
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana) के तहत बनने वाले मॉडल सोलर गांव (Model Solar Village) को लेकर सरकार ने नियमों में बदलाव किया है। यह बदलाव नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New and Renewable Energy MNRE) ने किए हैं, ताकि योजना को ज्यादा आसान और सबके लिए लागू करने लायक बनाया जा सके। अब गांवों के चुनाव और पात्रता के नियम पहले से ज्यादा लचीले हो गए हैं। खासकर उन जिलों में जहां गांव कम हैं, या जनसंख्या बहुत कम है, वहां इस योजना को अब बेहतर तरीके से लागू किया जा सकेगा।
हर जिले में बनेगा एक मॉडल सोलर गांव
MNRE ने अगस्त 2023 में तय किया था, कि देश के हर जिले में एक मॉडल सोलर गांव बनाया जाएगा। इस योजना का मकसद यह है, कि गांवों में लोगों को साफ और हरित ऊर्जा यानी सोलर पावर दी जाए। इसके लिए गांवों में घरों की छतों पर सोलर सिस्टम लगाए जाएंगे, ताकि लोग खुद बिजली बना सकें, और सरकारी बिजली पर कम निर्भर रहें। इसके अलावा सोलर लाइट, सोलर वॉटर सिस्टम, खेतों के लिए सोलर पंप और गांवों की गलियों में सोलर स्ट्रीट लाइट भी लगाई जाएंगी।
अब गांवों की आबादी की शर्त में छूट
पहले नियम था, कि जिस गांव को मॉडल सोलर गांव बनाना है, उसकी जनसंख्या कम से कम 5,000 होनी चाहिए। और अगर वह गांव किसी पहाड़ी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में है, तो वहां यह संख्या 2,000 होनी चाहिए। लेकिन अब नए नियमों में यह कहा गया है कि अगर किसी जिले में 5,000 या 2,000 की आबादी वाले दस गांव नहीं हैं, तो वहां की जिला समिति (District Level Committee – DLC) सबसे ज्यादा आबादी वाले 10 गांवों को इस योजना के लिए चुन सकती है।
इसके अलावा अब DLC चाहे तो किसी एक गांव की जगह पर पूरी पंचायत को मॉडल सोलर पंचायत के तौर पर भी चुन सकती है। यह सुविधा खासतौर से उन जगहों के लिए है जहां गांव बहुत छोटे हैं या पहाड़ी और दूरदराज इलाके हैं।
अब Distributed Solar पर ज़ोर
पहले नियम था, कि वही गांव चुना जाएगा जिसके क्षेत्र में सबसे ज्यादा Renewable Energy लगी हो, चाहे वह किसी भी तरीके से लगी हो। अब यह बदला गया है। अब वही गांव चुना जाएगा, जहां सबसे ज्यादा Distributed Solar Capacity यानी कि घरों की छतों या खेतों में लगे छोटे-छोटे सोलर सिस्टम लगे हों। यह जरूरी नहीं है, कि वो सिस्टम सरकार ने लगाए हों, अगर लोगों ने खुद भी अपने पैसे से लगाए हैं, तो भी उन्हें गिना जाएगा। इससे फायदा यह होगा, कि लोग खुद सोलर सिस्टम लगाने के लिए आगे आएंगे, और उनका गांव मॉडल सोलर गांव बनने का मौका पाएगा।
पीएम सूर्य घर योजना का उद्देश्य
यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2024 में शुरू की थी। इसका उद्देश्य है, कि साल 2026-27 तक देश के एक करोड़ घरों में सोलर रूफटॉप सिस्टम लगाए जाएं। यानी कि लोग खुद अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगाकर बिजली बनाएं और मुफ्त बिजली का फायदा लें।
इस योजना के जरिए सरकार चाहती है कि गांव के लोग आत्मनिर्भर बनें और उन्हें बिजली के बिल से राहत मिले। साथ ही देश में Renewable Energy को बढ़ावा मिले और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे।
दूरदराज इलाकों के लिए वरदान
नए नियमों से यह योजना उन इलाकों तक पहुंच पाएगी, जहां पहले इसके लागू होने की संभावना कम थी। जैसे कि पहाड़ी, आदिवासी और कम आबादी वाले गांव। अब वहां भी सोलर सिस्टम लगाए जा सकेंगे और लोग मुफ्त बिजली का लाभ उठा सकेंगे। इससे न सिर्फ बिजली की सुविधा मिलेगी, बल्कि गांवों का विकास भी तेजी से होगा।
सरकार का यह कदम गांवों को पर्यावरण के अनुकूल बनाने और उन्हें स्मार्ट बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। इससे न केवल बिजली की समस्या सुलझेगी बल्कि रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में भी सुधार आएगा।