भारत के पवन ऊर्जा (Wind Energy) क्षेत्र में सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) और आइनॉक्स विंड (Inox Wind) प्रमुख दावेदार हैं। दोनों कंपनियों ने अपनी दूसरी तिमाही के नतीजों में शानदार प्रदर्शन दर्ज किया है। इन नतीजों ने न केवल उनके मजबूत बाजार स्थिति को उजागर किया, बल्कि भारत के रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) क्षेत्र में उनकी प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ा दिया है।
आइनॉक्स विंड ने 2024 की दूसरी तिमाही में अपनी शुद्ध बिक्री को 97.56% तक बढ़ाकर ₹732.24 करोड़ कर दिया, जिससे पिछले साल का ₹90 करोड़ का घाटा ₹90 करोड़ के मुनाफे में बदल गया। वहीं, सुजलॉन एनर्जी ने अपनी तिमाही आय को 48% तक बढ़ाकर ₹2,093 करोड़ किया और ₹201 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया।
ऑर्डर बुक और विनिर्माण क्षमता
सुजलॉन एनर्जी और आइनॉक्स विंड के बीच प्रतिस्पर्धा उनकी ऑर्डर बुक और विनिर्माण क्षमताओं में भी नजर आती है। सुजलॉन ने 5.1 गीगावाट (GW) की सर्वकालिक उच्च ऑर्डर बुक दर्ज की है। कंपनी ने भारत में 3,600 मेगावाट (MW) की सबसे बड़ी घरेलू विनिर्माण क्षमता स्थापित की है।
दूसरी ओर, आइनॉक्स विंड के पास फिलहाल 800 मेगावाट की विनिर्माण क्षमता है, जिसे कंपनी 1,600 मेगावाट तक बढ़ाने की योजना बना रही है। आइनॉक्स विंड की विनिर्माण इकाइयां गुजरात, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में फैली हुई हैं।
वित्तीय प्रदर्शन: कौन किस पर भारी?
वित्तीय दृष्टिकोण से, दोनों कंपनियां शानदार प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन उनके प्रदर्शन में कुछ अंतर भी है।
- आइनॉक्स विंड ने 2024 में 18.60% का परिचालन लाभ मार्जिन दर्ज किया, जो सुजलॉन के 16.40% से बेहतर है।
- सुजलॉन का शुद्ध लाभ ₹660 करोड़ तक पहुंच गया है, जो इसे आय के मामले में आइनॉक्स से आगे रखता है।
- आइनॉक्स विंड का वर्तमान पी/ई अनुपात 381.99 है, जबकि सुजलॉन का 106.18 है, जो दोनों कंपनियों के मूल्यांकन में बड़ा अंतर दिखाता है।
दोनों कंपनियां अपने ग्राहकों में सार्वजनिक क्षेत्र की फर्मों और स्वतंत्र बिजली उत्पादकों को शामिल करती हैं। सुजलॉन के उपाध्यक्ष गिरीश तांती ने कंपनी की विस्तारित विनिर्माण क्षमताओं पर जोर दिया है, जबकि आइनॉक्स के सीईओ कैलाश ताराचंदानी ने बड़े ब्लेड और नए उत्पाद के व्यावसायीकरण की योजना बनाई है।
बाजार की प्रतिक्रिया और निवेशकों के लिए सुझाव
हालांकि, हाल के दिनों में शेयर बाजार में कुछ अस्थिरता देखने को मिली है। आइनॉक्स विंड के शेयर ₹208 पर कारोबार कर रहे हैं, जबकि सुजलॉन के शेयर ₹67 पर हैं। दोनों कंपनियों के शेयरों में क्रमशः 3% और 5% की गिरावट आई है।
निवेशकों को इन कंपनियों में निवेश करते समय सतर्कता बरतनी चाहिए। बिना सही जानकारी और विश्लेषण के निवेश करने से घाटा होने की संभावना हो सकती है।
भविष्य की संभावनाएं
भारत में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है और इन दोनों कंपनियों का प्रदर्शन इस बात का प्रमाण है कि वे भविष्य में इस क्षेत्र में मजबूत स्थान बनाए रखेंगी। जहां सुजलॉन अपनी मजबूत ऑर्डर बुक और उच्च उत्पादन क्षमता के दम पर आगे बढ़ रही है, वहीं आइनॉक्स अपनी परिचालन दक्षता और नई योजनाओं के आधार पर खुद को स्थापित करने की कोशिश कर रही है।