
भारत की अग्रणी सौर ऊर्जा कंपनी Vikram Solar ने Renewable Energy क्षेत्र में एक और बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के फलता (Falta) में स्थित अपने उत्पादन संयंत्र की क्षमता में 1 गीगावाट की वृद्धि की है, जिससे उसकी कुल उत्पादन क्षमता अब 4.5 गीगावाट तक पहुंच गई है। यह विस्तार न केवल देश में सौर पैनल निर्माण को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत के Net-Zero Carbon Emission लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में भी अहम भूमिका निभाएगा।
रिन्यूएबल एनर्जी में भारत की भागीदारी को मिलेगा बल
Vikram Solar की यह नई उत्पादन क्षमता भारत सरकार के उस विजन से मेल खाती है, जिसके तहत 2030 तक 500 गीगावाट की गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित (Non-Fossil Fuel Based) ऊर्जा क्षमता को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। यह लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा COP26 सम्मेलन में घोषित किया गया था और यह वैश्विक जलवायु परिवर्तन के खिलाफ भारत की रणनीतिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
फलता प्लांट का यह विस्तार न केवल घरेलू सौर उत्पादों पर भारत की निर्भरता को बढ़ाएगा, बल्कि यह भारत को वैश्विक स्तर पर Solar Module निर्यातक के रूप में भी स्थापित कर सकता है।
सॉलिड-स्टेट बैटरी निर्माण की योजना बनी चर्चा का केंद्र
Vikram Solar केवल सोलर पैनल निर्माण तक सीमित नहीं रहना चाहती। कंपनी ने सॉलिड-स्टेट सेल और बैटरी निर्माण क्षेत्र में प्रवेश करने की भी घोषणा की है। इसके तहत, वह 1 गीगावाट की एक पूरी तरह से एकीकृत सॉलिड-स्टेट बैटरी और सेल निर्माण सुविधा स्थापित करने की योजना बना रही है, जिसे भविष्य में 5 गीगावाट तक विस्तार दिया जाएगा।
सॉलिड-स्टेट बैटरी तकनीक वर्तमान में ऊर्जा भंडारण (Energy Storage) की दुनिया में सबसे उन्नत और सुरक्षित मानी जा रही है। इसकी विशेषता है कि यह पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरियों की तुलना में अधिक ऊर्जा घनत्व और बेहतर सुरक्षा प्रदान करती है।
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आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम
Vikram Solar की इस पहल से भारत की ऊर्जा भंडारण क्षमताओं में जबरदस्त इजाफा होगा। देश में बढ़ती Electric Mobility, Grid Stabilization और Off-grid Power Solutions की मांग को देखते हुए Energy Storage Solutions बेहद अहम बनते जा रहे हैं। कंपनी का यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों को भी मजबूती प्रदान करेगा, जहां घरेलू स्तर पर तकनीकी नवाचार और निर्माण को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
देश को मिलेगा वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त
वैश्विक Renewable Energy बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धा तेजी से बढ़ रही है, और Vikram Solar जैसे अग्रणी प्लेयर इस प्रतिस्पर्धा को आगे ले जा रहे हैं। जहां एक ओर अमेरिका, चीन और यूरोप सॉलिड-स्टेट बैटरी क्षेत्र में अग्रणी हैं, वहीं भारत की इस दिशा में यह पहल तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
इसके अलावा, Vikram Solar का यह भी लक्ष्य है कि वह इस नई सॉलिड-स्टेट यूनिट में R&D यानी अनुसंधान और विकास के लिए भी एक मजबूत आधार स्थापित करे, जिससे भविष्य की तकनीकों के लिए भारत को वैश्विक स्तर पर एक नवप्रवर्तन केंद्र (Innovation Hub) के रूप में स्थापित किया जा सके।
कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मददगार
सोलर पैनल और बैटरी निर्माण में घरेलू क्षमताओं को बढ़ाने से लॉजिस्टिक्स और इम्पोर्ट पर निर्भरता कम होगी, जिससे कार्बन फुटप्रिंट में भी कमी आएगी। Vikram Solar की इन पहलों से ना केवल भारत में ग्रीन जॉब्स का निर्माण होगा, बल्कि यह पर्यावरणीय स्थिरता को भी बढ़ावा देगा।