सौर ऊर्जा से चलने वाले अनेक उपकरणों में आज के समय कार भी शामिल हो गई है, बाजार में ऐसी आधुनिक इलेक्ट्रिक कारें या चुकी हैं, जिन्हें सोलर पैनल के माध्यम से चार्ज किया जा सकता है। इस प्रकार की कारें किसी प्रकार का प्रदूषण उत्पन्न नहीं करती हैं। इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने के लिए कितने सोलर पैनल की जरूरत होती है? यहाँ जानें। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निरंतर ही विकास हो रहा है, जिससे आम आदमी को भी लाभ प्राप्त होता है, एवं पर्यावरण को भी सुरक्षित रखने में सहायता प्राप्त होती है।
इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने के लिए कितने सोलर पैनल की जरूरत होती है?
इलेक्ट्रिक कार को सोलर पैनल के माध्यम से चार्ज किया जा सकता है, यह निम्न कारकों पर निर्भर करता है कि कितने सोलर पैनल बैटरी को चार्ज करने में प्रयोग किए जाएंगे:-
- कार में लगी बैटरी की क्षमता– किसी भी इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने से पहले उसमें लगी बैटरी की क्षमता की जानकारी होनी चाहिए, जिससे सोलर पैनल की क्षमता एवं संख्या का चयन किया जा सकता है, जैसे आज के समय में Tesla Model 3 में 100 kWh क्षमता की बैटरी लगी होती है, जिसे चार्ज करने के लिए लगभग 75 सोलर पैनल की आवश्यकता होती है।
- सोलर पैनल की दक्षता– सोलर पैनल का चयन करने से पहले पैनल की दक्षता की जानकारी होनी चाहिए, बाजार में उच्च दक्षता के अनेक सोलर पैनल उपलब्ध रहते हैं, इसलिए उच्च दक्षता के सोलर पैनल का चयन ही बैटरी चार्ज करने के लिए करना चाहिए।
- सोलर पैनल की स्थापना वाले स्थान में सौर ऊर्जा– सोलर पैनल को ऐसे स्थान पर स्थापित करना चाहिए जहां पर अधिकतम सौर ऊर्जा उपलब्ध रहती है, इसलिए सोलर पैनल को ऐसे स्थान पर ही स्थापित करना चाहिए, जहां पर अधिकतम सूर्य का प्रकाश उपलब्ध रहता है। जिससे सोलर पैनल उच्च दक्षता के साथ बिजली का उत्पादन कर सकते हैं।
- ड्राइविंग की आदत– यदि उपभोक्ता हर दिन अधिक दूर की यात्रा करता है, तो ऐसे में अधिक क्षमता की बैटरी को सोलर सिस्टम में जोड़ा जाता है, एवं अधिक सोलर पैनल को उसे चार्ज करने के लिए जरूरी होते हैं।
इलेक्ट्रिक कार को सिर्फ सोलर पैनल से बनने वाली बिजली के माध्यम से ही चार्ज नहीं किया जा सकता है। इसलिए इसमें ग्रिड सिस्टम की भी जोड़ना चाहिए। ऐसे में ऑनग्रिड सिस्टम को लगाया जा सकता है जिससे बिजली के बिल को भी कम किया जा सकता है।
सोलर पैनल लगाने से पहले ध्यान रखने योग्य बिन्दु
सोलर पैनल को स्थापित करने से पहले आपको निम्न बिंदुओं की पूरी जानकारी होनी चाहिए, जिससे आप सही सोलर सिस्टम को स्थापित कर सकते हैं:-
- सोलर पैनल के प्रकार का चयन– बाजार में मुख्यतः पालीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन एवं बाइफेशियल प्रकार के सोलर पैनल उपलब्ध हैं, इनमें से आप अपनी आवश्यकता एवं बजट के अनुसार किसी भी भी खरीद सकते हैं। मोनो सोलर पैनल एवं बाइफेशियल सोलर पैनल आधुनिक सोलर पैनल हैं, ये उच्च दक्षता के साथ उपलब्ध होते हैं, इन्हें स्थापित करने से कई लाभ होते है, जैसे इन्हें कम स्थान में भी स्थापित किया जा सकता है।
- सोलर पैनलों की स्थापना– सोलर पैनल को किसी तकनीशियन की सहायता से ही स्थापित करना चाहिए, जिससे वे सोलर पैनल को सही दिशा एवं सही कोण में उन्हें स्थापित कर सकते हैं, जिससे सोलर पैनल अपनी पूरी क्षमता के साथ ही बिजली का उत्पादन कर सकते हैं।
- सोलर पैनलों की लागत– सोलर पैनल की प्राथमिक कीमत अधिक होती है, इसलिए अधिकांश नागरिक इन्हें स्थापित नहीं करते हैं, लेकिन सोलर पैनल को एक बार स्थापित करने के बाद इनका लाभ आने वाले 25-30 सालों से अधिक समय तक प्राप्त किया जा सकता है।
- सोलर पैनलों का रखरखाव– सोलर पैनल का उपयोग लंबे समय तक प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि सोलर पैनल का रखरखाव सही से किया जाए, सोलर पैनल पर लगने वाली धूल-मिट्टी या अन्य गंदगियों को समय-समय पर साफ करते रहना चाहिए, जिससे वे सही से बिजली का निर्माण कर सकें।
सोलर पैनल से इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने का एक स्वच्छ और टिकाऊ तरीका है, ऐसे में पर्यावरण के अनुकूल ही सोलर पैनल कार्य करते हैं, एवं इलेक्ट्रिक कार के प्रयोग से जीवाश्म ईंधन से चलने वाले वाहनों को भी कम किया जा सकता है, जिनके द्वारा बहुत अधिक मात्रा में प्रदूषण उत्पन्न किया जाता है। सोलर उपकरणों के प्रयोग से पर्यावरण को सुरक्षित रख के हरित भविष्य की ओर बढ़ा जा सकता है।