PM Surya Ghar Yojana: गुजरात बना पीएम सूर्य घर योजना का सबसे बड़ा लाभार्थी, 18,790 MW रूफटॉप सोलर के साथ देश में नंबर-1

क्या आप भी जीरो बिजली बिल का सपना देख रहे हैं? देखिए कैसे गुजरात के 5 लाख परिवारों ने सूरज को अपना पावर बैंक बना लिया और आप इस रेस में पीछे क्यों हैं।

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Written by Rohit Kumar

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PM Surya Ghar Yojana: गुजरात बना पीएम सूर्य घर योजना का सबसे बड़ा लाभार्थी, 18,790 MW रूफटॉप सोलर के साथ देश में नंबर-1
PM Surya Ghar Yojana: गुजरात बना पीएम सूर्य घर योजना का सबसे बड़ा लाभार्थी, 18,790 MW रूफटॉप सोलर के साथ देश में नंबर-1

भारत के ऊर्जा मानचित्र पर गुजरात ने एक बार फिर अपनी बादशाहत साबित की है। स्वच्छ और अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) की दिशा में बढ़ते हुए गुजरात ‘पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना’ का लाभ उठाने में देश का सबसे अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। हालिया आंकड़ों के अनुसार, गुजरात ने 1,879 मेगावाट (MW) की प्रभावशाली रूफटॉप सोलर क्षमता हासिल कर ली है, जो इसे पूरे भारत में शीर्ष स्थान पर खड़ा करती है।

5 लाख घरों की छतों पर ‘सूरज’ का पहरा

गुजरात की इस सफलता के पीछे राज्य के नागरिकों का उत्साह और सरकार की सक्रिय नीतियां हैं। इस योजना के तहत राज्य में अब तक 5 लाख से अधिक आवासीय छतों पर सोलर सिस्टम लगाए जा चुके हैं। अगर पुरानी योजनाओं को भी जोड़ दिया जाए, तो गुजरात में कुल सोलर रूफटॉप इंस्टॉलेशन का आंकड़ा 11 लाख के पार पहुंच चुका है।

राज्य सरकार ने मार्च 2027 तक 10 लाख घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा था, जिसका 50 प्रतिशत हिस्सा समय से पहले ही पूरा कर लिया गया है।

गुजरात की इस जीत के पीछे के मुख्य कारण

गुजरात का ‘नंबर-1’ बनने का सफर केवल इत्तेफाक नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई ठोस कदम हैं:

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  1. भारी सब्सिडी का लाभ: राज्य के निवासियों ने अब तक 3,778 करोड़ रुपये की सब्सिडी का सीधा लाभ उठाया है। 2 किलोवाट तक के सिस्टम पर 30,000 रुपये प्रति किलोवाट और उससे अधिक पर अधिकतम 78,000 रुपये तक की मदद ने आम जनता के लिए इसे वहन करने योग्य बनाया है।
  2. सरल नियम और छूट: गुजरात सरकार ने 6 किलोवाट तक के सिस्टम के लिए रेगुलेटरी शुल्क में सहायता दी है और नेटवर्क सुदृढ़ीकरण शुल्क (Network Strengthening Charges) को पूरी तरह माफ कर दिया है।
  3. जीरो बैंकिंग चार्ज और नेट मीटरिंग: आवासीय उपभोक्ताओं के लिए किसी भी तरह का ‘बैंकिंग चार्ज’ नहीं लिया जा रहा है। साथ ही, अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेचने की प्रक्रिया को बेहद सरल बनाया गया है।
  4. कोई लोड सीमा नहीं: घर के मालिकों के लिए सोलर पैनल लगाने हेतु किसी विशेष लोड सीमा का प्रतिबंध नहीं रखा गया है, जिससे छोटे और बड़े दोनों तरह के परिवारों को फायदा मिल रहा है।

पर्यावरण और जेब दोनों को फायदा

इस उपलब्धि से न केवल राज्य का बिजली बिल कम हो रहा है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण में भी बड़ी भूमिका निभा रहा है। सौर ऊर्जा को अपनाने से कोयले पर निर्भरता कम हुई है और कार्बन उत्सर्जन में भारी गिरावट दर्ज की गई है।

भविष्य की राह

राजकोट में आयोजित होने वाले आगामी ‘वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस’ (VGRC) में गुजरात की इस सफलता की कहानियों को दुनिया के सामने रखा जाएगा। यह राज्य अब देश के अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल बन गया है, जो यह दिखाता है कि कैसे सरकारी प्रोत्साहन और जन-भागीदारी मिलकर एक स्थायी भविष्य की नींव रख सकते हैं।

गुजरात की यह छलांग न केवल प्रधानमंत्री मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को सच कर रही है, बल्कि देश को दुनिया की ‘सोलर कैपिटल’ बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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