
Sterling and Wilson Renewable Energy (SW Solar) का शेयर एक समय ₹828 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका था, लेकिन मई 2024 में इस शिखर को छूने के बाद इसमें करीब 60% की गिरावट दर्ज की गई। रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy सेक्टर में काम करने वाली इस कंपनी के शेयर में आई गिरावट ने निवेशकों को असमंजस में डाल दिया है कि क्या यह स्टॉक दोबारा ₹800 के पार जा सकेगा या नहीं।
नाइजीरिया प्रोजेक्ट में देरी और फॉरेक्स लॉस ने डाला असर
SW Solar के शेयर में आई गिरावट के पीछे मुख्य वजह रही फॉरेक्स लॉस (Forex Loss)। करेंसी फ्लक्चुएशन के चलते कंपनी को भारी नुकसान हुआ जिससे उसका फाइनेंशियल प्रदर्शन प्रभावित हुआ। इसके अलावा, कंपनी का एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट नाइजीरिया में चल रहा है, जिसमें देरी के कारण इन्वेस्टर्स के बीच नेगेटिव सेंटीमेंट पनपा। कंपनी की ओर से इस प्रोजेक्ट को लेकर डिस्क्लोजर में हुई देरी ने निवेशकों के भरोसे को और कमजोर किया।
विदेशी और घरेलू संस्थागत निवेशकों ने घटाई हिस्सेदारी
जनवरी से मार्च 2025 की तिमाही के आंकड़ों के अनुसार, FIIs (Foreign Institutional Investors) और DIIs (Domestic Institutional Investors) ने SW Solar में अपनी हिस्सेदारी कम की है। FIIs की हिस्सेदारी 10.39% से घटकर 8.43% रह गई, जबकि DIIs की हिस्सेदारी 9.82% से गिरकर 7.52% हो गई। यह गिरावट बताती है कि प्रोफेशनल निवेशक स्टॉक को लेकर फिलहाल सतर्क रुख अपना रहे हैं।
तिमाही नतीजों से पहले शेयर में दिख सकती है हलचल
कंपनी के तिमाही नतीजे 17 जुलाई 2025 को आने वाले हैं और विश्लेषकों का मानना है कि इन नतीजों से पहले शेयर में अच्छी-खासी हलचल देखने को मिल सकती है। गौरतलब है कि कंपनी ने चार वर्षों के घाटे के बाद पहली बार FY 2024-25 में मुनाफा दर्ज किया है, जिससे निवेशकों को फिर से उम्मीद की किरण नजर आने लगी है।
रिलायंस से जुड़ाव बना रहा है पॉजिटिव सेंटिमेंट
SW Solar के शेयर को लेकर एक बड़ा पॉजिटिव फैक्टर यह है कि Reliance Industries ने कंपनी में प्रमोटर के रूप में 32% से अधिक हिस्सेदारी हासिल की है। भारत की सबसे बड़ी निजी कंपनी द्वारा प्रमोट की जा रही यह Renewable Energy कंपनी निवेशकों को लंबे समय में भरोसेमंद विकल्प के रूप में नजर आ सकती है। रिलायंस का नाम अपने आप में एक मजबूत ब्रांड वैल्यू लेकर आता है जो कंपनी के शेयर को सपोर्ट प्रदान कर सकता है।
मजबूत ऑर्डर बुक दे रही है भविष्य की दिशा
कंपनी के पास फिलहाल ₹9096 करोड़ की Order Book है, जिसमें से 84% ऑर्डर भारत से और शेष 16% इंटरनेशनल मार्केट से हैं। कंपनी का दावा है कि दिसंबर 2025 तक बाजार में 22-23 गीगावाट के नए टेंडर आएंगे और उसकी 30% मार्केट हिस्सेदारी को देखते हुए 6 गीगावाट तक के प्रोजेक्ट मिलने की संभावना है। यह ऑर्डर बुक कंपनी के भविष्य को लेकर एक सकारात्मक संकेत देती है।
भारत में Renewable Energy सेक्टर के अवसर
भारत सरकार ने 300 गीगावाट Green Energy उत्पादन का लक्ष्य तय किया है, लेकिन अब तक सिर्फ 100 गीगावाट तक का ही उत्पादन हो सका है। इसका मतलब है कि आने वाले वर्षों में रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में बड़े प्रोजेक्ट्स लॉन्च होंगे और इस सेक्टर में काम करने वाली कंपनियों के लिए यह एक बेहतरीन अवसर होगा। SW Solar पहले से इस स्पेस में मजबूत उपस्थिति रखती है और उसका फायदा उसे मिल सकता है।
नाइजीरिया प्रोजेक्ट से अभी भी है उम्मीद
हाल ही में कंपनी ने जानकारी दी कि नाइजीरिया प्रोजेक्ट का फाइनेंशियल क्लोजर अगले 9 महीनों में हो सकता है। यानी प्रोजेक्ट में देरी जरूर है, लेकिन वह कैंसिल नहीं हुआ है। जैसे ही यह प्रोजेक्ट शुरू होता है, कंपनी के रेवेन्यू पर सकारात्मक असर पड़ेगा। यह प्रोजेक्ट कंपनी के अंतरराष्ट्रीय विस्तार को भी दर्शाता है।
ब्रोकरेज व्यू निवेशकों के लिए क्या है रणनीति?
Laxmishri Securities के हेड ऑफ रिसर्च के अनुसार, उन्होंने SW Solar के शेयर को ₹324 पर खरीदने की सलाह दी है। उनका शॉर्ट टर्म टारगेट ₹348.90 है। अगर यह स्तर पार होता है तो अगला लक्ष्य ₹441 का हो सकता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह एक बाइंग क्लाइमेक्स वाला स्टॉक है, जिसमें छोटे-छोटे बाउंस-बैक आते रहेंगे लेकिन ₹700-₹800 तक की रैली आसान नहीं होगी।
विश्लेषकों का मानना है कि अगर पूरा फॉल का 50% रिट्रेसमेंट निकाला जाए, तो यह शेयर ₹521 तक जा सकता है, लेकिन इसके लिए ₹350 और फिर ₹441 का स्तर पार करना जरूरी होगा।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि शॉर्ट टर्म रिटर्न के लिए स्टेयर-स्टेप फैशन में निवेश करना बेहतर होगा, यानी जैसे-जैसे स्टॉक ऊपर जाए, निवेशक अगले टारगेट पर नजर रखें। लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स के लिए रिलायंस की हिस्सेदारी, कंपनी की ऑर्डर बुक और भारत में ग्रीन एनर्जी की संभावनाएं निवेश को आकर्षक बनाती हैं।