
कृषि के क्षेत्र में किसानों के लिए एक नई उम्मीद की किरण जागी है, खासकर उन किसानों के लिए जो सब्जी, मसाले और फलों की खेती करते हैं। बारिश के मौसम में इनकी उपज को सुरक्षित रखना एक बड़ी चुनौती बन जाती है। इसके साथ ही, उन्हें बाजार में इन उत्पादों के उचित मूल्य भी नहीं मिल पाते। ऐसे में किसानों के लिए सोलर ड्रायर एक वरदान साबित हो सकता है। इस ड्रायर के जरिए वे अपनी फसल को न केवल बेहतर तरीके से सुखा सकते हैं, बल्कि उसकी वैल्यू एडिशन के माध्यम से अच्छे दामों पर भी बेच सकते हैं। इसके अलावा, सोलर ड्रायर का उपयोग करके किसानों को ऊर्जा खर्च से भी राहत मिलेगी, क्योंकि यह रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) का उपयोग करता है।
सोलर ड्रायर की यूनिट पर अनुदान
मध्य प्रदेश के सागर जिले में कृषि विभाग ने किसानों को सोलर ड्रायर यूनिट स्थापित करने के लिए अनुदान (Subsidy) देने की योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, किसानों को सोलर ड्रायर की यूनिट स्थापित करने के लिए लगभग तीन लाख रुपये का खर्च आता है, जिसमें से 1,40,000 रुपये की सब्सिडी सरकार द्वारा दी जाएगी। इस योजना के तहत सोलर ड्रायर की मदद से किसान अपनी उपज को लगभग एक क्विंटल तक सुखा सकते हैं और उस पर कोई बिजली खर्च भी नहीं होगा, क्योंकि यह पूरी तरह से सौर ऊर्जा (Solar Energy) से संचालित होता है। इससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि पर्यावरण की दृष्टि से भी यह एक शानदार कदम साबित होगा।
बढ़ेगी किसानों की आमदनी
सोलर ड्रायर का उपयोग करके किसान अपनी सब्जियों, मसालों और फलों को सुखा कर उन्हें एक नई बाजार में पेश कर सकते हैं। इससे न सिर्फ उनकी उपज की shelf-life बढ़ेगी, बल्कि अधिक समय तक सहेज कर रखने से उसे अच्छे दामों पर बेचा जा सकेगा। यह तरीका किसानों के लिए खास तौर पर लाभकारी है, क्योंकि यह उन्हें मौसम के उतार-चढ़ाव से बचाने के साथ-साथ एक स्थिर आय का स्रोत भी प्रदान करता है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, यदि किसान इस योजना के तहत सोलर ड्रायर का इस्तेमाल करते हैं और कृषि अधिकारियों तथा वैज्ञानिकों की सलाह पर काम करते हैं, तो उन्हें खेती में सफलता मिलना निश्चित है।
इस योजना में किसान ऐसे आवेदन करें
किसान भाई इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए सबसे पहले उद्यानिकी विभाग के पोर्टल पर जाकर पंजीकरण (Registration) करवा सकते हैं। पंजीकरण के बाद, वे ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया को पूरा करेंगे। इस प्रक्रिया में उन्हें ‘एमआईजीएच एकीकृत बागवानी मिशन’ (MIGH Integrated Horticulture Mission) की योजना का चयन करना होगा। इसके बाद, उन्हें आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक की फोटो कॉपी और बी1-बी2 की नकल अपलोड करनी होगी। आवेदन प्रक्रिया के बाद यह उद्यानिकी विभाग के पास स्वीकृति के लिए जाएगा। जैसे ही आवेदन स्वीकृत होगा, किसान के खाता में 1,40,000 रुपये की सब्सिडी ट्रांसफर कर दी जाएगी। इस प्रक्रिया में विकासखंड अधिकारी द्वारा वेरिफिकेशन किया जाएगा, जिससे योजना के लाभार्थी किसान का चयन सुनिश्चित किया जाएगा।
किसान भाइयों को सोलर ड्रायर का लाभ
सोलर ड्रायर का प्रमुख लाभ यह है कि यह बिजली खर्च की आवश्यकता को समाप्त करता है। इसके अलावा, इसे स्थापित करने के बाद किसान अपनी उपज को आसानी से सूखा सकते हैं और वे अधिक समय तक उसे स्टोर कर सकते हैं। मौसम की अनिश्चितता, जैसे बारिश या ओलावृष्टि, के कारण होने वाले नुकसान से बचने के लिए सोलर ड्रायर बेहद लाभकारी है। इस प्रणाली का उपयोग करते हुए किसान न केवल अपनी उपज का बेहतर मूल्य पा सकते हैं, बल्कि इसके माध्यम से वे अपनी कृषि व्यवसाय में भी सुधार ला सकते हैं।
सोलर ड्रायर का यह उपाय किसानों के लिए एक बड़े अवसर के रूप में सामने आया है, क्योंकि यह न केवल उनकी कृषि क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि उनकी आमदनी में भी वृद्धि करता है।
सागर के कृषि विभाग के अधिकारी की राय
सागर में स्थित हॉर्टिकल्चर विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. पीएस बडोले ने लोकल 18 से बात करते हुए कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आमदनी में वृद्धि करना और कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाना है। उनका कहना है कि इस योजना से किसानों को बहुत लाभ होगा, खासकर अगर वे इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अपनाते हैं। अगर किसान इस योजना के तहत सोलर ड्रायर का सही तरीके से इस्तेमाल करते हैं, तो उनकी कृषि उत्पादन प्रणाली में कई सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।
सोलर ड्रायर और कृषि का भविष्य
सोलर ड्रायर का उपयोग कृषि क्षेत्र में एक नवाचारी कदम साबित हो सकता है, जो न केवल किसानों की उत्पादकता बढ़ाएगा, बल्कि पर्यावरण को भी लाभ पहुंचाएगा। यह सोलर एनर्जी (Solar Energy) का बेहतर उपयोग करके न केवल खेती को लाभकारी बनाएगा, बल्कि इसे और अधिक स्थिर और दीर्घकालिक बनायेगा।
यह योजना उन किसानों के लिए है, जो अपनी उपज को अधिक समय तक सुरक्षित रखना चाहते हैं और उच्च दामों पर बेचना चाहते हैं। इस पहल से किसानों की आय में वृद्धि होने के साथ-साथ, कृषि के क्षेत्र में नए प्रयोगों को अपनाने के लिए एक प्रेरणा मिल सकती है।