दिल्ली सोलर पोर्टल (Delhi Solar Portal) के लॉन्च के साथ मुख्यमंत्री आतिशी ने राजधानी में सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। इस पोर्टल का उद्देश्य दिल्लीवासियों को सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ाने में सहायता प्रदान करना है। खास बात यह है कि 400 यूनिट से अधिक बिजली की खपत होने पर भी बिजली का बिल जीरो आएगा। यह पोर्टल न केवल सोलर पैनल इंस्टॉलेशन को आसान बनाता है बल्कि रिन्यूएबल एनर्जी की दिशा में एक नई शुरुआत का प्रतीक है।
क्या है दिल्ली सोलर पोर्टल?
दिल्ली सोलर पोर्टल एक सिंगल विंडो सॉल्यूशन है, जहां उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा से संबंधित हर जानकारी मिलेगी। इससे सोलर पैनल लगाने के लिए आवेदन करना, नेट मीटरिंग की प्रक्रिया, और सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाना अब बेहद आसान हो गया है। इसके जरिए दिल्ली सरकार 2027 तक राजधानी की 25% ऊर्जा आवश्यकता को सौर ऊर्जा से पूरा करने का लक्ष्य रखती है।
400 यूनिट से अधिक बिजली पर भी जीरो बिल कैसे संभव?
दिल्ली सरकार की नई सोलर पॉलिसी के तहत उपभोक्ताओं को बिजली के लिए अधिकतम राहत दी जाएगी।
यदि कोई व्यक्ति अपने घर पर सोलर पैनल लगवाता है और 400 यूनिट बिजली का उपयोग करता है, तो उसमें से 300 यूनिट बिजली सोलर पैनल द्वारा उत्पादित हो सकती है। उपभोक्ता को केवल 100 यूनिट का ही भुगतान करना होगा। इतना ही नहीं, अगर उत्पादित बिजली खपत से ज्यादा है, तो उसे सरकार से अतिरिक्त लाभ के रूप में पैसा मिलेगा।
नेट मीटरिंग और सब्सिडी के फायदे
नेट मीटरिंग के जरिए उपभोक्ता जितनी बिजली उत्पादित करते हैं, उसका सीधा असर उनके बिजली बिल पर दिखता है। 400 यूनिट से अधिक बिजली खपत होने पर भी उपभोक्ता जीरो बिल पा सकते हैं। 3 किलोवाट के सोलर पैनल से उत्पादित हर यूनिट बिजली पर ₹3 की सब्सिडी मिलेगी। 3 से 10 किलोवाट के पैनल पर यह सब्सिडी ₹2 प्रति यूनिट होगी।
दिल्ली सोलर पोर्टल पर उपलब्ध सोलर कैलकुलेटर के जरिए उपभोक्ता अपनी छत के आकार के हिसाब से जान सकते हैं कि उनके रूफटॉप पर कितनी सौर ऊर्जा उत्पादित हो सकती है। इससे पैनल की क्षमता और खर्च का भी सटीक अंदाजा लगाया जा सकता है।
कैसे करें आवेदन?
पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर नेट मीटरिंग, सब्सिडी और जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव (GBI) के लिए आवेदन करना बेहद आसान है।
- रजिस्ट्रेशन के बाद आवेदन स्वीकृत होते ही उपभोक्ता एम्पैनल्ड वेंडर्स से संपर्क कर पैनल लगवा सकते हैं।
- पैनल के इंस्टॉलेशन के बाद, जीबीआई का पैसा उपभोक्ता के बिजली बिल में समायोजित हो जाता है।
दिल्ली में सोलर ऊर्जा के बड़े लक्ष्य
दिल्ली सरकार ने 14 मार्च 2024 को दिल्ली सोलर पॉलिसी लॉन्च की थी। इस पॉलिसी के तहत अगले तीन वर्षों में 3750 मेगावाट सोलर पावर का उत्पादन लक्ष्य है। 750 मेगावाट बिजली रूफटॉप सोलर सिस्टम से उत्पन्न की जाएगी। सरकार ने अपने सभी थर्मल पावर प्लांट बंद कर रिन्यूएबल एनर्जी को प्राथमिकता दी है।
उपभोक्ताओं को पांच साल तक मिलेगी सब्सिडी
दिल्ली सरकार पांच साल तक जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव (GBI) देगी। यदि उपभोक्ता 3 किलोवाट पैनल लगवाते हैं तो उन्हें ₹3 प्रति यूनिट की सब्सिडी मिलेगी। 3 से 10 किलोवाट के लिए यह ₹2 प्रति यूनिट होगी।
दिल्ली के सभी थर्मल पावर प्लांट बंद करने का निर्णय राजधानी को प्रदूषण से राहत देने के लिए लिया गया है। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने से प्रदूषण में कमी आएगी और साथ ही बिजली के बिल भी कम होंगे।
1. दिल्ली सोलर पोर्टल क्या है?
यह एक सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म है, जहां उपभोक्ताओं को सोलर पॉलिसी, सब्सिडी, और सोलर पैनल इंस्टॉलेशन से जुड़ी सारी जानकारी मिलती है।
2. नेट मीटरिंग क्या है?
नेट मीटरिंग वह प्रक्रिया है जिसके जरिए उपभोक्ता अपनी खपत से अधिक उत्पादित बिजली के लिए लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
3. सब्सिडी कैसे मिलेगी?
3 किलोवाट पैनल पर ₹3 प्रति यूनिट और 3-10 किलोवाट पर ₹2 प्रति यूनिट की सब्सिडी मिलेगी।
4. जीरो बिल कैसे संभव है?
यदि उपभोक्ता सोलर पैनल से अपनी बिजली की खपत पूरी कर लेते हैं, तो उनका बिजली बिल शून्य हो सकता है।
5. सोलर कैलकुलेटर का उपयोग कैसे करें?
पोर्टल पर मौजूद सोलर कैलकुलेटर से अपने रूफटॉप की जानकारी भरकर संभावित उत्पादन और लागत का अनुमान लगा सकते हैं।
6. सोलर पैनल इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया क्या है?
रजिस्ट्रेशन, आवेदन स्वीकृति, और एम्पैनल्ड वेंडर्स के जरिए इंस्टॉलेशन पूरा होता है।
7. क्या दिल्ली सरकार प्रदूषण में कमी लाने के लिए और कदम उठा रही है?
जी हां, दिल्ली ने अपने सभी थर्मल पावर प्लांट बंद कर दिए हैं और सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन दे रही है।
8. क्या यह योजना सभी के लिए उपलब्ध है?
हां, दिल्ली में रहने वाला कोई भी व्यक्ति इस योजना का लाभ उठा सकता है।