
टाटा का 1kW सोलर सिस्टम अब उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में Renewable Energy को अपनाने का एक किफायती विकल्प बनता जा रहा है। Tata Power के इस ऑन-ग्रिड सोलर सेटअप की लागत अब सरकार की सब्सिडी योजना के चलते आम उपभोक्ताओं की पहुंच में आ चुकी है। वर्तमान में, केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त पहल से इस सिस्टम की कुल लागत ₹30,000 से ₹35,000 के बीच हो सकती है, जो इसे छोटे घरेलू उपभोग के लिए अत्यंत उपयुक्त विकल्प बनाती है।
1kW टाटा सोलर सिस्टम की अनुमानित लागत
Tata Power द्वारा निर्मित 1kW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम की बाजार में अनुमानित कीमत ₹70,000 से ₹75,000 तक है। इस लागत में सोलर पैनल, इन्वर्टर, माउंटिंग स्ट्रक्चर और अन्य आवश्यक उपकरण शामिल होते हैं।
सिस्टम में प्रयोग किए गए सोलर पैनल्स की संरचना इस प्रकार है – 330W के 3 पैनल, जिसकी कुल कीमत लगभग ₹35,000 आती है। इसके अलावा, 1kW क्षमता वाला PCU सोलर इन्वर्टर लगभग ₹20,000 में आता है। सिस्टम की कुल वायरिंग, माउंटिंग स्ट्रक्चर, ACDB/DCDB आदि के लिए ₹15,000 से ₹20,000 का अतिरिक्त खर्च शामिल है।
यह सोलर सेटअप प्रतिवर्ष लगभग 1,400 यूनिट बिजली का उत्पादन करने में सक्षम होता है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि यह सिस्टम एक सामान्य भारतीय परिवार की दैनिक बिजली जरूरतों को पूरा कर सकता है, खासकर उन परिवारों के लिए जो छोटे उपकरणों और एलईडी लाइट्स का प्रयोग करते हैं।
उत्तर प्रदेश में सरकारी सब्सिडी का लाभ
उत्तर प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के सहयोग से Renewable Energy को बढ़ावा देने के लिए रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन पर आकर्षक सब्सिडी प्रदान कर रही है।
टाटा पावर के ‘घर-घर सोलर’ अभियान के तहत 1kW सोलर सिस्टम पर कुल ₹45,000 तक की सब्सिडी उपलब्ध है। इसमें केंद्र सरकार ₹30,000 की सब्सिडी देती है, जबकि राज्य सरकार ₹15,000 तक की अतिरिक्त सहायता प्रदान करती है।
इस सब्सिडी के बाद उपभोक्ता को अपनी जेब से केवल ₹30,000 से ₹35,000 के बीच भुगतान करना पड़ता है, जिससे यह सोलर सिस्टम अत्यधिक किफायती हो जाता है।
सब्सिडी के लिए आवेदन की प्रक्रिया
सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने के लिए उपभोक्ता को राष्ट्रीय रूफटॉप सोलर पोर्टल (https://solarrooftop.gov.in/) पर पंजीकरण करना होता है। इसके बाद संबंधित डिस्कॉम (जैसे PVVNL) से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करनी होती है।
तकनीकी स्वीकृति मिलने के बाद उपभोक्ता को Tata Power या उनके अधिकृत विक्रेताओं से इंस्टॉलेशन करवाना होता है। इंस्टॉलेशन के बाद नेट मीटरिंग प्रक्रिया पूरी होती है। अंततः DISCOM द्वारा निरीक्षण कर प्रमाणन दिया जाता है और इसके बाद सब्सिडी की राशि सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और उपभोक्ता के लिए सहज बनाई गई है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सोलर ऊर्जा की ओर आकर्षित हो सकें।
1kW सोलर सिस्टम: घरेलू बिजली बिल में भारी कटौती
1kW क्षमता का यह ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम सालभर में 1,400 यूनिट बिजली उत्पन्न करता है, जो लगभग ₹7-₹8 प्रति यूनिट की दर से देखे जाए तो ₹10,000 से ₹12,000 सालाना की बचत करता है। इस प्रकार, 3 से 4 वर्षों में इसकी लागत पूरी तरह वसूल हो जाती है, और आगे की ऊर्जा निःशुल्क हो जाती है।
लंबी अवधि में देखें तो यह सोलर सिस्टम बिजली के बढ़ते खर्च से सुरक्षा प्रदान करता है और साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देता है।
भारत में Renewable Energy की दिशा में एक अहम कदम
सरकार की यह सब्सिडी योजना और Tata Power जैसी कंपनियों की भागीदारी भारत को Net Zero Carbon Emission की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा रही है। Rooftop Solar Scheme न केवल ऊर्जा लागत को कम करती है बल्कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बिजली की आत्मनिर्भरता को भी मजबूत बनाती है।
अधिकृत विक्रेता और तकनीकी सहायता
यदि आप उत्तर प्रदेश में रहते हैं और टाटा सोलर सिस्टम लगवाना चाहते हैं, तो Tata Power के अधिकृत विक्रेताओं से संपर्क करना बेहद जरूरी है। इससे आपको सही उत्पाद, इंस्टॉलेशन और बाद की सर्विस सुनिश्चित हो सकेगी।
आप चाहें तो Tata Power की वेबसाइट या DISCOM के पोर्टल पर जाकर अधिकृत विक्रेताओं की सूची प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, इंस्टॉलेशन प्रक्रिया और सब्सिडी क्लेम करने में तकनीकी सहायता भी इनसे मिल सकती है।