
अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में घोषित टैरिफ पॉलिसी ने ग्लोबल Renewable Energy मार्केट में गहरी हलचल मचा दी है। इस घोषणा के बाद जहां अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोलर कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट देखी गई, वहीं भारत में भी इसका असर साफ नज़र आया। खासकर सोलर और पवन ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों के स्टॉक्स में भारी गिरावट दर्ज की गई।
इस घटनाक्रम का सीधा असर देश की प्रमुख Renewable Energy कंपनी सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) पर भी देखने को मिला। कंपनी के शेयर में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिसने निवेशकों को थोड़ी देर के लिए चिंता में डाल दिया। लेकिन गिरावट के बावजूद रिटेल निवेशकों ने भरोसा बनाए रखा, और कंपनी का शेयर 50 रुपये से ऊपर कारोबार करता रहा।
अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी ने बढ़ाई वैश्विक बाज़ार में चिंता
ट्रंप ने एक बार फिर से ट्रेड प्रोटेक्शनिज़्म की नीति को आगे बढ़ाते हुए कई उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसमें सोलर पैनल्स और अन्य Renewable Energy उत्पाद शामिल हैं। इस कदम का मकसद अमेरिका के घरेलू उद्योगों को समर्थन देना है, लेकिन इसका वैश्विक असर साफ देखा जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की नीतियां अंतरराष्ट्रीय ट्रेड फ्लो को बाधित करती हैं और खासकर भारत जैसे उभरते बाजारों पर इनका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जो अपने Renewable Energy मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं।
Suzlon Energy के शेयर में भारी उतार-चढ़ाव
टैरिफ की घोषणा के तुरंत बाद सुजलॉन एनर्जी के शेयर में करीब 7% की गिरावट देखी गई, जिसने इसे 52.30 रुपये के निचले स्तर तक पहुंचा दिया। हालांकि, कुछ ही घंटों में रिटेल निवेशकों की जोरदार खरीदारी से यह फिर से 50 रुपये के ऊपर लौट आया।
विश्लेषकों का कहना है कि यह गिरावट भले ही ट्रंप की घोषणा से जुड़ी हो, लेकिन कंपनी की मौलिक स्थिति अभी भी मज़बूत बनी हुई है। सुजलॉन एनर्जी भारत की अग्रणी पवन ऊर्जा कंपनियों में से एक है और इसके पास कई बड़े प्रोजेक्ट्स की पाइपलाइन मौजूद है।
रिटेल निवेशकों का भरोसा बना रहा
गिरावट के दौरान भी रिटेल निवेशकों ने Panic Selling से परहेज़ किया और मौके का फायदा उठाकर जमकर खरीदारी की। इस व्यवहार से यह संकेत मिलता है कि आम निवेशक कंपनी की लॉन्ग टर्म ग्रोथ पोटेंशियल पर विश्वास कर रहे हैं।
पिछले कुछ महीनों में सुजलॉन एनर्जी ने अपने कर्ज़ को घटाने, परिचालन दक्षता बढ़ाने और नए प्रोजेक्ट्स की घोषणा के जरिए निवेशकों में भरोसा जगाया है। यही वजह है कि गिरावट के बावजूद शेयर में खरीदारी बनी रही।
₹70 के पार जा सकता है Suzlon का शेयर?
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा वैश्विक उतार-चढ़ाव के बावजूद Suzlon Energy का शेयर जल्द ही ₹70 के स्तर को पार कर सकता है।
जानकारों के अनुसार, अगर कंपनी अपनी मौजूदा रणनीतियों पर कायम रहती है और सरकार की ओर से Renewable Energy सेक्टर को समर्थन मिलता रहा, तो आने वाले समय में इसके शेयर में और तेज़ी देखी जा सकती है।
इसके अलावा, भारत सरकार द्वारा ग्रीन एनर्जी सेक्टर में निवेश को बढ़ावा दिए जाने के चलते भी इस सेक्टर की कंपनियों को मजबूत बूस्ट मिल सकता है।
Renewable Energy सेक्टर के लिए लंबी रेस की तैयारी
ट्रंप की नीति भले ही एक अस्थायी बाधा हो, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो Renewable Energy सेक्टर का भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है। भारत में सरकार द्वारा 2030 तक 500 GW ग्रीन एनर्जी टारगेट की घोषणा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्बन उत्सर्जन में कटौती की प्रतिबद्धता इस सेक्टर को मजबूती प्रदान कर रही है।
Suzlon जैसे प्लेयर्स के लिए यह एक बड़ा अवसर है, जो न सिर्फ भारत बल्कि एशिया के अन्य देशों में भी अपने पंख फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
निवेशकों के लिए सलाह
अगर आप एक रिटेल निवेशक हैं और Renewable Energy सेक्टर में निवेश की सोच रहे हैं, तो यह गिरावट एक अच्छा मौका हो सकता है। हालांकि, किसी भी निवेश से पहले विशेषज्ञों की सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है।
ट्रंप के टैरिफ का असर शॉर्ट टर्म में भले ही दिखे, लेकिन लॉन्ग टर्म पिक्चर अभी भी पॉज़िटिव है, खासकर उन कंपनियों के लिए जो रणनीतिक रूप से अपनी स्थिति मज़बूत कर रही हैं।