
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना (PM Surya Ghar Yojana) के तहत तमिलनाडु में सब्सिडी पर रुफटॉप सोलर सिस्टम (Rooftop Solar System) लगाने को लेकर आई दिक्कतें अब जल्द ही सुलझने वाली हैं। Tamil Nadu Power Distribution Corporation Limited (TNPDCL) और सोलर डेवलपर्स ने यह भरोसा दिलाया है, कि इस योजना की शुरुआती दिक्कतें (teething problems) जल्द ही दूर कर दी जाएंगी, और यह उपभोक्ताओं के लिए अधिक आकर्षक बन जाएगी।
आवेदन से लेकर इंस्टॉलेशन तक कई चरणों में आ रही हैं समस्याएं
हाल ही में चेन्नई में एक स्टेकहोल्डर्स कोऑर्डिनेशन मीटिंग आयोजित की गई, जिसे Citizen Consumer and Civic Action Group और TNPDCL ने मिलकर आयोजित किया था। इस बैठक में योजना के विभिन्न चरणों में आ रही दिक्कतों जैसे आवेदन प्रक्रिया, सेवा उपलब्ध कराने की प्रक्रिया और इंस्टॉलेशन के बाद सब्सिडी प्राप्त करने की समस्याओं पर चर्चा की गई। TNPDCL की एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और इस योजना की कोऑर्डिनेटर कार्तिकायिनी ने कहा कि वेन्डर्स को उपभोक्ताओं का डेटा पोर्टल पर दर्ज करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। गलत जानकारी भरने से सब्सिडी मिलने में देरी हो सकती है।
सब्सिडी की राशि और सीमा स्पष्ट की गई
PM Surya Ghar Yojana के तहत केंद्र सरकार हर 1 किलोवाट (kW) की रुफटॉप सोलर यूनिट के लिए ₹30,000 की सब्सिडी प्रदान कर रही है, जो अधिकतम 3kW तक लागू है। 3kW से ऊपर और 10kW तक की यूनिट के लिए प्रति किलोवाट ₹18,000 की सब्सिडी दी जाती है।
बैंकों से भी मिल रहा सहयोग, लेकिन कुछ व्यावहारिक समस्याएं हैं
Tamil Nadu Solar Energy Developers Association के ट्रेज़रर एल. आर. वेंकटेश ने सुझाव दिया कि बैंक रेजिडेंशियल वेलफेयर असोसिएशनों को भी फंडिंग प्रदान करें ताकि वे अपार्टमेंट्स के कॉमन एरिया में रुफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन कर सकें। Indian Overseas Bank के लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर आर. सोमेश सरवना ने बताया कि कई बैंक नए और मौजूदा हाउसिंग लोन के साथ सोलर सिस्टम के लिए लोन को जोड़ देते हैं और 3kW तक की यूनिट के लिए अतिरिक्त दस्तावेजों की ज़रूरत नहीं पड़ती।
ग्रामीण इलाकों और सार्वजनिक संस्थानों में उपयोगिता को लेकर समस्याएं
Anna University के इंस्टीट्यूट ऑफ एनर्जी स्टडीज़ के पूर्व प्रोफेसर आर. सेथुमाधवन ने बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHCs) में रुफटॉप सोलर यूनिट्स इंस्टॉल तो कर दी गई हैं, लेकिन तीन-फेज पॉवर सप्लाई नहीं होने के कारण इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि हाई वोल्टेज की समस्या और नेट मीटरिंग की जगह नेट फीड-इन टैरिफ लागू करने जैसी बाधाएं लोगों को सोलर सिस्टम लगाने से हतोत्साहित करती हैं। उन्होंने ज़ोर दिया कि इन तकनीकी और प्रशासनिक समस्याओं को सुलझाना जरूरी है ताकि अधिक से अधिक लोग इस योजना से लाभ उठा सकें।
केंद्र सरकार की ओर से मिली सब्सिडी की जानकारी
Union Ministry of Renewable Energy के नोडल अधिकारी रमेश बाबू ने बताया कि अब तक तमिलनाडु को ₹236 करोड़ की सब्सिडी वितरित की जा चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन्होंने फरवरी 2024 से पहले इस स्कीम के तहत आवेदन किया था लेकिन अब तक सेवा नहीं मिली है, वे जल्द ही दोबारा आवेदन कर सकते हैं।
योजना की सफलता के लिए सही तालमेल और डेटा प्रबंधन जरूरी है
स्टेकहोल्डर्स की इस बैठक का मकसद यह सुनिश्चित करना था, कि योजना से जुड़ी सभी एजेंसियां बैंकों, डिस्कॉम, डेवलपर्स और सरकारी विभागों के बीच बेहतर तालमेल बनाया जा सके। यह स्पष्ट किया गया कि केवल टेक्नोलॉजी या फंडिंग ही नहीं, बल्कि डेटा एंट्री और वास्तविक ऑन-ग्राउंड क्रियान्वयन में सुधार करने की जरूरत है।
रुफटॉप सोलर से मिलेगी बड़ी ऊर्जा स्वतंत्रता
PM Surya Ghar Yojana जैसे प्रोग्राम्स का मकसद भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाना है। तमिलनाडु जैसे राज्यों में जहां धूप प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, वहां रुफटॉप सोलर सिस्टम्स अपनाने से न केवल बिजली बिल में राहत मिलेगी बल्कि पर्यावरण के प्रति भी सकारात्मक योगदान होगा।