भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक को मिले नए आर्डर, शेयर में आ सकती है तेज़ी? जानिए पूरी डिटेल

भारत की प्रमुख पवन ऊर्जा कंपनी सुजलॉन एनर्जी ने अपने शुद्ध लाभ में 97% की वृद्धि की है। कंपनी की वित्तीय स्थिति, ऑर्डर बुक विस्तार और डिलीवरी में वृद्धि से साबित हो रहा है कि यह अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में प्रमुख ताकत बनी हुई है।

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भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक को मिले नए आर्डर जिससे शेयर में आ सकती है तेज़ी? जानिए पूरी डिटेल
शेयर में आ सकती है तेज़ी?

सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) भारत की प्रमुख पवन ऊर्जा समाधान प्रदाता कंपनी है, जो न केवल देश के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है, बल्कि वित्तीय और परिचालन दृष्टिकोण से भी अपनी स्थिति को मजबूत कर रही है।

कंपनी का वर्तमान बाजार पूंजीकरण ₹80,03,500 करोड़ है और इसके शेयर गुरुवार को ₹56.78 के स्तर पर बंद हुए, जो पिछले बंद भाव ₹54.08 से 5% अधिक हैं। सुजलॉन एनर्जी के लिए यह वृद्धि एक महत्वपूर्ण संकेत है, जो कंपनी के मजबूत वित्तीय स्वास्थ्य और निरंतर बढ़ते विकास को दर्शाती है।

सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति बनी हुई है। कंपनी का मजबूत वित्तीय प्रदर्शन, डिलीवरी में वृद्धि, और रणनीतिक विकास की दिशा में की गई पहल इसे पवन ऊर्जा के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करती है। कंपनी की बाजार स्थिति को देखते हुए, आने वाले वर्षों में सुजलॉन एनर्जी और भी अधिक सफलता की ओर अग्रसर हो सकती है।

सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) के शेयर में आ सकता है उछाल

कंपनी ने अपने ताजा वित्तीय परिणामों के अनुसार, Q1FY25 में ₹2,103 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो पिछले वर्ष के ₹1,421 करोड़ से 48% ज्यादा है। इस बढ़ोतरी से कंपनी के शुद्ध लाभ में भी अभूतपूर्व 97% की वृद्धि हुई है, जो कि ₹102 करोड़ से बढ़कर ₹201 करोड़ तक पहुंच गया है। यह वृद्धि कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति और संचालन की दक्षता का प्रमाण है।

सुजलॉन एनर्जी की प्रबंधन टीम ने इसे अपने उत्कृष्ट परिचालन और रणनीतिक निवेशों का परिणाम बताया है, जो इसे पवन ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बनाए रखने में मदद कर रहे हैं।

राजस्व संरचना और लाभ वितरण

कंपनी का कुल खंड राजस्व (Q2FY25) ₹2,092 करोड़ है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि ₹2,015 करोड़ से केवल 1% अधिक है। इसके बावजूद, सुजलॉन एनर्जी की पवन टरबाइन जनरेटर (WTG) बिक्री ने प्रमुख योगदान दिया है, जो कुल राजस्व का 70% हिस्सा है। इसके अलावा, संचालन और रखरखाव सेवाएँ (OMS) ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है, जिनका राजस्व में योगदान 26% है। फाउंड्री और फोर्जिंग का योगदान सिर्फ 3% रहा है।

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लाभ वितरण में OMS सेवाओं का दबदबा है, जो कंपनी के कुल लाभ का 97% (लगभग ₹195.82 करोड़) योगदान देती हैं। इसके अलावा, WTG से लाभ ₹42.82 करोड़ और फाउंड्री-फोर्जिंग से ₹0.57 करोड़ है, जबकि अन्य स्रोतों से ₹1.69 करोड़ की आय प्राप्त हुई है। यह दर्शाता है कि OMS सेक्टर कंपनी के लिए सबसे अधिक लाभकारी क्षेत्र है।

उत्पादन और डिलीवरी में बेतहाशा वृद्धि

सुजलॉन एनर्जी की उत्पादन और डिलीवरी में भी एक महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है। Q2 FY25 में कंपनी ने 256 MW पवन ऊर्जा क्षमता स्थापित की, जो कि पिछले साल के मुकाबले दोगुना है और सात वर्षों में इसकी सबसे बड़ी डिलीवरी है। कंपनी की वैश्विक स्थापित क्षमता अब 20.8 GW तक पहुंच गई है, और भारत के पवन ऊर्जा क्षेत्र में इसकी 32% बाजार हिस्सेदारी है।

यह वृद्धि सुजलॉन एनर्जी के विश्वास को दर्शाती है कि वह अपनी तकनीकी क्षमता और परिचालन दक्षता के बल पर बाजार में अपनी स्थिति और मजबूत कर सकती है।

मजबूत ऑर्डर बुक और रणनीतिक साझेदारी

कंपनी की ऑर्डर बुक भी बेहद मजबूत रही है। हाल ही में, सुजलॉन एनर्जी को NTPC ग्रीन से 1.166 गीगावाट का ऑर्डर मिला है, जिससे कंपनी की कुल ऑर्डर बुक 5 गीगावाट से ज्यादा हो गई है। इसके साथ ही, रेनोम के अधिग्रहण से कंपनी ने मल्टी-ब्रांड ऑपरेशन और रखरखाव (O&M) सेवाओं के क्षेत्र में कदम रखा है, जिससे इसकी लाभप्रदता में भी सुधार हुआ है।

कंपनी ने कॉर्पोरेट और गैर-प्रमुख संपत्तियों की बिक्री से ₹440 करोड़ की आय अर्जित की है, जो एक रणनीतिक कदम है, जिससे उसकी वित्तीय स्थिति को और अधिक सुदृढ़ किया जा सके।

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