
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में लॉन्च की गई महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar: Muft Bijli Yojana) ने देशभर में Renewable Energy को लेकर उत्साह का माहौल बना दिया है। इस योजना के तहत देश के 1 करोड़ घरों में रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे हर परिवार को हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिल सकेगी। यह कदम न केवल आम नागरिकों को आर्थिक राहत देगा, बल्कि भारत को ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगा।
योजना की शुरुआत और सरकार का उद्देश्य
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना की शुरुआत 15 फरवरी 2024 को की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य है देशभर के घरों में Rooftop Solar System स्थापित कर नागरिकों को सस्ती, स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराना। इस योजना के जरिए केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक 1 करोड़ से अधिक घरों को इस स्कीम से जोड़ा जाए।
इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने ₹75,021 करोड़ का विशाल बजट आवंटित किया है। यह भारत सरकार की अब तक की सबसे बड़ी घरेलू Renewable Energy आधारित पहल मानी जा रही है, जो हर भारतीय घर को सोलर एनर्जी के ज़रिए बिजली आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
सब्सिडी और वित्तीय सहायता का बड़ा लाभ
इस योजना का सबसे आकर्षक पहलू इसमें दी जा रही सब्सिडी (Subsidy) और ऋण सुविधा है। सरकार ने रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन के लिए अलग-अलग क्षमता के अनुसार सब्सिडी निर्धारित की है।
1 किलोवाट की सौर प्रणाली पर ₹30,000 तक, 2 किलोवाट पर ₹60,000 और 3 किलोवाट तक के सोलर सिस्टम पर अधिकतम ₹78,000 तक की सब्सिडी सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में दी जाएगी। इससे सोलर इंस्टॉलेशन की लागत में भारी कमी आएगी और आम आदमी को यह तकनीक सुलभ हो सकेगी।
इसके अतिरिक्त सरकार ने 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से ₹2 लाख तक का बिना गारंटी ऋण भी उपलब्ध कराया है। इस ऋण पर मात्र 6.75% की ब्याज दर रखी गई है, जिससे इसे चुकाना भी आसान रहेगा। यह ऋण सुविधा विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो एकमुश्त निवेश नहीं कर सकते।
पात्रता और आवेदन की प्रक्रिया
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ न्यूनतम योग्यताएं निर्धारित की गई हैं। सबसे पहले आवेदक को भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है। इसके अलावा उसके पास स्वामित्व वाला मकान और उस पर एक उपयुक्त छत होनी चाहिए जहां सोलर पैनल इंस्टॉल किया जा सके।
आवेदक के पास एक वैध बिजली कनेक्शन होना चाहिए और उसने पहले किसी अन्य सोलर सब्सिडी योजना का लाभ नहीं लिया होना चाहिए। अगर ये मानदंड पूरे होते हैं, तो आवेदन की प्रक्रिया बेहद सरल और डिजिटल है।
सबसे पहले आपको pmsuryaghar.gov.in वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। अपने राज्य और बिजली वितरण कंपनी का चयन करने के बाद, मोबाइल नंबर और उपभोक्ता संख्या के माध्यम से रजिस्ट्रेशन किया जाता है। फिर एक सरकार द्वारा पंजीकृत विक्रेता से संपर्क कर इंस्टॉलेशन करवाया जाता है। इंस्टॉलेशन के बाद नेट मीटरिंग के लिए आवेदन करना होगा। अंतिम चरण में बैंक डिटेल्स अपलोड करते ही सब्सिडी 30 दिनों के भीतर खाते में जमा हो जाती है।
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पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव
इस योजना का असर केवल बिजली बिलों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका गहरा पर्यावरणीय प्रभाव भी देखने को मिलेगा। एक सोलर इंस्टॉलेशन से होने वाली कार्बन उत्सर्जन में कमी, लगभग 100 पेड़ों के बराबर होती है। इससे पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा सरकार को हर साल लगभग ₹75,000 करोड़ की बिजली लागत की बचत होगी, जिससे अन्य क्षेत्रों में निवेश के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही सोलर सिस्टम की डिमांड से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों दोनों में आर्थिक उन्नति लाएंगे।
संपर्क और सहायता
इस योजना से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी या सहायता के लिए आधिकारिक पोर्टल pmsuryaghar.gov.in पर संपर्क किया जा सकता है। वहां सभी राज्यों और डिस्कॉम्स के लिए पंजीकृत विक्रेताओं की सूची और संपर्क विवरण उपलब्ध हैं।