ग्रीन एनर्जी (Green Energy) को बढ़ावा देने और बिजली बिल को कम करने के लिए प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने पर सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य घर-घर में सौर ऊर्जा (Solar Energy) का उपयोग बढ़ाना है, जिससे पर्यावरण संरक्षण और घरेलू बिजली की बचत हो सके। योजना के तहत 1 करोड़ घरों में सोलर पैनल लगाकर बिजली बिल में भारी कटौती का लक्ष्य है।
रूफटॉप सोलर प्लांट का लाभ
यदि आपके घर का बिजली बिल हर महीने 2500 से 3000 रुपये आता है, तो रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने के बाद यह बिल घटकर मात्र 500 रुपये रह सकता है। इसके लिए 3 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाना होगा, जिसकी लागत 1.40 लाख से 1.50 लाख रुपये तक आती है।
सोलर पैनल की लाइफ 25 साल होती है। इस हिसाब से 300 महीनों में इसकी पूरी लागत निकल जाएगी। इसका मतलब है कि हर महीने 500 रुपये की लागत पड़ेगी। इसे दिन के हिसाब से देखें, तो प्रति दिन खर्च केवल 16.66 रुपये होगा। इस प्रकार, सोलर पैनल का उपयोग न केवल बिजली बिल घटाता है बल्कि लंबे समय में फायदे का सौदा साबित होता है।
लागत और सब्सिडी का पूरा विवरण
मुख्य डाकघर के पोस्टमास्टर के अनुसार, रूफटॉप सोलर प्लांट की लागत सब्सिडी के साथ काफी कम हो जाती है। 1 किलोवाट का सोलर प्लांट की लागत 55,000-65,000 रुपये, 2 किलोवाट का सोलर प्लांट की लागत 1 लाख-1.15 लाख रुपये, 3 किलोवाट का सोलर प्लांट को लगाने का खर्च 1.40 लाख-1.50 लाख रुपये एवं 10 किलोवाट तक के प्लांट पर अधिकतम 78,000 रुपये तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं।
लाभार्थी को इस योजना के तहत 30,000 से 78,000 रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है। यह पंजीकरण निशुल्क है और इसे डाकघर या संबंधित एजेंसियों के माध्यम से कराया जा सकता है।
सोलर पैनल के फायदे
रूफटॉप सोलर सिस्टम (Rooftop Solar System) बिजली की पारंपरिक ग्रिड पर निर्भरता को कम करता है। इसकी मदद से आप खुद की बिजली का उत्पादन कर सकते हैं। सौर ऊर्जा (Solar Energy) से बिजली बनाना सस्ता और पर्यावरण के लिए अनुकूल है। सोलर पैनल को छत पर लगाने के लिए अलग से जगह की जरूरत नहीं होती।
25 साल की लंबी उम्र के साथ यह मेंटेनेंस-फ्री रहता है। इसे समय-समय पर साफ करना होता है ताकि सूर्य की किरणें सही से ऊर्जा उत्पादित कर सकें। यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम कर पर्यावरण संरक्षण में मदद करता है।
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत पंजीयन अनिवार्य है। योजना का लक्ष्य 1 करोड़ घरों में सोलर पैनल लगाकर 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त प्रदान करना है। पंजीकरण की प्रक्रिया सरल है और इसे डाकघर के माध्यम से मुफ्त में कराया जा सकता है। योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक लाभार्थियों को जल्द से जल्द पंजीकरण करना चाहिए।
रूफटॉप सोलर पैनल: कैसे करता है काम
रूफटॉप सोलर पैनल छत पर लगाया जाता है और सूर्य की किरणों से ऊर्जा सोखता है। इसमें फोटोवोल्टिक सेल (Photovoltaic Cells) लगे होते हैं, जो सौर ऊर्जा को बिजली में बदल देते हैं। यह बिजली वही काम करती है जो पावर ग्रिड से मिलने वाली बिजली करती है। इससे घरेलू उपयोग के लिए बिजली उत्पादन संभव हो पाता है, जो खर्च को कम करने में सहायक है।
1. रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए कितनी जगह चाहिए?
रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए छत पर पर्याप्त खुली जगह चाहिए। आमतौर पर 1 किलोवाट पैनल के लिए 10 वर्ग मीटर जगह आवश्यक होती है।
2. क्या सोलर पैनल का रखरखाव महंगा होता है?
नहीं, सोलर पैनल का रखरखाव बहुत कम लागत वाला है। इसे समय-समय पर साफ करना होता है।
3. सोलर पैनल लगाने के लिए कितनी सब्सिडी मिलती है?
सोलर पैनल की क्षमता के आधार पर 30,000 से 78,000 रुपये तक की सब्सिडी मिलती है।
4. क्या सोलर पैनल से पूरी बिजली जरूरत पूरी हो सकती है?
हां, सही क्षमता के सोलर पैनल से आपकी घरेलू बिजली की जरूरतें पूरी हो सकती हैं।
5. सोलर पैनल कितने समय तक काम करता है?
सोलर पैनल की औसत लाइफ 25 साल होती है।
6. क्या सोलर पैनल लगाने के बाद ग्रिड की बिजली लेनी पड़ेगी?
सोलर पैनल पर्याप्त क्षमता का हो तो ग्रिड की बिजली पर निर्भरता कम या खत्म हो सकती है।
7. योजना का लाभ लेने के लिए क्या प्रक्रिया है?
लाभार्थियों को डाकघर के माध्यम से पंजीकरण कराना होगा।
8. क्या सोलर पैनल लगाने के बाद बिजली बिल पूरी तरह खत्म हो जाएगा?
बिजली बिल पूरी तरह खत्म नहीं होगा, लेकिन यह न्यूनतम हो सकता है।