क्या EV चार्जिंग के लिए घरेलू सोलर सिस्टम काफी है? जानिए ज़रूरी कैलकुलेशन

जानिए कैसे घरेलू सोलर सिस्टम के ज़रिए आप Electric Vehicle को Zero Cost पर चार्ज कर सकते हैं। यह न सिर्फ आपका बिजली बिल कम करेगा, बल्कि आपको बनाएगा एक जिम्मेदार पर्यावरण रक्षक। पढ़िए पूरी रिपोर्ट और पाइए एक स्मार्ट, ग्रीन और फायदे का सौदा!

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Written by Rohit Kumar

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क्या EV चार्जिंग के लिए घरेलू सोलर सिस्टम काफी है? जानिए ज़रूरी कैलकुलेशन
क्या EV चार्जिंग के लिए घरेलू सोलर सिस्टम काफी है? जानिए ज़रूरी कैलकुलेशन

बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक समस्याओं के चलते अब देश में Electric Vehicle (EV) अपनाने का चलन बढ़ता जा रहा है। लेकिन EV अपनाने के साथ एक नई चुनौती सामने आती है—चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता और बिजली की लागत। ऐसे में घरेलू सोलर सिस्टम (Home Solar System) EV चार्जिंग के लिए एक Sustainable और Economical समाधान बनकर उभर रहा है। Renewable Energy पर आधारित यह विकल्प न केवल आपकी जेब पर बोझ कम करता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक मजबूत कदम है।

इलेक्ट्रिक वाहन की दैनिक ऊर्जा आवश्यकता

एक औसत इलेक्ट्रिक कार लगभग 6 किलोमीटर चलने के लिए 1 किलोवाट-घंटा (kWh) बिजली का उपयोग करती है। अगर आप रोजाना 50 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं, तो आपके वाहन को चार्ज करने के लिए लगभग 8.3 kWh बिजली की जरूरत होगी। यह आंकड़ा उन लोगों के लिए खास है जो अपने EV का दैनिक उपयोग करते हैं और लंबे समय तक ईंधन लागत से बचना चाहते हैं।

कितने साइज का सोलर सिस्टम चाहिए?

अगर हम मानें कि 1 किलोवाट (kW) का सोलर सिस्टम औसतन 4 kWh बिजली प्रतिदिन उत्पन्न करता है, तो EV को चार्ज करने के लिए कम से कम 2.5 kW के सिस्टम की आवश्यकता होगी। लेकिन सोलर पैनलों की दक्षता, मौसम, और अन्य बाहरी कारकों को देखते हुए 3 से 5 kW की क्षमता वाला सोलर सिस्टम अधिक उपयुक्त माना जाता है। यह न केवल वाहन चार्जिंग के लिए पर्याप्त है, बल्कि घर की अन्य बिजली जरूरतों को भी पूरा कर सकता है।

कितने और किस प्रकार के पैनल लगेंगे?

यदि आप 400-वाट क्षमता वाले हाई एफिशिएंसी सोलर पैनल का इस्तेमाल करते हैं, तो 3 kW के सोलर सिस्टम के लिए लगभग 7-8 पैनल की जरूरत होगी। बाजार में दो प्रमुख प्रकार के पैनल उपलब्ध हैं—Monocrystalline और Polycrystalline। मोनोक्रिस्टलाइन पैनल अधिक दक्षता वाले होते हैं लेकिन थोड़े महंगे होते हैं, जबकि पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल सस्ते होते हैं पर दक्षता थोड़ी कम होती है। चयन करते समय आपको अपने बजट और छत पर उपलब्ध स्थान का ध्यान रखना चाहिए।

चार्जिंग टाइमिंग और बैटरी स्टोरेज की भूमिका

सोलर पैनल दोपहर के समय सबसे ज्यादा बिजली पैदा करते हैं, इसलिए उसी समय EV को चार्ज करना सबसे कुशल होता है। लेकिन अगर आप रात में चार्जिंग करना चाहते हैं, तो आपको Battery Storage सिस्टम की जरूरत होगी। यह दिन के समय उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को स्टोर करता है, जिससे रात को वाहन चार्ज किया जा सके। हालांकि, बैटरी स्टोरेज की लागत अधिक होती है, इसलिए इसकी उपयोगिता का मूल्यांकन करना जरूरी है।

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घर की अन्य बिजली आवश्यकताएं कैसे पूरी होंगी?

अगर आप EV के साथ-साथ अपने घर के अन्य उपकरण—जैसे एसी, फ्रिज, लाइट, पंखा, टीवी आदि—भी सोलर से चलाना चाहते हैं, तो आपको बड़ा सिस्टम लगवाना पड़ेगा। एक 5 kW का सोलर सिस्टम इस काम के लिए उपयुक्त माना जाता है, जो औसतन 20-25 kWh बिजली प्रतिदिन उत्पन्न करता है। इससे आपकी अधिकांश घरेलू बिजली जरूरतें पूरी हो सकती हैं।

सोलर उत्पादन में मौसमी उतार-चढ़ाव

सर्दियों या मानसून जैसे मौसमों में सोलर पैनल की उत्पादन क्षमता में गिरावट आ सकती है। ऐसे में आपको सिस्टम को इस प्रकार डिजाइन करना होगा कि यह इन मौसमीय उतार-चढ़ावों को भी सहन कर सके। अतिरिक्त पैनल्स या बैटरी बैकअप सिस्टम इस स्थिति में उपयोगी साबित हो सकते हैं, जिससे आपकी EV की चार्जिंग निर्बाध बनी रहे।

लागत और फाइनेंस की सुविधा

5 kW क्षमता वाले सोलर सिस्टम की अनुमानित लागत 4.5 से 5 लाख रुपये के बीच हो सकती है। हालांकि, सरकार की ओर से विभिन्न प्रकार की सब्सिडी और टैक्स छूट उपलब्ध हैं, जिससे यह निवेश और भी किफायती हो सकता है। इसके अलावा, कई बैंक और एनबीएफसी सोलर लोन की सुविधा भी देते हैं, जिससे आप आसान किस्तों में इस सिस्टम को इंस्टॉल कर सकते हैं। यह एक बार का निवेश है, जो लंबे समय में हजारों रुपये की बचत दिला सकता है।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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