सोलर पैनल सौर ऊर्जा से बिजली बनाने के लिए जाने जाते हैं, इस बिजली को स्टोर करने के लिए सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है। सोलर पैनल से बैटरी चार्ज डायरेक्ट की जा सकती है, इसमें पैनल और बैटरी को चार्ज कंट्रोलर की सहायता से कनेक्ट किया जाता है। ऐसे में ही एक बढ़िया कनेक्शन स्थापित किया जाता है, एवं कुशल चार्जिंग कर बैटरी को सुरक्षित रखा जा सकता है।
क्या सोलर पैनल से डायरेक्ट कर सकते हैं बैटरी चार्ज?
सोलर पैनल द्वारा बनाई जाने वाली बिजली की करंट और वोल्टेज अनियंत्रित रहती है, ऐसे में यदि इस बिजली का प्रयोग सीधे बैटरी चार्ज करने के लिए किया जाए तो बैटरी खराब हो सकती है। पैनल से प्राप्त बिजली की करंट और वोल्टेज दोनों को ही कंट्रोल करने के लिए सोलर चार्ज कंट्रोलर का प्रयोग किया जाता है, इसके द्वारा ओवरचार्जिंग को रोका जाता है। ऐसे में बैटरी का प्रयोग लंबे समय तक कर सकते हैं।
ऐसे करें सोलर पैनल से बैटरी को चार्ज
- सोलर पैनल को सही दिशा एवं सही कोण में इंस्टाल करें, जिससे ज्यादा से ज्यादा बिजली का उत्पादन किया जा सकता है।
- सोलर पैनल के पॉजिटिव टर्मिनल को चार्ज कंट्रोलर के पॉजिटिव टर्मिनल से और नेगेटिव टर्मिनल को नेगेटिव टर्मिनल से कनेक्ट करें।
- अब बैटरी में दिए गए पॉजिटिव और नेगेटिव टर्मिनल को भी सोलर चार्ज कंट्रोलर से कनेक्ट करें, और अपने द्वारा स्थापित किये गए इस कनेक्शन का परीक्षण करें।
- इस कनेक्शन को लगाने के बाद सही से लाभ प्राप्त करने के लिए सोलर पैनल की साफ-सफाई समय पर करते रहें, बैटरी की नियमित जांच करें, जिससे लंबे समय तक बैटरी का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
सोलर पैनल और बैटरी के कनेक्शन को जोड़ते समय सुरक्षा का ध्यान जरूर दें, एवं सावधानीपूर्वक ही इस कनेक्शन को स्थापित करें। जिसके लिए आप किसी टेक्नीशियन से सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
सोलर सिस्टम में इंवर्टर जोड़ने का कनेक्शन देखें
सोलर सिस्टम में इंवर्टर भी एक महत्वपूर्ण उपकरण होता है, जो DC को AC में बदलने का काम करता है, लेकिन इसकी कीमत अधिक होने के कारण ही डायरेक्ट बैटरी और पैनल के कनेक्शन का विचार ग्राहक करते हैं। सोलर सिस्टम में सोलर पैनल, इंवर्टर और बैटरी को जोड़ कर ऑफग्रिड सोलर सिस्टम लगाया जाता है।
इस सिस्टम में सोलर पैनल से सोलर चार्ज कंट्रोलर को जोड़ा जाता है, सोलर चार्ज कंट्रोलर को बैटरी के साथ में कनेक्ट करते हैं, जिससे पैनल की बिजली बैटरी में स्टोर होती है, अब बैटरी से इंवर्टर को जोड़ा जाता है, इंवर्टर और बैटरी का कनेक्शन करने के बाद किसी भी AC उपकरण को चला सकते हैं।
सोलर सिस्टम को मुख्यतः ऑनग्रिड, ऑफग्रिड और हाइब्रिड प्रकार से लगाया जाता है, ऑनग्रिड सिस्टम में बैटरी का प्रयोग नहीं होता है। लेकिन ऐसे सिस्टम पर को लगाने पर सब्सिडी प्राप्त की जा सकती है। बैटरी का प्रयोग कर से बिजली का उपयोग किसी भी समय उपभोक्ता द्वारा किया जा सकता है।