
भारत सरकार देश की रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर को बढ़ाने के लिए कई प्रकार की परियोजनाएं शुरू कर रही है। सरकार के साथ देश की कंपनियां भी इसमें अपना महत्वपूर्ण योगदान कर रही है। हाल ही एसीएमई सोलर होल्डिंग्स ने NHPC के साथ बहुत बड़ा एग्रीमेंट किया है। यह डील आंध्र प्रदेश की दो बड़ी बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम प्रोजेक्ट्स के लिए की गई है। इस प्रोजेक्ट्स 275/550 मेगावाट क्षमता का होने वाले हैं।
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प्रोजेक्ट और सरकारी सहायता
ACME Solar ने 24 जून 2025 को यह प्रोजेक्ट्स ऑनलाइन बोली लगाकर हासिल किए हैं। ये दो प्रकार के यूनिट्स है छोटी और बड़ी यूनिट।
50 मेगावाट/100 मेगावाट- ये छोटी यूनिट है जिसके लिए 2,10,000 रूपए का किराया निर्धारित है। यह हर महीने प्रति मेगावाट पर लिया जाएगा।
225 मेगावाट/450 मेगावाट- ये एक बड़ी यूनिट है जिसके लिए हर महीने प्रति मेगावाट 2,22,000 रूपए का किराया निर्धारित किया गया है।
भारत सरकार व्यवहार्यता गैप फंडिंग योजना के माध्यम से इन दोनों प्रोजेक्ट्स के लिए सहायता करेगी। सरकार हर MWh पर 27 लाख रूपए की मदद करेहि अथवा प्रोजेक्ट की कुल कीमत पर 30% की मदद कर सकती है।
तेजी से हो रहा काम!
जानकारी के लिए बता दें 8 जुलाई 2025 को कंपनी को लेटर ऑफ अवार्ड मिल गया है वैसे ही BESS परचेज एग्रीमेंट को भी मंजूरी मिल गई है और साइन हो गए हैं। आंध्र प्रदश राज्य पहले से ही इस प्रोजेक्ट्स के लिए तैयार है। प्रोजेक्ट्स को जल्दी और पूरा करने के लिए राज्य सरकार जमीन और आवश्यकता सुविधाएं देनी वाली है।
एनर्जी सेक्टर में न्यू मॉडल
आंध्र प्रदेश में बिजली ग्रिड को और भी मजबूत करने के लिए पहले बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम प्लांट लगने वाले हैं। इन प्लांटों में बिजली स्टोर होगी जो जरुरत पड़ने पर काम आएगी। जब बिजली की आवयश्कता पड़ेगी तो ये प्लांट बिजली ग्रिड को भेजेंगे। यानी की सूर्य और हवा से बनने वाली बिजली ग्रिड से जोड़ी जाएगी।
ये प्रोजेक्ट बहुत ही खास हैं जो BESS-एज-ए-सर्विस मॉडल है यानी की यूनिक तरीके से काम करने वाली है। इसमें किराया बिजली स्टोर करने की कैपेसिटी के आधार पर लिया जाएगा। इससे एसीएमई सोलर बड़े अमाउंट में बैटरी खरीदने और लगाएगा जिससे उसे बहुत अधिक फायदा होगा।