नई पीएम सूर्य घर योजना से पिछले 6 महीनों में बढे 50% से अधिक सोलर इंस्टालेशन, जानिए कितनी मिलती है सब्सिडी

सरकार की नई योजना से 1.8 गीगावाट नई क्षमता जुड़ी, सब्सिडी और कम ब्याज दरों के साथ लाखों परिवार उठा रहे हैं फायदा। जानें कैसे आप भी सोलर पैनल से अधिशेष बिजली बेचकर कर सकते हैं कमाई।

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नई पीएम सूर्य घर योजना से पिछले 6 महीनों में बढे 50% से अधिक सोलर इंस्टालेशन, जानिए कितनी मिलती है सब्सिडी
नई पीएम सूर्य घर योजना से पिछले 6 महीनों में बढे 50% से अधिक सोलर इंस्टालेशन, जानिए कितनी मिलती है सब्सिडी

भारत में Renewable Energy को बढ़ावा देने और बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए फरवरी 2024 में नई पीएम सूर्य घर योजना की शुरुआत की गई। इस योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के कारण केवल 6 महीनों में ही भारत की रूफटॉप सोलर क्षमता में 50% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। इस दौरान 4 लाख से अधिक आवासीय रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित किए गए, जिससे 1.8 गीगावाट नई क्षमता जुड़ गई।

रूफटॉप सोलर क्षमता में तेज़ी से बढ़ोतरी

मार्च 2024 तक भारत की आवासीय रूफटॉप सोलर क्षमता 3.2 गीगावाट तक पहुंच चुकी है, जो देश की कुल रूफटॉप सोलर क्षमता का 27% हिस्सा है। JMK रिसर्च एंड एनालिटिक्स के अनुसार, यह वृद्धि देश की कुल आवासीय रूफटॉप सोलर क्षमता के आधे से अधिक के बराबर है।

वाणिज्यिक और औद्योगिक प्रतिष्ठानों सहित देश की संचयी रूफटॉप सोलर क्षमता 11.9 गीगावाट तक पहुंच चुकी है, जिसमें इन खंडों का योगदान 60% के करीब है।

सब्सिडी और सस्ती ऋण योजनाओं से बढ़ा आकर्षण

भारत सरकार ने इस योजना को अधिक किफायती बनाने के लिए सब्सिडी दर को 40% से बढ़ाकर 60% कर दिया है। इसके अलावा, सभी सरकारी और निजी बैंकों को घरों के लिए 7% की कम ब्याज दर पर ऋण प्रदान करने का निर्देश दिया गया है। इस पहल से छोटे और मध्यम वर्ग के परिवारों को सोलर पैनल अपनाने में मदद मिल रही है।

इस योजना का एक और लाभ यह है कि अधिशेष बिजली को डिस्कॉम के जरिए बेचा जा सकता है, जिससे नागरिक अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं। यह कदम सोलर पैनल की स्थापना की लागत को और भी कम कर देता है।

2027 तक 30 गीगावाट का लक्ष्य

सरकार ने 2027 तक 30 गीगावाट आवासीय रूफटॉप सोलर क्षमता का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर साल 8-10 गीगावाट नई सोलर क्षमता जोड़ने की आवश्यकता होगी। इसके लिए अगले तीन वित्तीय वर्षों (वित्त वर्ष 2025-2027) के दौरान लगभग ₹75,021 करोड़ के फंड को आवंटित किया गया है।

लॉजिस्टिक्स और कच्चे माल की उपलब्धता की चुनौती

हालांकि यह योजना Renewable Energy क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लेकर आई है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ अब भी मौजूद हैं। घरेलू सामग्री आवश्यकता (DCR) मॉड्यूल की सीमित उपलब्धता और कुछ राज्यों में विक्रेताओं की कमी से इस क्षेत्र की वृद्धि प्रभावित हो सकती है।

इसके अलावा, उच्च परिवहन लागत वाले राज्यों, जैसे पूर्वोत्तर और द्वीप क्षेत्रों, को लॉजिस्टिक्स संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। छोटे और मध्यम आय वाले परिवारों के लिए वहनीयता भी एक प्रमुख चुनौती बनी हुई है।

भविष्य की संभावनाएं

इस योजना ने भारत के शुद्ध-शून्य (Net-Zero) लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। योजना के तहत न केवल लाखों परिवारों को सस्ती और हरित बिजली उपलब्ध कराई जा रही है, बल्कि इससे देश के रिन्यूएबल एनर्जी लक्ष्यों को भी बल मिल रहा है।

एक साल के पूर्ण कार्यान्वयन के बाद इस योजना का वास्तविक प्रभाव स्पष्ट होगा। हालांकि अभी तक के आँकड़े यह दर्शाते हैं कि यह पहल भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं और पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होगी।

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FAQ

Q1: पीएम सूर्य घर योजना क्या है?
यह भारत सरकार की एक योजना है, जिसके तहत आवासीय रूफटॉप सोलर सिस्टम पर सब्सिडी और सस्ती ब्याज दरों पर ऋण प्रदान किया जाता है।

Q2: इस योजना के तहत सब्सिडी कितनी है?
योजना के तहत सोलर इंस्टॉलेशन पर 60% तक सब्सिडी प्रदान की जाती है।

Q3: क्या सोलर पैनल से अतिरिक्त बिजली बेच सकते हैं?
हाँ, अधिशेष बिजली को डिस्कॉम को बेचकर नागरिक अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं।

Q4: इस योजना का लक्ष्य क्या है?
सरकार का लक्ष्य 2027 तक 30 गीगावाट आवासीय रूफटॉप सोलर क्षमता स्थापित करना है।

Q5: भारत की मौजूदा रूफटॉप सोलर क्षमता कितनी है?
मार्च 2024 तक भारत की कुल रूफटॉप सोलर क्षमता 11.9 गीगावाट है।

Q6: क्या छोटे परिवारों के लिए यह योजना किफायती है?
सरकार द्वारा सब्सिडी और सस्ती ब्याज दरों के कारण यह योजना अधिक किफायती हो रही है, लेकिन कुछ राज्यों में चुनौतियाँ बनी हुई हैं।

Q7: क्या योजना का लाभ पूरे भारत में उपलब्ध है?
हाँ, यह योजना पूरे भारत में लागू है, लेकिन उच्च परिवहन लागत वाले राज्यों में लॉजिस्टिक्स संबंधी चुनौतियाँ हो सकती हैं।

Q8: सोलर इंस्टॉलेशन के लिए फंडिंग कैसे की जा रही है?
योजना के लिए ₹75,021 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जो अगले तीन वर्षों में उपयोग किया जाएगा।

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