
हरियाणा सरकार किसानों को रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy की ओर प्रोत्साहित करने के लिए पीएम-कुसुम योजना (PM-KUSUM Scheme) के तहत बड़ी सब्सिडी के साथ सोलर पंप प्रदान कर रही है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को सोलर पंप की कुल लागत का केवल 25% ही देना होता है, जबकि बाकी 75% राशि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में दी जाती है। इस गणित के अनुसार किसान केवल ₹53,926 में 3 एचपी डीसी सतही सोलर पंप लगवा सकते हैं। यह पहल राज्य में ऊर्जा आत्मनिर्भरता बढ़ाने के साथ-साथ किसानों की बिजली पर निर्भरता भी कम करेगी।
पीएम-कुसुम योजना के तहत सोलर पंप की कीमत और सब्सिडी का लाभ
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान यानी पीएम-कुसुम योजना के तहत किसानों को विभिन्न क्षमताओं के सोलर पंप बेहद रियायती दरों पर मुहैया कराए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए, 7.5 एचपी डीसी सबमर्सिबल सोलर पंप की कुल लागत ₹4,54,516 तय की गई है, जिसमें से किसान को केवल ₹1,13,629 का अंशदान देना होगा। इसी तरह, 10 एचपी डीसी सबमर्सिबल पंप (यूनिवर्सल कंट्रोलर सहित) की कुल कीमत ₹6,28,764 है, जिसमें से किसानों को ₹2,02,253 की राशि देनी होगी।
यह सब्सिडी मॉडल किसानों को महंगे सोलर पंप भी कम खर्च में स्थापित करने का मौका देता है। इससे न केवल ऊर्जा की बचत होती है बल्कि सिंचाई की लागत भी घटती है। एसी और डीसी दोनों प्रकार के पंप किसानों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार उपलब्ध कराए जाते हैं।
आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन, जानें जरूरी तारीखें
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे, क्योंकि आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन कर दी गई है। किसान 8 अप्रैल 2025 से 21 अप्रैल 2025 तक सरल हरियाणा पोर्टल saralharyana.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन के दौरान किसानों को कुछ दस्तावेज अपलोड करने होंगे, जिनमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, परिवार पहचान पत्र (PPP), भूमि से संबंधित दस्तावेज जैसे फर्द या जमाबंदी, बैंक पासबुक की कॉपी और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं। सरकार का उद्देश्य अधिकतम किसानों तक इस योजना को पहुंचाना है, इसलिए ऑनलाइन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी रखा गया है।
पात्रता शर्तें जो किसानों को जाननी चाहिए
हरियाणा सरकार ने इस योजना के तहत कुछ पात्रता मानदंड तय किए हैं, जिनका पालन आवश्यक है। सबसे पहली शर्त यह है कि किसान के पास वैध कृषि भूमि होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त, यदि किसान या उनके परिवार के किसी सदस्य के नाम पर पहले से कोई सोलर पंप है या बिजली आधारित कृषि पंप है, तो वे इस योजना के लिए पात्र नहीं माने जाएंगे।
एक और अहम प्रावधान यह जोड़ा गया है कि जिन इलाकों में भूजल स्तर 40 मीटर से अधिक नीचे है, वहां के किसान इस योजना का लाभ नहीं ले सकते। यह नियम जल संरक्षण को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया है, ताकि सोलर पंप के उपयोग से भूजल दोहन को बढ़ावा न मिले।
चयन प्रक्रिया और पंप की स्थापना से जुड़े दिशा-निर्देश
इस योजना में प्राथमिकता उन किसानों को दी जा रही है, जिन्होंने पहले 1 एचपी से 10 एचपी तक के बिजली आधारित कृषि ट्यूबवेल के लिए आवेदन किया हुआ है और अब वे अपना मौजूदा बिजली कनेक्शन सरेंडर करने को तैयार हैं। चयनित किसानों को उनकी आवश्यकता और क्षेत्र के अनुसार पंप की श्रेणी चुनने का विकल्प मिलेगा।
हालांकि बोरवेल की व्यवस्था किसान को स्वयं करनी होगी, लेकिन पंप की स्थापना और तकनीकी जिम्मेदारी संबंधित कंपनी की होगी। इससे किसान को तकनीकी झंझटों से राहत मिलेगी और वे आसानी से अपने खेतों में सोलर सिंचाई व्यवस्था शुरू कर सकेंगे।
यह योजना केवल आर्थिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि पर्यावरणीय रूप से भी अत्यंत लाभकारी है। रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy के उपयोग को बढ़ावा देकर हरियाणा सरकार राज्य को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में आगे बढ़ा रही है।
योजना से जुड़ी जानकारी के लिए संपर्क स्रोत
यदि किसान इस योजना से जुड़ी विस्तृत जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो वे नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग, हरियाणा की आधिकारिक वेबसाइट hareda.gov.in पर विज़िट कर सकते हैं। इस पोर्टल पर उन्हें योजना से संबंधित सभी दिशानिर्देश, पात्रता मानदंड, हेल्पलाइन नंबर और अन्य तकनीकी विवरण मिल जाएंगे।