सोलर सिस्टम आज के समय में बिजली की बचत और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण समाधान बन चुका है। खासकर 7kW क्षमता का सोलर सिस्टम मध्यम और बड़े घरों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह सिस्टम मुख्य रूप से उन इलाकों में अधिक प्रभावी है जहां बिजली कटौती कम होती है। इसके साथ ही भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सब्सिडी इसको और भी किफायती बनाती है। इस लेख में हम आपको 7kW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम के लाभ, लागत, सब्सिडी और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी देंगे।
7kW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम क्या है?
7kW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम एक ऐसा सिस्टम है जो सोलर पैनल के जरिए बिजली उत्पन्न करता है और अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजता है। इस प्रकार का सिस्टम बिजली कटौती की समस्या से ग्रस्त क्षेत्रों के लिए उपयुक्त नहीं होता क्योंकि यह ग्रिड पर निर्भर करता है।
यदि आपका घर रोजाना 30 से 35 यूनिट बिजली की खपत करता है, तो यह सिस्टम आपकी आवश्यकताओं को पूरी तरह से पूरा कर सकता है। इसकी खास बात यह है कि बिजली की अधिकता होने पर आप इसे ग्रिड को बेच सकते हैं और बिजली की कमी होने पर ग्रिड से बिजली ले सकते हैं।
7kW सोलर सिस्टम लगाने की लागत
7kW सोलर सिस्टम में कई उपकरण शामिल होते हैं जिनकी कुल लागत का अनुमान लगाया जा सकता है।
- यदि आप पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल का चुनाव करते हैं, तो इसकी लागत ₹2 लाख तक हो सकती है।
- इस सिस्टम के लिए इन्वर्टर की कीमत लगभग ₹70,000 होगी।
- नेट मीटर और अन्य इंस्टॉलेशन खर्च की लागत ₹50,000 तक हो सकती है।
इन सभी को मिलाकर 7kW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम की कुल लागत ₹3.20 लाख तक होती है। यह शुरुआती निवेश जरूर अधिक हो सकता है, लेकिन लंबे समय में बिजली के बिलों में बचत करके यह लागत पूरी हो जाती है।
सब्सिडी के साथ लागत में कमी
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई पीएम-कुसुम योजना (PM-KUSUM) के तहत सोलर सिस्टम लगाने पर सब्सिडी प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत 7kW क्षमता के ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम पर आपको ₹78,000 तक की सब्सिडी मिल सकती है।
सब्सिडी के बाद इस सिस्टम की लागत ₹2.50 लाख तक आ जाती है। इस योजना का उद्देश्य रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) को बढ़ावा देना और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करना है।
ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम के लाभ
- यह सिस्टम बिजली बिल को काफी हद तक कम करता है क्योंकि आप सोलर पैनल के जरिए अपनी खुद की बिजली का उत्पादन करते हैं।
- यह सोलर सिस्टम कार्बन उत्सर्जन को कम करता है, जो जलवायु परिवर्तन को रोकने में मददगार है।
- सोलर पैनल का जीवनकाल 20-25 वर्षों तक हो सकता है, जिससे यह एक दीर्घकालिक समाधान बन जाता है।
- सरकार की सब्सिडी योजना के चलते इसकी शुरुआती लागत को कम किया जा सकता है।
क्या 7kW सोलर सिस्टम आपके लिए उपयुक्त है?
अगर आप रोजाना 30-35 यूनिट बिजली की खपत करते हैं और ऐसी जगह रहते हैं जहां बिजली कटौती बहुत कम होती है, तो 7kW सोलर सिस्टम आपके लिए सबसे सही विकल्प है। इसके अलावा, यह सिस्टम उन परिवारों के लिए भी उपयुक्त है जो अपने बिजली बिल को कम करना चाहते हैं और रिन्यूएबल एनर्जी को अपनाकर पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना चाहते हैं।
नेट मीटरिंग: बिजली के उपयोग की सही गणना
नेट मीटरिंग सोलर सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह आपके द्वारा उत्पन्न और खपत की गई बिजली की सही गणना करता है। अगर आपने अपनी जरूरत से ज्यादा बिजली उत्पन्न की है तो उसे ग्रिड में भेज दिया जाता है और उसका क्रेडिट आपके बिल में जुड़ जाता है।
7kW सोलर सिस्टम पर आम सवाल-जवाब
1. 7kW का सोलर सिस्टम किस प्रकार के घरों के लिए उपयुक्त है?
7kW का सोलर सिस्टम उन घरों के लिए उपयुक्त है, जिनकी रोज़ाना बिजली खपत 30 से 35 यूनिट के बीच हो।
2. क्या सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी हर किसी के लिए उपलब्ध है?
हाँ, अगर आप प्रधानमंत्री सूर्या योजना के तहत आवेदन करते हैं, तो आपको अपने 7kW सोलर सिस्टम पर ₹78,000 तक की सब्सिडी मिल सकती है।
3. 7kW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम की कुल लागत कितनी होती है?
7kW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम की कुल लागत ₹3.20 लाख के आसपास होती है, लेकिन सब्सिडी के बाद यह ₹2.50 लाख तक कम हो जाती है।
4. ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम क्या होता है?
ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम वह होता है, जो ग्रिड से जुड़ा होता है और उत्पन्न की गई अतिरिक्त ऊर्जा को ग्रिड में भेजता है।
5. क्या सोलर सिस्टम का रख-रखाव महंगा होता है?
नहीं, सोलर सिस्टम का रख-रखाव अपेक्षाकृत सस्ता होता है और लंबे समय तक काम करता है।
6. क्या 7kW सोलर सिस्टम पूरी बिजली खपत कवर कर सकता है?
हां, 7kW का सोलर सिस्टम एक सामान्य घर की सभी बिजली जरूरतों को पूरा कर सकता है, विशेष रूप से अगर आपकी खपत 30-35 यूनिट प्रति दिन है।
7. सोलर पैनल से पर्यावरण पर क्या असर पड़ता है?
सोलर पैनल कार्बन उत्सर्जन को कम करते हैं और जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels) पर निर्भरता घटाते हैं, जिससे पर्यावरण को फायदा होता है।