सोलर सिस्टम को लगाकर बिजली की जरूरतों को सोलर एनर्जी से पूरा किया जाता है। सोलर पैनल का प्रयोग कर के सौर ऊर्जा से बिजली का उत्पादन किया जाता है। 3kW सोलर सिस्टम (3kW Solar System) ज्यादातर घरों में इंस्टाल किया जाने वाला सोलर सिस्टम है, सोलर सिस्टम को लगाने के बाद बिजली के बिल में बचत की जा सकती है।
3kW सोलर सिस्टम
3 किलोवाट का सोलर सिस्टम उन घरों के लिए सही रहता है, जिनमें बिजली की खपत प्रतिदिन 10 से 15 यूनिट तक रहती है। यदि आपके घर का महीने का बिजली बिल लगभग 450 यूनिट तक आता है, तो 3 किलोवाट का सोलर सिस्टम आपके लिए उपयुक्त है।
सोलर सिस्टम में सोलर पैनल, सोलर इंवर्टर, सोलर बैटरी मुख्य उपकरणों के रूप में प्रयोग की जाती है। सोलर सिस्टम को लगाने का कुल खर्चा सिस्टम के प्रकार पर निर्भर करता है। सोलर सिस्टम ऑनग्रिड, ऑफग्रिड और हाइब्रिड प्रकार के होते हैं।
3kW सोलर सिस्टम को लगाने का खर्चा
- ऑन-ग्रिड सिस्टम: इस सिस्टम को कम बिजली कटौती वाले स्थानों के लिए सही कहा जाता है, इस सिस्टम में सोलर पैनल से जनरेटेड बिजली ग्रिड में शेयर की जाती है। सिस्टम में बैटरी नहीं यूज होती है, और शेयर बिजली के लिए नेट मीटर लगा रहता है। यूजर द्वारा इसमें ग्रिड की बिजली का ही प्रयोग किया जाता है, ऐसे में सभी उपकरणों को आप चला सकते हैं। 3kW सोलर सिस्टम को ऑनग्रिड लगाने पर 78 हजार रुपये की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।
- 3kW ऑनग्रिड सोलर सिस्टम को लगाने का कुल खर्चा- 1 लाख रुपए (सब्सिडी के साथ)
- ऑफ-ग्रिड सिस्टम: इस सोलर सिस्टम में बैटरी को जोड़ा जाता है। यह उन स्थानों के लिए बेस्ट है जहां बिजली की कटौती अधिक रहती है, और बिजली की जरूरत के अनुसार बैटरी लगाई जा सकती है। इस प्रकार के सिस्टम में सब्सिडी नहीं मिलती है।
- 3kW ऑफग्रिड सोलर सिस्टम को लगाने का कुल खर्चा- 2 लाख रुपये
- हाइब्रिड सिस्टम: यह ऑनग्रिड और ऑफग्रिड दोनों सिस्टम का मिश्रण है, इस सिस्टम में बैटरी भी कनेक्ट की जा सकती है, और बिजली को ग्रिड के साथ ही शेयर किया जाता है। कुछ राज्यों में इस प्रकार के सिस्टम पर भी सब्सिडी दी जाती है। यह एक आधुनिक प्रकार का सोलर सिस्टम है।
- 3kW हाइब्रिड सोलर सिस्टम को लगाने का कुल खर्चा- 2.50 लाख
3kW सोलर सिस्टम को लगाने के लिए जगह
3 किलोवाट के सोलर सिस्टम को लगाने के लिए लगभग 200 स्कायर फुट जगह की जरूरत होती है। सोलर पैनल के प्रकार के हिसाब से कम या ज्यादा जगह की आवश्यकता होती है। उच्च दक्षता के मोनो PERC पैनल और बाइफेशियल सोलर पैनल कम जगह में लग सकते हैं।
सोलर सिस्टम में होने वाला कुल खर्चा 4 से 5 साल में यूजर वसूल कर सकता है, जिसमें बिजली की बचत शामिल है। सोलर पैनल सिस्टम को इंस्टाल कर के पर्यावरण को भी प्रदूषण मुक्त रखा जा सकता है।