असली सोलर पैनल में आसानी से पता करें, असली और नकली का फर्क, यहाँ देखें

सोलर पैनल में A ग्रेड और B ग्रेड का अंतर समझने के बाद आप आसानी से असली सोलर पैनल को खरीद सकते हैं।

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असली सोलर पैनल में आसानी से पता करें, असली और नकली का फर्क, यहाँ देखें

बाजार में अलग-अलग क्षमता और तकनीक के टॉप क्वालिटी के सोलर पैनल उपलब्ध रहते हैं, जिनमें A-ग्रेड और B-ग्रेड में रखा जाता है। इन दोनों प्रकार के सोलर पैनल के बीच का अंतर जानने के बाद असली सोलर पैनल और नकली सोलर पैनल का पता आसानी से चल जाता है। जिससे उपभोक्ता धोखाधड़ी से बच सकते हैं।

A-ग्रेड और B-ग्रेड सोलर पैनल क्या हैं?

  • A-ग्रेड पैनल– इसमें वे सोलर पैनल होते हैं जो सभी मैन्युफैक्चरिंग और टेस्टिंग पैरामीटर्स पर खरे उतरते हैं। इन पैनल की वोल्टेज आउटपुट और कार्यक्षमता सही होती है। इन्हें बनाने के बाद कंपनी द्वारा पूरी तरह से टेस्ट किया जाता है, और अगर ये सभी मानकों पर खरे उतरते हैं ,तो इन्हें वारंटी के साथ बाजार में बेचा जाता है।
  • B-ग्रेड पैनल: इसमें वे सोलर पैनल होते हैं जो मैन्युफैक्चरिंग और टेस्टिंग के दौरान निर्धारित मानकों पर खरे नहीं उतरते। ऐसे में इनकी वोल्टेज आउटपुट A-ग्रेड पैनल के मुकाबले कम होती है, और ये वारंटी के बिना बेचे जाते हैं। कंपनियां इन्हें दो नंबर के रूप में बेचती हैं, और ये आमतौर पर सस्ते होते हैं।

सोलर पैनल की मैन्युफैक्चरिंग और टेस्टिंग प्रक्रिया

सोलर पैनल की मैन्युफैक्चरिंग के बाद हर पैनल का टेस्ट किया जाता है कि उसकी वोल्टेज आउटपुट क्या है। उदाहरण के लिए यदि एक पैनल का आउटपुट 335 वाट है, और वह टेस्ट में 338 वाट देता है तो उस पर 335 वाट का स्टिकर लगा दिया जाता है। इसी तरह यदि पैनल 330 वाट देता है, तो उसे 330 वाट के स्टिकर के साथ बेचा जाता है।

सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार अब पैनल पर अंदर और बाहर दोनों जगह स्टिकर लगाए जाते हैं, जिससे उसकी सही पहचान आसानी से हो सकती है। इसके साथ ही कंपनियों को दो% की टॉलरेंस दी जाती है, यानी अगर पैनल का आउटपुट 335 प्लस-माइनस 2% है, तो उसे सही माना जाता है।

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असली सोलर पैनल और नकली सोलर पैनल की पहचान

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B-ग्रेड पैनल को कंपनियां बिना वारंटी के बेचती हैं, और इन्हें अलग से मार्केट में बेचा जाता है। सोलर पैनल को पहचानने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:-

  • स्टिकर: असली सोलर पैनल के अंदर और बाहर दोनों तरफ स्टिकर लगे होते हैं, जिसमें वोल्टेज आउटपुट की जानकारी होती है।
  • वारंटी सर्टिफिकेट: कंपनी द्वारा जारी किया गया वारंटी सर्टिफिकेट जरूर मांगना चाहिए, यह ही असली सोलर पैनल के साथ मिलता है।
  • IV कर्व रिपोर्ट: पैनल की टेस्टिंग रिपोर्ट जिसमें उसकी वोल्टेज और आउटपुट की जानकारी होती है, उसे प्राप्त करें।
  • RFID टैग: यह टैग पैनल में होना चाहिए, जो पैनल की सत्यता को प्रमाणित करता है।

A-ग्रेड और B-ग्रेड सोलर पैनल के बीच का मुख्य फर्क उनकी क्वालिटी और वारंटी में होता है। A-ग्रेड पैनल सभी टेस्टिंग मानकों पर खरे उतरते हैं, और वारंटी के साथ बेचे जाते हैं, जबकि B-ग्रेड पैनल बिना वारंटी के बेचे जाते हैं। सही पैनल का चयन करने के लिए उपभोक्ता को यह जानकारी होनी चाहिए, जिससे वे अपने सोलर सिस्टम के लिए सही सोलर पैनल खरीद सकते हैं।

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Solar News

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