
अगर आपके घर का बिजली बिल हर महीने औसतन ₹2,000 के आसपास आता है, तो आप निश्चित रूप से एक ऐसे पड़ाव पर हैं जहाँ सोलर सिस्टम लगाना न केवल पर्यावरण के लिए अच्छा है, बल्कि आपकी जेब के लिए एक बेहतरीन निवेश भी साबित हो सकता है।
लेकिन सवाल यह उठता है कि ₹2,000 के बिल के लिए कितने किलोवाट (kW) का सिस्टम पर्याप्त होगा? आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
1. अपनी बिजली की खपत को समझें
सोलर सिस्टम का चुनाव बिल की राशि से ज्यादा आपकी ‘यूनिट खपत’ पर निर्भर करता है। भारत के अधिकांश राज्यों में ₹7 से ₹8 प्रति यूनिट की औसत दर (फिक्स्ड चार्ज मिलाकर) मानकर चलें, तो ₹2,000 के बिल का मतलब है कि आप महीने में लगभग 250 से 300 यूनिट बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं।
2. आपके लिए कौन सा सिस्टम सही है?
एक सामान्य नियम के तौर पर, 1 kW का सोलर सिस्टम रोजाना लगभग 4 यूनिट बिजली बनाता है। यानी महीने में करीब 120 यूनिट।
- 2 kW का सोलर सिस्टम: यह महीने में लगभग 240 से 250 यूनिट जनरेट करता है। अगर आपका बिल ₹2,000 से थोड़ा कम या इसके आसपास रहता है, तो 2 kW का सिस्टम आपके लिए सबसे संतुलित विकल्प है।
- 3 kW का सोलर सिस्टम: अगर आप भविष्य में AC लगवाने की सोच रहे हैं या गर्मियों में आपका बिल ₹2,000 को पार कर जाता है, तो 3 kW का सिस्टम बेहतर रहेगा। यह महीने में 360 यूनिट तक बिजली दे सकता है, जिससे आपका बिल लगभग शून्य हो सकता है।
निष्कर्ष: ₹2,000 के बिल के लिए 2 kW का सोलर सिस्टम सबसे सटीक बैठता है।
3. इसमें क्या-क्या उपकरण और कितनी जगह चाहिए?
2 kW के सिस्टम को लगाने के लिए आपको बहुत बड़ी छत की जरूरत नहीं है:
- सोलर पैनल: अगर आप लेटेस्ट ‘मोनो पर्क’ (Mono PERC) पैनल चुनते हैं, तो मात्र 4 से 6 पैनल में काम हो जाएगा।
- जगह: इसके लिए लगभग 150 से 200 वर्ग फुट छाया-मुक्त (Shadow-free) जगह की आवश्यकता होती है।
- उपकरण: सोलर पैनल के साथ एक सोलर इन्वर्टर और अगर आप ऑफ-ग्रिड जा रहे हैं तो बैटरी की जरूरत होगी।
4. क्या-क्या चला पाएंगे?
2 kW का सिस्टम एक मध्यम वर्गीय परिवार की जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकता है:
- 1 फ्रिज, 1 टीवी और वाटर पंप।
- 4-5 पंखे और सभी LED लाइट्स।
- लैपटॉप, मिक्सर और अन्य छोटे इलेक्ट्रिक उपकरण।(नोट: यदि आप दिन में 1 टन का AC कुछ घंटों के लिए चलाना चाहते हैं, तो 3 kW की ओर जाना अधिक सुरक्षित है।)
5. खर्चा और सरकारी सब्सिडी
भारत सरकार की ‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ के तहत अब सोलर लगाना काफी किफायती हो गया है।
- अनुमानित लागत: 2 kW के ऑन-ग्रिड सिस्टम की कीमत ₹1,20,000 से ₹1,50,000 के बीच हो सकती है (ब्रांड के अनुसार)।
- सब्सिडी: वर्तमान नियमों के अनुसार, 2 kW के सिस्टम पर लगभग ₹60,000 तक की सब्सिडी मिल सकती है। इसके बाद आपकी जेब से लगने वाली प्रभावी लागत काफी कम हो जाती है।
6. निवेश की वापसी (ROI)
सोलर सिस्टम पर किया गया खर्च ‘खर्चा’ नहीं, बल्कि ‘इन्वेस्टमेंट’ है। ₹2,000 महीने की बचत का मतलब है साल के ₹24,000। सब्सिडी के बाद, आपका पूरा पैसा 3 से 4 साल में वसूल हो जाता है, जबकि सोलर पैनल की वारंटी 25 साल तक होती है। यानी अगले 20 साल तक आपको मुफ्त बिजली मिलेगी।
प्रो टिप: सिस्टम लगवाने से पहले अपने छत का निरीक्षण किसी विशेषज्ञ से जरूर करवाएं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वहां दिन भर अच्छी धूप आती हो। साथ ही, हमेशा ‘नेट मीटरिंग’ (Net Metering) का विकल्प चुनें ताकि आपकी बची हुई बिजली ग्रिड में वापस जा सके और आपका बिल जीरो हो सके।







