बढ़ती इंडस्ट्रियलाइज़ेशन और जनसंख्या के साथ भारत में ऊर्जा की मांग तेजी से बढ़ रही है। पारंपरिक ऊर्जा स्रोत सीमित होने के कारण देश में रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। सोलर एनर्जी इसका एक प्रमुख स्त्रोत बनकर उभरी है। आज के समय में सोलर पैनल इंस्टॉलेशन के माध्यम से लोग अपनी घरेलू और व्यावसायिक ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर रहे हैं।
सोलर एनर्जी की बढ़ती लोकप्रियता के बीच, फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट एक अभिनव विकल्प बनकर उभरे हैं। यह पारंपरिक सोलर पैनलों जैसा ही होता है, लेकिन इन्हें जलाशयों और अन्य जल स्रोतों की सतह पर स्थापित किया जाता है। यह न केवल जमीन की कमी को पूरा करता है, बल्कि ऊर्जा उत्पादन में भी कुशल साबित होता है। यहां हम भारत के तीन सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट्स के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
NTPC 100 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर प्लांट, रामागुंडम
तेलंगाना के रामागुंडम में स्थित एनटीपीसी (NTPC) का 100 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर प्लांट देश का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट है। इसे रामागुंडम जलाशय पर 500 एकड़ में स्थापित किया गया है। यह प्लांट 40 ब्लॉकों में विभाजित है, जिनमें प्रत्येक ब्लॉक 2.5 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन करने में सक्षम है। इस प्रोजेक्ट को 2019 में शुरू किया गया और यह आज के समय में एक स्थायी और प्रभावी ऊर्जा उत्पादन मॉडल बन चुका है।
इस प्लांट की खासियत यह है कि इसके सभी इलेक्ट्रिकल उपकरण फ्लोटिंग फेरोसीमेंट प्लेटफॉर्म पर लगाए गए हैं, जिन्हें जलाशय की सतह पर तैरते कंक्रीट ब्लॉकों के सहारे स्थापित किया गया है। यह डिज़ाइन न केवल ऊर्जा उत्पादन को कुशल बनाता है, बल्कि पारिस्थितिकीय प्रभाव को भी न्यूनतम रखता है।
NTPC 92 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर प्लांट, कायमकुलम
केरल के कायमकुलम में स्थित राजीव गांधी कंबाइंड साइकिल पावर प्लांट के अंतर्गत एनटीपीसी का 92 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर प्लांट स्थापित है। यह भारत की एनर्जी इंडिपेंडेंस की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रोजेक्ट को ₹465 करोड़ की लागत से तैयार किया गया और जुलाई 2022 में इसे पूरी तरह से ऑपरेशनल किया गया।
इस फ्लोटिंग सोलर प्लांट में लगभग 2,16,000 सोलर पैनल वाटर सरफेस पर इंस्टॉल किए गए हैं। यह प्लांट केरल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (KSEB) को ऊर्जा की आपूर्ति करता है। क्लीन एनर्जी उत्पादन के साथ यह प्लांट पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा सुरक्षा में भी योगदान देता है।
रिहंद डैम 50 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित रिहंद जलाशय पर बना यह फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट भारत के प्रमुख फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट्स में से एक है। इसकी कुल क्षमता 50 मेगावाट है और यह क्षेत्रीय ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यह प्रोजेक्ट 25 साल के पावर परचेज एग्रीमेंट (Power Purchase Agreement) के तहत संचालित होता है। यहां उत्पादित ऊर्जा की लागत मात्र ₹0.44 प्रति यूनिट है, जो इसे बेहद किफायती और आकर्षक बनाती है। साथ ही, यह प्लांट ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में भी सहायक है और ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों दोनों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करता है।
फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट्स का महत्व
फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट्स जमीन की कमी को दूर करने के साथ ही ऊर्जा उत्पादन का एक टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल तरीका प्रदान करते हैं। ये न केवल जलाशयों की सतह का उपयोग करते हैं, बल्कि वाष्पीकरण को भी कम करते हैं, जिससे जल संरक्षण में मदद मिलती है। इसके अलावा, ये ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम कर पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देते हैं।
भारत के ऊर्जा क्षेत्र में भविष्य की दिशा
भारत सरकार ने रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट्स जैसे प्रोजेक्ट्स न केवल ऊर्जा उत्पादन को बढ़ा रहे हैं, बल्कि भारत को एनर्जी सिक्योरिटी और क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना रहे हैं। यह आने वाले समय में पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
FAQs
1. फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट क्या है?
फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट एक ऐसा सिस्टम है जिसमें सोलर पैनल्स को जलाशयों या अन्य जल स्रोतों की सतह पर स्थापित किया जाता है।
2. भारत में सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट कौन सा है?
भारत का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट तेलंगाना के रामागुंडम में स्थित 100 मेगावाट का एनटीपीसी फ्लोटिंग सोलर प्लांट है।
3. फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट्स के फायदे क्या हैं?
ये प्लांट्स जमीन की कमी को पूरा करते हैं, जल संरक्षण में मदद करते हैं और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करते हैं।
4. रिहंद डैम फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की विशेषताएं क्या हैं?
यह प्लांट 50 मेगावाट क्षमता का है, और ₹0.44 प्रति यूनिट ऊर्जा की लागत के साथ संचालित होता है। यह क्षेत्रीय ऊर्जा जरूरतों को पूरा करता है और पर्यावरण संरक्षण में मदद करता है।
5. फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट्स भारत में क्यों लोकप्रिय हो रहे हैं?
इनकी लोकप्रियता का कारण जमीन की कमी को दूर करना, क्लीन एनर्जी प्रदान करना और पर्यावरणीय लाभ हैं।
6. NTPC कायमकुलम फ्लोटिंग सोलर प्लांट की खासियत क्या है?
यह 92 मेगावाट का प्लांट 2,16,000 सोलर पैनल्स के साथ स्थापित है और ₹465 करोड़ की लागत से बनाया गया है।
7. फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट्स का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है?
यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करते हैं और पारिस्थितिकीय संतुलन बनाए रखते हैं।
8. भारत में रिन्यूएबल एनर्जी का भविष्य क्या है?
भारत रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है। फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट्स इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन रहे हैं और भविष्य में ऊर्जा सुरक्षा में अहम योगदान देंगे।