
भारत की अग्रणी सोलर एनर्जी कंपनी Waaree Energies एक बार फिर चर्चा में है। सोमवार को कंपनी का शेयर हल्की बढ़त के साथ ₹3062 पर बंद हुआ, जबकि दिन के दौरान यह ₹3085 तक पहुंचा। इस तेजी की वजह है कंपनी का सोलर वैल्यू चेन को मज़बूत करने की दिशा में किया गया रणनीतिक निवेश, जिसने निवेशकों और एनर्जी सेक्टर के विश्लेषकों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।
269 करोड़ रुपये का निवेश, सोलर चेन में नई मजबूती
कंपनी ने Cayman Islands स्थित United Solar Holding (USH) में करीब ₹269 करोड़ रुपये (लगभग 3 करोड़ अमेरिकी डॉलर) का निवेश करने का फैसला लिया है। यह निवेश उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी Waaree Solar Americas Inc के माध्यम से होगा। इस सौदे के तहत Waaree, USH के लगभग 53.68 लाख Series-B प्रेफर्ड शेयर खरीदेगी। फ़िलहाल कंपनी की हिस्सेदारी 5% से कम रहने का अनुमान है, लेकिन इससे ग्लोबल सोलर वैल्यू चेन में उसकी पकड़ और गहरी होगी।
डील जनवरी 2026 तक होगी पूरी
कंपनी ने 18 दिसंबर 2025 को USH के साथ Binding Term Sheet साइन की है। अब दोनों कंपनियां कुछ आवश्यक औपचारिकताओं और सामान्य नियामकीय शर्तों के पूरा होने पर डील को जनवरी 2026 तक फाइनल करेंगी। इस निवेश का उद्देश्य सिर्फ़ इक्विटी विस्तार नहीं, बल्कि लंबे समय के कच्चे माल की आपूर्ति को सुनिश्चित करना भी है।
ओमान के polysilicon प्लांट में मिलेगी हिस्सेदारी
इस समझौते की सबसे बड़ी खासियत यह है कि Waaree को USH के ओमान स्थित polysilicon प्लांट में प्रत्यक्ष हिस्सेदारी मिलेगी। यह प्लांट सालाना करीब 100 ktpa क्षमता वाला है और यहां तैयार polysilicon लगभग 40 GW सोलर मॉड्यूल्स के उत्पादन के लिए पर्याप्त है।
इसका एक बड़ा फायदा यह है कि Waaree की नागपुर स्थित 10 GW wafer-ingot यूनिट की जरूरतों का बड़ा हिस्सा इसी प्लांट से पूरा हो सकेगा। इस तरह कंपनी अपनी इन-हाउस मैन्युफैक्चरिंग चेन में आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम उठाती दिख रही है।
लागत में कमी और सप्लाई चेन में स्थिरता
अब तक Waaree Energies की polysilicon सप्लाई का बड़ा हिस्सा चीन जैसे देशों से आता था, जिससे लागत और सप्लाई चेन में जोखिम बना रहता था। ओमान के इस नए प्लांट से जुड़ाव कंपनी के लिए स्थिर और भरोसेमंद सप्लाई स्रोत मुहैया कराएगा। इससे न सिर्फ कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर घटेगा, बल्कि कंपनी की समग्र मैन्युफैक्चरिंग लागत पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह निवेश लंबे समय में Waaree को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अधिक सक्षम बनाएगा।
अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ेगा प्रभाव
Waaree Solar Americas Inc की मौजूदगी और यह नया निवेश कंपनी के अमेरिकी सौर ऊर्जा बाजार में कदम और मजबूत करेंगे। ओमान का यह प्लांट अब लगभग commissioning चरण में है, और अगले एक वर्ष में इसके पूर्ण रूप से चालू होने की उम्मीद है। इससे Waaree को अमेरिकी बाजार में सौर मॉड्यूल्स और कॉम्पोनेंट्स की तेजी से बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। साथ ही कंपनी की ब्रांड वैल्यू भी ग्लोबल स्तर पर नई ऊंचाइयों को छुएगी।
भविष्य की दिशा: आत्मनिर्भर और वैश्विक विजन
Waaree का यह निवेश सिर्फ़ एक वित्तीय निर्णय नहीं है। यह कंपनी की उस सोच का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टिकाऊ और आत्मनिर्भर सप्लाई नेटवर्क बनाना।
हाल के वर्षों में भारत ने सोलर एनर्जी में जबरदस्त प्रगति की है, लेकिन polysilicon जैसे रॉ मटेरियल की आयात निर्भरता हमेशा से चिंता का विषय रही है। इस डील के साथ Waaree उस निर्भरता को कम करने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है, जिससे भारत के सोलर सेक्टर को दीर्घकालिक मजबूती मिलेगी।







