
भारत में रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) की मांग तेज़ी से बढ़ रही है और इसमें सबसे अधिक लोकप्रियता सोलर पावर (Solar Power) को मिल रही है। ऊर्जा की बढ़ती लागत और सरकारी सब्सिडी जैसे प्रोत्साहनों के चलते अब आम नागरिक भी अपने घरों की छतों पर सोलर सिस्टम लगवाने की ओर रुख कर रहे हैं। भारत में तीन प्रमुख क्षमताओं वाले घरेलू सोलर सिस्टम्स—1kW, 5kW और 10kW—की मांग सबसे अधिक है। यह लेख आपको इन तीनों विकल्पों के बारे में विस्तृत जानकारी देगा ताकि आप अपने घर की ऊर्जा आवश्यकताओं के अनुसार सही निर्णय ले सकें।
1kW सोलर सिस्टम: छोटे घरों के लिए किफायती विकल्प
1kW सोलर सिस्टम उन परिवारों के लिए उपयुक्त है जिनकी बिजली की खपत बहुत अधिक नहीं होती और जो सीमित बजट में सोलर पावर का लाभ उठाना चाहते हैं। यह सिस्टम रोज़ाना औसतन 4 से 6 यूनिट्स बिजली का उत्पादन करता है, जिससे प्रति माह 120 से 180 यूनिट्स तक की ऊर्जा उत्पन्न हो सकती है।
अगर ₹8 प्रति यूनिट की दर से बिजली का मूल्यांकन किया जाए, तो यह सिस्टम आपको ₹960 से ₹1,440 तक की मासिक बचत दे सकता है। इसकी लागत ₹80,000 से ₹1,25,000 तक होती है, जिसमें इंस्टॉलेशन भी शामिल है।
1kW सोलर सिस्टम आमतौर पर उन घरों के लिए सही है जहाँ 2–3 पंखे, 3–4 LED लाइट्स, एक टीवी और एक छोटा फ्रिज जैसे उपकरण होते हैं। अच्छी खबर यह है कि सरकार इस सिस्टम पर ₹30,000 तक की सब्सिडी भी प्रदान करती है, जिससे इसकी लागत और भी कम हो जाती है।
5kW सोलर सिस्टम: मध्यम परिवारों के लिए संतुलित समाधान
यदि आपके घर में बिजली की खपत मध्यम स्तर पर है—जैसे कि एक-दो AC, वॉशिंग मशीन, फ्रिज, टीवी और कई लाइट्स-पंखे—तो 5kW सोलर सिस्टम आपके लिए उपयुक्त हो सकता है। यह सिस्टम प्रतिदिन 20 से 25 यूनिट्स बिजली का उत्पादन करता है और प्रति माह लगभग 600 से 750 यूनिट्स तक का उत्पादन संभव है।
मौजूदा टैरिफ के अनुसार, यह आपको प्रति माह ₹4,800 से ₹6,000 तक की बचत दिला सकता है। इसकी लागत ₹2,40,000 से ₹3,00,000 तक होती है यदि आप ऑन-ग्रिड सिस्टम चुनते हैं। इसके साथ ही आपको ₹78,000 तक की सरकारी सब्सिडी का भी लाभ मिल सकता है, जिससे यह विकल्प और भी किफायती बन जाता है।
5kW सिस्टम को स्थापित करने के लिए एक मझोले आकार की छत की आवश्यकता होती है और यह ऊर्जा की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने में सक्षम होता है, खासकर उन इलाकों में जहां बिजली कटौती एक सामान्य समस्या है।
10kW सोलर सिस्टम: बड़े घरों और व्यवसायों के लिए आदर्श विकल्प
अगर आपके घर की बिजली की खपत अधिक है या आप किसी छोटे व्यवसाय का संचालन करते हैं, तो 10kW सोलर सिस्टम सबसे उपयुक्त रहेगा। यह सिस्टम रोजाना 40 से 50 यूनिट्स और प्रति माह 1,200 से 1,500 यूनिट्स तक बिजली उत्पादन करने की क्षमता रखता है।
इससे हर महीने आप ₹9,600 से ₹12,000 तक की बिजली बचत कर सकते हैं। इस सिस्टम की लागत दो प्रकार की होती है—अगर आप ऑन-ग्रिड विकल्प चुनते हैं, तो इसकी कीमत ₹4,30,000 से ₹4,50,000 के बीच होती है। वहीं हाइब्रिड सिस्टम की लागत ₹6,00,000 से ₹7,00,000 तक जाती है। हालांकि, ऑन-ग्रिड विकल्प पर भी आपको ₹78,000 की सब्सिडी मिल सकती है।
10kW सिस्टम उन घरों के लिए परफेक्ट है जहाँ कई AC, फ्रिज, हीटर, माइक्रोवेव, वॉशिंग मशीन और अन्य भारी उपकरण चलते हैं। यह सिस्टम एक छोटे से ऑफिस या बिजनेस यूनिट की जरूरतों को भी पूरी तरह से पूरा कर सकता है।
कौन-सा सोलर सिस्टम आपके लिए सबसे बेहतर?
अब सवाल उठता है कि इन तीनों में से कौन-सा सोलर सिस्टम आपके लिए उपयुक्त रहेगा? इसका जवाब इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी मासिक बिजली खपत कितनी है और आप कितनी राशि निवेश करना चाहते हैं।
यदि आपकी मासिक खपत 150 यूनिट्स से कम है और बजट सीमित है, तो 1kW सोलर सिस्टम एक बढ़िया शुरुआती विकल्प हो सकता है।
अगर खपत 500–700 यूनिट्स के आसपास है और आप मझोले बजट में एक स्थायी समाधान चाहते हैं, तो 5kW सिस्टम आपके लिए सबसे संतुलित विकल्प होगा।
वहीं अगर आप एक बड़ा घर या व्यवसाय संचालित कर रहे हैं, जहाँ हर माह 1,000 यूनिट्स से अधिक की बिजली खपत होती है, तो 10kW सोलर सिस्टम न केवल आपकी जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि दीर्घकालिक बचत का भी माध्यम बनेगा।
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सरकार की सब्सिडी योजनाएं: लागत को करें और भी कम
भारत सरकार की राष्ट्रीय सोलर रूफटॉप योजना के तहत सभी घरेलू उपभोक्ताओं को छत पर सोलर सिस्टम लगाने पर आकर्षक सब्सिडी दी जाती है। यह सब्सिडी सोलर सिस्टम की क्षमता के अनुसार तय होती है, और इसे प्राप्त करने के लिए आपको DISCOM के पोर्टल पर आवेदन करना होता है। इन योजनाओं का उद्देश्य देश में रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देना और उपभोक्ताओं को बिजली बिलों से राहत देना है।