
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरु की गई “पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना” को लेकर एक खबर सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि बिजली विभाग की विशेष टीमें घर-घर जाकर सोलर सिस्टम लगाएंगी।
दावे की मुख्य जानकारी
प्रसारित हो रहे लेखों में यह बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को सफल बनाने के लिए बिजली विभाग ने कमर कस ली है, इंस्टॉलेशन (स्थापना) प्रक्रिया को गति देने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की विशेष टीमें गठित की जा रही हैं, जो सीधे उपभोक्ताओं के घरों तक पहुंचेंगी और सोलर पैनल स्थापित करेंगी।
योजना की आधिकारिक प्रक्रिया
“पीएम सूर्य घर योजना” की आधिकारिक गाइडलाइन्स इस वायरल दावे से थोड़ी अलग हैं, बिजली विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण है, लेकिन वे स्वयं इंस्टॉलेशन कार्य नहीं करते हैं।
- उपभोक्ताओं को पहले राष्ट्रीय पोर्टल pmsuryaghar.gov.in पर जाकर स्वयं ऑनलाइन पंजीकरण करना होता है।
- आवेदन स्वीकृत होने के बाद, उपभोक्ता अपनी पसंद के एक पंजीकृत और सूचीबद्ध विक्रेता का चयन करते हैं, जो इंस्टॉलेशन का काम करता है।
- बिजली विभाग (DISCOMs) मुख्य रुप से नेट-मीटरिंग के लिए तकनीकी व्यवहार्यता (technical feasibility) की मंजूरी देता है और इंस्टॉलेशन पूरा होने के बाद नेट मीटर लगाने के लिए अपनी टीम भेजता है, इसके बाद ही योजना के तहत सब्सिडी जारी की जाती है।
यह भी देखें: ₹50 से कम का यह सोलर स्टॉक है राइजिंग स्टार! शानदार नतीजों के बाद शेयर ने पकड़ी तेज़ स्पीड
भ्रामक खबरों से सावधान
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की खबरें उपभोक्ताओं को भ्रमित कर सकती है, इंस्टॉलेशन का काम निजी, लेकिन सरकार द्वारा सूचीबद्ध विक्रेताओं के माध्यम से ही किया जाता है।
उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी अनधिकृत व्यक्ति या टीम को सीधे तौर पर भुगतान न करें और योजना से जुड़ी सटीक जानकारी के लिए केवल आधिकारिक वेबसाइट pmsuryaghar.gov.in पर ही भरोसा करें।







