इन्वर्टर बैटरी का बैकअप कैसे निकालें? जानिए Ah के हिसाब से पूरी डिटेल

अगर बार-बार बिजली जाते ही दिमाग में आता है – बैटरी कब तक चलेगी? तो अब परेशान मत हों! यह आसान तरीका जानें जिससे आप मिनटों में बैकअप टाइम खुद निकाल सकते हैं – बिना किसी एक्सपर्ट की मदद के!

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Written by Rohit Kumar

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इन्वर्टर बैटरी का बैकअप कैसे निकालें? जानिए Ah के हिसाब से पूरी डिटेल
इन्वर्टर बैटरी का बैकअप कैसे निकालें? जानिए Ah के हिसाब से पूरी डिटेल

इन्वर्टर बैटरी बैकअप (Inverter Battery Backup) एक ऐसा विषय है, जो हर घर और ऑफिस में बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए अहम होता जा रहा है। खासकर भारत जैसे देश में, जहां बिजली कटौती (Power Cut) अब भी एक आम बात है, वहां इन्वर्टर और बैटरी सिस्टम की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो गई है। लेकिन अक्सर लोग यह नहीं समझ पाते कि उनकी बैटरी कितनी देर तक बैकअप देगी। यही कारण है कि इन्वर्टर बैटरी बैकअप की सही गणना जानना जरूरी है।

बैटरी बैकअप समय निकालने का गणित

इन्वर्टर बैटरी बैकअप का अनुमान लगाना कोई कठिन काम नहीं है। इसके लिए एक सरल फॉर्मूला अपनाया जाता है:

बैकअप समय (घंटों में) = (बैटरी क्षमता (Ah) × बैटरी वोल्टेज (V) × बैटरी दक्षता (%)) ÷ कुल लोड (Watt)

इस फॉर्मूले के माध्यम से आप यह जान सकते हैं कि आपकी बैटरी कितने समय तक आपके द्वारा उपयोग किए जा रहे उपकरणों को चला सकती है। उदाहरण के तौर पर यदि आपके पास 150Ah की बैटरी है, जिसका वोल्टेज 12V है और उस पर चलने वाला कुल लोड 300 वॉट है, तथा बैटरी की दक्षता 90% है, तो:

बैकअप समय = (150 × 12 × 0.9) ÷ 300 = 5.4 घंटे

इसका सीधा अर्थ है कि आपकी बैटरी लगभग 5.4 घंटे तक आपके उपकरणों को बिजली की आपूर्ति करती रहेगी।

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बैकअप समय निकालने के लिए जरूरी आंकड़े

बैकअप समय की गणना करने के लिए आपको कुछ मूलभूत जानकारियों की आवश्यकता होती है। सबसे पहले, बैटरी की क्षमता (Ah) जाननी जरूरी है, जो आमतौर पर बैटरी पर ही अंकित होती है, जैसे कि 100Ah, 150Ah या 200Ah। दूसरी चीज़ है बैटरी का वोल्टेज (V), जो घरेलू इन्वर्टर में आमतौर पर 12 वोल्ट होता है।

तीसरा महत्वपूर्ण पहलू है लोड (Watt) – यानी आप कितने उपकरण चला रहे हैं और उनका कुल वॉटेज कितना है। मान लीजिए आप 3 ट्यूब लाइट्स (40W), 2 पंखे (75W) और एक वाई-फाई राउटर (20W) चला रहे हैं, तो कुल लोड होगा:

(3×40) + (2×75) + 20 = 120 + 150 + 20 = 290 वॉट

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इसके बाद आता है बैटरी की दक्षता (Efficiency), जो आमतौर पर 85% से 95% के बीच होती है। यदि आपके पास सटीक आंकड़ा नहीं है, तो 90% यानी 0.9 मान लेना बेहतर रहेगा।

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इन्वर्टर बैकअप को प्रभावित करने वाले अन्य कारक

हालांकि उपरोक्त फॉर्मूला सैद्धांतिक है, लेकिन व्यवहार में कई अन्य कारक बैकअप समय को प्रभावित करते हैं। इनमें सबसे प्रमुख है बैटरी की उम्र और रखरखाव की स्थिति। समय के साथ बैटरियों की क्षमता घटती है, जिससे बैकअप समय भी कम हो सकता है।

साथ ही, यदि आपके इन्वर्टर और बैटरी की नियमित देखभाल नहीं हो रही है, जैसे समय-समय पर डिस्टिल्ड वॉटर न डालना या टर्मिनल की सफाई न करना, तो यह दक्षता पर सीधा असर डालता है। इन्वर्टर की दक्षता भी एक अहम भूमिका निभाती है, क्योंकि कुछ इन्वर्टर बैटरी से प्राप्त पावर को कम दक्षता से उपयोग करते हैं।

क्यों जरूरी है सही बैकअप गणना?

सही बैकअप समय जानने से आपको यह तय करने में मदद मिलती है कि आपको कितनी बड़ी बैटरी की जरूरत है। इससे आप ओवरइंवेस्टमेंट या कम बैकअप जैसी समस्याओं से बच सकते हैं। खासकर ऑफिस, क्लासरूम या अस्पताल जैसे स्थानों पर जहां बिजली कटौती से गंभीर असर हो सकता है, वहां यह जानकारी अत्यंत जरूरी हो जाती है।

ऑनलाइन टूल्स और वीडियो गाइड्स से मदद लें

यदि आप खुद गणना नहीं करना चाहते, तो कई वेबसाइट्स ऑनलाइन बैटरी बैकअप कैलकुलेटर (Battery Backup Calculator) की सुविधा देती हैं। Genus Innovation और ELC Mart जैसे प्लेटफॉर्म पर जाकर आप अपनी बैटरी और लोड की जानकारी डालकर तुरंत बैकअप समय जान सकते हैं।

इसके अलावा, यूट्यूब पर भी कई वीडियो मौजूद हैं, जिनमें सरल भाषा में इन्वर्टर बैटरी बैकअप की गणना सिखाई जाती है। वीडियो के जरिए समझना उन लोगों के लिए बेहतर होता है, जो टेक्निकल फॉर्मूले से घबराते हैं।

भविष्य की सोच: रिन्यूएबल एनर्जी और स्मार्ट इन्वर्टर

बढ़ती जागरूकता और पर्यावरण संकट के बीच, लोग अब रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) जैसे सोलर पैनल और स्मार्ट इन्वर्टर की ओर रुख कर रहे हैं। इन उपकरणों में बैटरी बैकअप का सही आकलन और ऊर्जा दक्षता (Energy Efficiency) का संतुलन बेहद जरूरी होता है।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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