सिर्फ एक बार खर्च करें, सालों तक फ्री बिजली! जानिए 1.5kW सोलर सिस्टम की कीमत और फुल बेनिफिट

अब बिजली बिल से छुटकारा पाना हुआ आसान! जानिए 1.5kW सोलर सिस्टम लगवाने में कितना खर्च आएगा, और कैसे ये आपके घर के फैन, लाइट, फ्रिज जैसी जरूरतों को आराम से चला सकता है। सब्सिडी, इंस्टॉलेशन और मेंटेनेंस से जुड़ी हर जरूरी जानकारी यहां, ताकि फैसला लेने से पहले आप हो जाएं पूरी तरह तैयार।

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सिर्फ एक बार खर्च करें, सालों तक फ्री बिजली! जानिए 1.5kW सोलर सिस्टम की कीमत और फुल बेनिफिट
1.5kW सोलर सिस्टम

आजकल के दौर में बिजली की बढ़ती जरूरतों के कारण कई लोग भारी बिजली बिलों से परेशान हैं। ऐसे में सोलर पैनल्स (Solar Panels) एक प्रभावी और सस्टेनेबल (Sustainable) विकल्प के रूप में सामने आए हैं। सोलर पैनल सूर्य से ऊर्जा को इलेक्ट्रिक पावर में बदलकर घरों की बिजली की जरूरतों को पूरा करते हैं। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि एक 1.5 kW सोलर सिस्टम स्थापित करने में कितनी लागत आती है और इस पर मिलने वाली सरकारी सब्सिडी (Subsidy) के बारे में।

1.5 kW सोलर सिस्टम की जरूरतें और उपयोग

यदि आपके घर का डेली बिजली लोड लगभग 7-8 यूनिट्स है, तो एक 1.5 kW का सोलर सिस्टम आपके लिए उपयुक्त हो सकता है। इस सोलर सिस्टम से उत्पन्न होने वाली बिजली आपके सामान्य घरेलू उपकरणों जैसे पंखे, टीवी, फ्रिज, लाइट्स आदि को चलाने के लिए पर्याप्त होगी। इसके अतिरिक्त, आप इसे छोटे पंप जैसे 1HP के सबमर्सिबल पंप के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। एक 1.5 kW सोलर सिस्टम हर महीने करीब 200 यूनिट्स तक बिजली जनरेट कर सकता है, जिससे आपका बिजली बिल काफी हद तक कम हो सकता है।

1.5 kW सोलर पैनल का प्रकार

बाजार में विभिन्न प्रकार के सोलर पैनल उपलब्ध हैं, जैसे कि पॉलीक्रिस्टलाइन (Polycrystalline), मोनोक्रिस्टलाइन (Monocrystalline), और बाइफेसियल (Bifacial) पैनल। यदि आपका बजट सीमित है, तो पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल एक बेहतर और किफायती विकल्प साबित हो सकते हैं, जबकि मोनोक्रिस्टलाइन और बाइफेसियल पैनल अधिक एफिशिएंट होते हैं और लंबे समय तक बेहतर प्रदर्शन करते हैं।

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1.5 kW सोलर सिस्टम के लिए इन्वर्टर और बैटरी

सोलर पैनल्स द्वारा जनरेट की गई पावर डायरेक्ट करंट (DC) में होती है, जबकि घरेलू उपकरणों को चलाने के लिए अल्टरनेटिंग करंट (AC) की आवश्यकता होती है। इसके लिए सोलर इन्वर्टर का इस्तेमाल किया जाता है, जो DC पावर को AC में बदलता है। एक 1.5 kW सोलर सिस्टम में लगभग 1800 VA तक का इन्वर्टर स्थापित किया जा सकता है। इसमें दो प्रमुख प्रकार के इन्वर्टर होते हैं: PWM (Pulse Width Modulation) और MPPT (Maximum Power Point Tracking), जिनमें से MPPT टेक्नोलॉजी बेहतर परफॉर्मेंस देती है।

सोलर बैटरी का उपयोग दिन के दौरान उत्पन्न की गई अतिरिक्त बिजली को स्टोर करने के लिए किया जाता है, जिससे रात के समय भी बिजली की आपूर्ति बनी रहती है। एक 1.5 kW सोलर सिस्टम के लिए 100Ah से 200Ah तक की बैटरी का उपयोग किया जा सकता है, जो आपकी जरूरत के हिसाब से पावर बैकअप प्रदान करेगी।

1.5 kW सोलर सिस्टम की कुल लागत

सोलर सिस्टम की लागत उसके उपयोग किए जाने वाले विभिन्न कॉम्पोनेन्ट्स पर निर्भर करती है, जैसे सोलर पैनल, इन्वर्टर, बैटरी और इंस्टॉलेशन शुल्क। निम्नलिखित एक अनुमानित लागत है:

  • 1.5kW सोलर पैनल: ₹60,000
  • सोलर इन्वर्टर: ₹30,000
  • 2 x 150Ah सोलर बैटरी: ₹30,000
  • अन्य एक्सपेंस (इंस्टॉलेशन, वायरिंग आदि): ₹5,000

इस प्रकार, एक 1.5 kW सोलर सिस्टम की कुल लागत ₹1,25,000 तक हो सकती है। यह मूल्य सोलर पैनल्स और अन्य उपकरणों की गुणवत्ता और ब्रांड के अनुसार बदल सकता है। सोलर पैनल्स की 25 साल की परफॉर्मेंस वारंटी के साथ आते हैं, जबकि इन्वर्टर की वारंटी 5 साल तक और बैटरी की वारंटी 2 से 5 साल तक होती है।

सोलर सिस्टम पर मिलने वाली सब्सिडी

सरकार ने नागरिकों को सोलर पैनल सिस्टम स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रकार की सब्सिडी (Subsidy) की व्यवस्था की है। एक 1.5 kW सोलर पैनल सिस्टम के लिए, आप 70% तक की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं, जिसका मतलब है कि आपको कुल लागत का केवल 30% हिस्सा ही खर्च करना होगा। इससे आपके लिए सोलर सिस्टम पर निवेश करना काफी सस्ता और सुविधाजनक हो जाता है।

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सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाकर, आप अपने घर पर सोलर पैनल इंस्टॉल कर सकते हैं, जिससे आपकी ऊर्जा लागत कम होगी और पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।

1.5 kW सोलर सिस्टम की इंस्टॉलेशन के फायदे

  1. बिजली बिल में कमी: एक 1.5 kW सोलर सिस्टम हर महीने लगभग 200 यूनिट्स तक बिजली जनरेट कर सकता है, जिससे बिजली बिल में भारी कमी आएगी।
  2. रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग: सोलर पैनल्स रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) का एक बेहतरीन स्रोत हैं, जो पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है।
  3. लंबी उम्र: सोलर पैनल्स की उम्र लगभग 25-30 साल होती है, जो एक लंबी अवधि तक सेवा प्रदान करते हैं।
  4. कम मेंटेनेंस: एक बार इंस्टॉलेशन के बाद, सोलर सिस्टम को बहुत कम मेंटेनेंस की जरूरत होती है।

FAQs

1. 1.5 kW सोलर सिस्टम के लिए कितनी बैटरी की जरुरत होती है?
एक 1.5 kW सोलर सिस्टम के लिए 100Ah से 200Ah तक की बैटरी की आवश्यकता होती है, जो आपके पावर बैकअप की जरूरतों के हिसाब से हो सकती है।

2. क्या 1.5 kW सोलर सिस्टम से पूरा घर चल सकता है?
यह सिस्टम आपके घर के सामान्य बिजली उपकरण जैसे पंखे, लाइट्स, टीवी आदि को चला सकता है, लेकिन बड़े उपकरण जैसे एयर कंडीशनर के लिए इसे विस्तार की आवश्यकता हो सकती है।

3. सोलर पैनल्स की वॉरंटी कितने साल की होती है?
सोलर पैनल्स की वॉरंटी आमतौर पर 25 साल की होती है, जबकि इन्वर्टर की वॉरंटी 5 साल और बैटरी की वॉरंटी 2 से 5 साल तक होती है।

4. क्या सोलर सिस्टम इंस्टॉल करने पर कोई सब्सिडी मिलती है?
हां, सरकार सोलर पैनल्स के लिए 70% तक की सब्सिडी प्रदान करती है, जिससे आपकी कुल लागत में कमी आती है।

5. सोलर सिस्टम की इंस्टॉलेशन लागत में क्या शामिल है?
इंस्टॉलेशन लागत में सोलर पैनल्स, इन्वर्टर, बैटरी, वायरिंग और अन्य संबंधित एक्सपेंस शामिल होते हैं।

6. क्या सोलर पैनल्स को किसी विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है?
सोलर पैनल्स को बहुत कम देखभाल की आवश्यकता होती है, बस समय-समय पर सफाई और निरीक्षण करना जरूरी होता है।

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