग्रिड स्थिरता, खासकर गैर-सोलर घंटों के दौरान, इसे भारत की ऊर्जा मिश्रण का अनिवार्य हिस्सा बनाती है। पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा की न्यूनतम उत्पादन अवधि में, ऊर्जा ग्रिड को स्थिर रखने में मदद करती है, जिससे पूरे ऊर्जा नेटवर्क में निरंतरता बनी रहती है। इसलिए, पवन ऊर्जा भारत की दीर्घकालिक ऊर्जा रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है, जो सुजलोन जैसी कंपनियों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
इसके अतिरिक्त, सरकार की नीतियाँ, जैसे RLMM नोटिफिकेशन, सुजलोन की भविष्यवाणियों को और अधिक सशक्त बनाती हैं। इस मैनडेट में स्थानीय साइबर सुरक्षा, अनुसंधान और विकास (R&D), और भारत की जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल टरबाइन डिज़ाइनों के लिए विशिष्टताएँ दी गई हैं। इन कदमों से न केवल आयातों पर निर्भरता कम होगी, बल्कि स्थानीय निर्माण क्षमता में भी वृद्धि होगी और पवन ऊर्जा समाधानों की दक्षता भी बढ़ेगी।
सुजलोन एनर्जी की संभावनाएँ और सुधार
B&K सिक्योरिटीज का मानना है कि सुजलोन एनर्जी एक संरचनात्मक सुधार के कगार पर खड़ी है, और इसके कार्यान्वयन क्षमता और अनुकूल नियामक माहौल के चलते कंपनी स्थिर वृद्धि की ओर अग्रसर है। कंपनी के पास अपने प्रमुख क्षेत्रों में मजबूत कार्यान्वयन क्षमता, जैसे कि WTG सेगमेंट, ऑपरेशनल मेंटेनेंस सर्विसेज (OMS), और विस्तारशील फाउंड्री क्षमताएँ, हैं, जो इसके बाजार में मजबूती प्रदान करती हैं। इन ताकतों के कारण, कंपनी FY26 तक 60% YoY (Year on Year) ग्रोथ प्राप्त कर सकती है, भले ही व्यापक बाजार में चुनौतियाँ बनी रहें।
स्टॉक प्रदर्शन और निवेशकों की राय
सुजलोन का स्टॉक हाल ही में अस्थिर रहा है। ताज़ा ट्रेडिंग सत्र में, सुजलोन का स्टॉक 66 रुपये के आसपास बना हुआ था, जबकि यह अभी भी अपने 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर (86.04 रुपये) से 23% नीचे है, जो सितंबर 2024 में था। कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 90,000 करोड़ रुपये से अधिक है। हालांकि, कुछ विश्लेषक, जैसे कि आनंद राठी शयर और स्टॉक ब्रोकर्स, ने स्टॉक पर सकारात्मक रुख अपनाया है, वहीं अन्य ब्रोकरेज फर्मों ने मिश्रित राय दी है। आनंद राठी ने हाल ही में सुजलोन पर कवरेज फिर से शुरू किया है और “बाय” रेटिंग दी है, जिसमें कंपनी के रिकॉर्ड-उच्च ऑर्डर बुक और 830 करोड़ रुपये के शुद्ध नकद स्थिति का उल्लेख किया गया है। कंपनी के 5.6 GW के ऑर्डर बुक और भारत द्वारा 2030 तक 10 GW पवन क्षमता जोड़ने के लक्ष्य से कंपनी को लाभ होने की संभावना है।
वहीं, मोतीलाल ओसवाल और जेएम फाइनेंशियल ने भी स्टॉक पर “बाय” रेटिंग बनाए रखी है, और उनके द्वारा सुझाए गए लक्ष्य मूल्य क्रमशः 85 रुपये और 81 रुपये हैं। इन विश्लेषकों का मानना है कि सुजलोन की स्थिति, इसके प्रमुख क्षेत्रों में कार्यान्वयन क्षमता, और सकारात्मक नीतियों के कारण यह लंबे समय तक अच्छा प्रदर्शन कर सकती है।
सुजलोन एनर्जी का भविष्य
सुजलोन एनर्जी को आने वाले वर्षों में भारत के महत्वाकांक्षी रिन्यूएबल एनर्जी लक्ष्यों से लाभ हो सकता है, जिसमें पवन क्षमता को 2047 तक 400 GW तक बढ़ाने की योजना है। कंपनी की पवन टरबाइन जनरेशन में नेतृत्व की स्थिति और बढ़ती ऑर्डर बुक इसे इन दीर्घकालिक प्रवृत्तियों से लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में रखती है। इसके अलावा, कंपनी का वित्तीय पुनर्गठन और कर्ज में कमी के प्रयासों से भी निवेशकों का विश्वास बढ़ सकता है। यदि सुजलोन अपनी मौजूदा योजनाओं और स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला के विकास पर ध्यान केंद्रित करती है, तो यह भारत की रिन्यूएबल एनर्जी वृद्धि से अच्छे लाभ की संभावना रखती है।