
देश में रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) को लेकर बढ़ती जागरूकता के बीच, सोलर पैनल (Solar Panel) अब आम घरों, ऑफिसों और इंडस्ट्रीज़ की पहली पसंद बनते जा रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यदि सही तरीके से देखभाल की जाए, तो सोलर पैनलों की उम्र 10 साल तक बढ़ाई जा सकती है? विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ आसान लेकिन नियमित उपाय अपनाकर, न केवल सोलर सिस्टम की कार्यक्षमता बढ़ाई जा सकती है, बल्कि इसकी लाइफस्पैन भी लंबी की जा सकती है।
यहां हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे 5 अहम तरीके जो आपके सोलर सिस्टम को बनाएंगे ज्यादा भरोसेमंद और टिकाऊ।
धूल और गंदगी से रखें सोलर पैनल को सुरक्षित
सोलर पैनलों पर जमी धूल, पत्तियाँ या पक्षियों की बीट सूर्य की किरणों के अवरोधक बन जाती हैं। इसका सीधा असर ऊर्जा उत्पादन पर पड़ता है, जिससे उत्पादन में 25% तक की गिरावट देखी जा सकती है। खासकर यदि आप किसी धूलभरे, शहरी या प्रदूषित क्षेत्र में रहते हैं, तो यह और भी जरूरी हो जाता है कि आप अपने पैनलों की सफाई हर 6 से 12 महीने के भीतर जरूर कराएं।
सफाई के लिए विशेषज्ञों की सलाह है कि इसे सुबह या शाम के समय करें, जब पैनल ठंडे हों। सफाई के दौरान कभी भी तेज दबाव वाले पानी या कठोर ब्रश का प्रयोग न करें, इससे पैनलों की सतह को नुकसान पहुंच सकता है। नरम कपड़े या स्पंज का उपयोग करें और धीरे से पोंछें।
नियमित निरीक्षण और पेशेवर मेंटेनेंस है जरूरी
हर साल एक बार किसी पेशेवर तकनीशियन से अपने सोलर सिस्टम का निरीक्षण जरूर कराएं। इस प्रक्रिया में सोलर पैनल्स की सतह, वायरिंग, इन्वर्टर और माउंटिंग स्ट्रक्चर की पूरी जांच की जाती है। किसी भी प्रकार की दरार, खरोंच, जंग या ढीले कनेक्शन की समय रहते पहचान और सुधार आवश्यक है।
इसके अलावा, यदि अचानक आपके सिस्टम के ऊर्जा उत्पादन में गिरावट आ जाए, तो यह किसी अंदरूनी समस्या का संकेत हो सकता है। इसलिए समय पर जांच कराना आपके सिस्टम को वर्षों तक सुरक्षित रख सकता है।
इन्वर्टर: सोलर सिस्टम का दिल, इसकी देखभाल न भूलें
इन्वर्टर (Inverter) को सोलर सिस्टम का दिल कहा जाता है क्योंकि यही डिवाइस डीसी को एसी में बदलता है जिससे घरों और दफ्तरों में बिजली का उपयोग संभव होता है। आमतौर पर इन्वर्टर की औसत उम्र 10-15 साल होती है, लेकिन समय-समय पर इसकी निगरानी और जरूरत के अनुसार रिप्लेसमेंट आवश्यक है।
इन्वर्टर के डिस्प्ले पर दिखाई देने वाले किसी भी त्रुटि संदेश को नजरअंदाज न करें। इन्वर्टर को हमेशा साफ और हवादार जगह पर इंस्टॉल करें ताकि यह गर्मी से बचा रहे और अपनी क्षमता के अनुसार कार्य कर सके।
छाया और वन्यजीवों से सोलर पैनलों को बचाना भी है अहम
कई बार पेड़ की छाया या पक्षियों के घोंसले सोलर पैनलों की परफॉर्मेंस को काफी प्रभावित करते हैं। छाया से पैनलों पर पड़ने वाली सूरज की रोशनी कम हो जाती है, जिससे उनका उत्पादन प्रभावित होता है। इसके लिए जरूरी है कि आप समय-समय पर पेड़ों की छंटाई करें।
पक्षियों से बचाव के लिए ‘क्रिटर गार्ड’ या फेंसिंग का इस्तेमाल किया जा सकता है ताकि वे पैनलों के नीचे घोंसला न बना सकें।
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प्रदर्शन की निगरानी से मिलती है समय रहते चेतावनी
अधिकतर आधुनिक सोलर सिस्टम अब ऐसे इन्वर्टर्स और मॉनिटरिंग टूल्स के साथ आते हैं जो मोबाइल ऐप के माध्यम से रीयल-टाइम डाटा प्रदान करते हैं। इससे आप जान सकते हैं कि आपका सिस्टम कितनी ऊर्जा उत्पन्न कर रहा है और क्या उसमें कोई कमी आ रही है।
जब भी ऊर्जा उत्पादन में गिरावट दिखे, तो वह संकेत हो सकता है किसी संभावित तकनीकी समस्या का। समय रहते उस पर ध्यान देने से पैनल की कार्यक्षमता बनी रहती है और आपको अधिक उत्पादन मिल पाता है।
गुणवत्ता और प्रोफेशनल इंस्टॉलेशन से बढ़ती है उम्र
अंत में, एक जरूरी बात यह भी है कि आप हमेशा उच्च गुणवत्ता वाले सोलर पैनलों का चयन करें और उनकी स्थापना किसी प्रमाणित और अनुभवी प्रोफेशनल से कराएं। रिसर्च के अनुसार, यदि स्थापना सही तरीके से की जाए और पैनल उच्च गुणवत्ता के हों, तो उनकी उम्र 25 से 30 साल तक हो सकती है।
अच्छी स्थापना न केवल सिस्टम को प्राकृतिक और तकनीकी खतरों से बचाती है, बल्कि इसके मेंटेनेंस को भी आसान बनाती है।