सिर्फ एक बार खर्च, सालों तक फ्री बिजली! जानिए क्या है सोलर पैनल और कैसे बचा सकते हैं हजारों का बिल!

बिजली के बढ़ते बिलों से परेशान हैं? सोलर पैनल और सोलर सिस्टम हो सकते हैं आपके लिए गेम चेंजर! जानें ये कैसे काम करते हैं, लगाने में कितना खर्च आता है और सरकार से कैसे मिलती है सब्सिडी। अगर आप भी घर बैठे बिजली बचाकर कमाई करना चाहते हैं, तो आगे पढ़ना बिल्कुल न भूलें

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सोलर पैनल और सोलर सिस्टम क्या होते हैं? इन्हें लगाने में कितना खर्चा होता है?

सौर ऊर्जा (Solar Energy) को भविष्य की ऊर्जा कहते हैं, ये सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा है। सोलर एनर्जी के प्रयोग से कई लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। सोलर पैनल और सोलर सिस्टम (Solar Panel and Solar System) का प्रयोग ज्यादातर क्षेत्रों में किया जाता है। सोलर पैनल को विज्ञान का एक चमत्कारिक आविष्कार कहा जाता है। हाल ही में इनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।

सोलर पैनल और सोलर सिस्टम

सोलर पैनल सौर ऊर्जा से बिजली बनाने का काम करते हैं। सोलर पैनल में सोलर सेल (PV Cell) लगे होते हैं, जो सिलिकॉन के बने होते हैं, जिनके द्वारा ही सूर्य के प्रकाश से बिजली जनरेट की जाती है। सोलर सिस्टम में सोलर पैनल के साथ में अन्य उपकरणों का प्रयोग भी किया जाता है।

सोलर पैनल

सोलर पैनल बिजली जनरेट करने का काम करते हैं, ये DC के रूप में बिजली बनाते हैं। सोलर पैनल मुख्यतः पॉलीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन एवं बाइफेशियल प्रकार के होते हैं, इनकी कीमत क्षमता, प्रकार और ब्रांड के अनुसार अलग-अलग रहता है। सोलर पैनल पर 25 साल की वारंटी भी यूजर को दी जाती है।

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  • पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल– इस प्रकार के पैनल की कीमत कम रहती है, इसलिए इनका प्रयोग अधिक होता है। ये नीले रंग के रहते हैं।
  • मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल– इस प्रकार के पैनल खराब मौसम में भी बिजली बना सकते हैं, ऐसे पैनल काले रंग के होते हैं।
  • बाइफेशियल सोलर पैनल– ये सोलर पैनल दोनों ओर से बिजली बनाने का काम करते हैं, इस प्रकार के सोलर पैनल की कीमत अधिक रहती है।

सोलर सिस्टम

सोलर पैनल के साथ में इंवर्टर, बैटरी, चार्ज कंट्रोलर जैसे उपकरणों को जोड़ कर सोलर सिस्टम इंस्टाल किया जाता है। सोलर सिस्टम मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं:-

  1. ऑनग्रिड सोलर सिस्टम: इस सिस्टम में बैटरी नहीं लगाई जाती है, पैनल से बनने वाली बिजली को ग्रिड के साथ शेयर किया जाता है, ऐसे सिस्टम में नेट-मिटरिंग की जाती है। सरकार ऐसे सिस्टम को लगाने के लिए सब्सिडी देती है।
  2. ऑफग्रिड सोलर सिस्टम: इस सिस्टम में बैटरी का प्रयोग किया जाता है, ऐसे बिजली की जरूरत पड़ने पर पावर बैकअप का प्रयोग कर सकते हैं।
  3. हाइब्रिड सोलर सिस्टम: ऐसे सोलर सिस्टम में बैटरी और नेट मीटर दोनों का ही प्रयोग किया जाता है, इस सिस्टम को लगाने का खर्चा ज्यादा होता है।

घर के लिए 3KW सोलर सिस्टम लगाने का खर्चा

  • 3kW पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल की कीमत- 90,000 रुपये (330 वाट के 9 पैनल)
  • सोलर इंवर्टर की कीमत- 25,000 रुपये
  • 100Ah की 2 बैटरी- 20,000 रुपये
  • अन्य खर्चे- 10,000 रुपये
  • कुल खर्चा- 1,45,000 रुपये

सोलर पैनल और सोलर सिस्टम को लगाकर यूजर को कई प्रकार से लाभ होते हैं, साथ ही नेचर को भी इनके प्रयोग से कोई नुकसान नहीं होता है।

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