
Waaree Energies Share Price में हाल ही में तेज़ी देखी गई है। नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (Nuvama Institutional Equities) ने इस प्रमुख सोलार स्टॉक पर कवरेज की शुरुआत करते हुए इसे ‘बाय’ रेटिंग दी है और प्रति शेयर 2,805 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है। वर्तमान स्तर से यह टारगेट लगभग 25% की संभावित वृद्धि को दर्शाता है। यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) सेक्टर में भारत का फोकस लगातार बढ़ रहा है और वारी एनर्जीज (Waaree Energies) इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही है।
रणनीतिक विस्तार और बैकवर्ड इंटीग्रेशन से मिलेगी मजबूती
नुवामा की रिपोर्ट के अनुसार, वारी एनर्जीज की रणनीतिक बैकवर्ड इंटिग्रेशन योजनाएं और आक्रामक क्षमता विस्तार इसे रिन्यूएबल एनर्जी और ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) जैसे भविष्य के ऊर्जा स्रोतों में लीडरशिप की स्थिति में लाने की क्षमता रखते हैं। कंपनी का फोकस उच्च मार्जिन वाले DCR मॉड्यूल्स की ओर बढ़ा है, जो मध्यम मार्जिन ALMM-अनुपालन मॉड्यूल्स की तुलना में अधिक लाभदायक हैं। इससे आने वाले वर्षों में कंपनी के प्रॉफिट में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की उम्मीद है।
ऑर्डर बुक में मजबूती, राजस्व और EBITDA में तेजी की संभावना
नुवामा का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2027 तक कंपनी का राजस्व और EBITDA क्रमशः 30% और 54% की चक्रवृद्धि वार्षिक दर (CAGR) से बढ़ेगा। यह वृद्धि मजबूत ऑर्डर बुक, क्षमता विस्तार और ऑपरेशनल मार्जिन में बढ़ोतरी से प्रेरित होगी। दिसंबर 2024 तक Waaree की ऑर्डर बुक 26.5 गीगावॉट की थी, जिसका कुल मूल्य लगभग 500 अरब रुपये था।
EBITDA मार्जिन में होगा सुधार, बैकवर्ड इंटीग्रेशन का असर
Solar Cell और Wafer मैन्युफैक्चरिंग में कंपनी की बैकवर्ड इंटीग्रेशन रणनीति से लागत नियंत्रण में मदद मिलेगी और मार्जिन में सुधार होगा। नुवामा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का EBITDA मार्जिन 14% था, जो वित्त वर्ष 2027 तक बढ़कर 23% तक जा सकता है। इसके अलावा वारी के सोलर सेल प्लांट की स्टार्टअप से प्रति वर्ष 20 अरब रुपये का अतिरिक्त EBITDA उत्पन्न हो सकता है, जबकि FY26 के लिए यह अनुमान 8 अरब रुपये का रखा गया है।
उत्पादन क्षमता में जबरदस्त विस्तार की योजना
कंपनी आने वाले वर्षों में अपनी उत्पादन क्षमताओं को कई गुना बढ़ाने की योजना पर कार्य कर रही है। वित्त वर्ष 2027 तक वारी अपनी सौर मॉड्यूल क्षमता को 21 गीगावॉट, सौर सेल क्षमता को 11 गीगावॉट और वेफर क्षमता को 6 गीगावॉट तक ले जाने का लक्ष्य रख रही है। हाल ही में गुजरात के चिखली में कंपनी ने 1.4 गीगावॉट की सौर सेल परियोजना से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू कर दिया है। इसके अलावा अप्रैल-मई 2025 तक 4 गीगावॉट की टॉपकॉन सेल सुविधा शुरू करने का भी लक्ष्य तय किया गया है।
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संभावित जोखिम और उनका समाधान
नुवामा ने अपनी रिपोर्ट में कुछ संभावित जोखिमों का भी उल्लेख किया है, जैसे घटता आयात शुल्क, बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और मॉड्यूल की अधिक क्षमता का दबाव। हालांकि, कंपनी के पास एकीकृत व्यवसाय मॉडल और ग्रीन हाइड्रोजन तथा एनर्जी स्टोरेज में अर्ली-मूवर एडवांटेज है, जो इन जोखिमों को संतुलित करने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।
मजबूत बैलेंस शीट और उच्च रिटर्न की उम्मीद
नुवामा को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2027 तक वारी एनर्जीज का इक्विटी पर रिटर्न (RoE) 30% से अधिक रहेगा। इसका आधार कंपनी का मजबूत कैश फ्लो और संतुलित बैलेंस शीट है, जो इसे दीर्घकालिक रूप से निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प बनाती है।
शेयर प्राइस में हालिया उतार-चढ़ाव
बीएसई पर वारी एनर्जीज के शेयर 12:30 बजे तक 1.87% की तेजी के साथ 2,295 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे। पिछले छह महीनों में इस स्टॉक ने 49% की जबरदस्त बढ़त दर्ज की है, हालांकि पिछले तीन महीनों में इसमें 22% की गिरावट भी आई है। यह दर्शाता है कि स्टॉक में वोलैटिलिटी है, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टिकोण मजबूत बना हुआ है।