
NHPC Ltd. ने Renewable Energy क्षेत्र में एक बड़ी पहल की है। कंपनी उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में 1,200 मेगावाट का सोलर पार्क बनाने जा रही है। यह परियोजना भारत सरकार की Ultra Mega Renewable Energy Power Parks योजना के तहत Mode 8 के अंतर्गत विकसित की जा रही है। इसका मकसद सौर ऊर्जा का बड़े पैमाने पर उत्पादन करना और देश को स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ाना है।
बुंदेलखंड सौर ऊर्जा लिमिटेड की भूमिका
इस प्रोजेक्ट को NHPC की सब्सिडियरी कंपनी बुंदेलखंड सौर ऊर्जा लिमिटेड (Bundelkhand Saur Urja Ltd.) द्वारा बनाया जा रहा है। यह कंपनी उत्तर प्रदेश न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी डिपार्टमेंट एजेंसी (UPNEDA) के साथ मिलकर काम कर रही है। यह जॉइंट वेंचर राज्य और केंद्र सरकार दोनों की साझेदारी को दर्शाता है, जिससे सोलर प्रोजेक्ट को मजबूत आधार मिल रहा है।
परियोजना की लागत और निवेश
इस सोलर पार्क की कुल लागत ₹796.96 करोड़ अनुमानित है। इसमें ₹42.7 करोड़ की राशि निर्माण के दौरान ब्याज (Interest During Construction) के लिए रखी गई है और NHPC ने इसमें ₹239.1 करोड़ की इक्विटी इन्वेस्टमेंट करने का निर्णय लिया है। इतनी बड़ी राशि का निवेश दिखाता है कि NHPC इस प्रोजेक्ट को लेकर बेहद गंभीर और प्रतिबद्ध है।
NHPC की फंडिंग योजना
मार्च 2025 में NHPC के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹6,300 करोड़ तक की उधारी योजना को मंज़ूरी दी। कंपनी इस राशि को जुटाने के लिए कॉर्पोरेट बॉन्ड्स (redeemable, non-convertible), टर्म लोन और एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोइंग्स जैसे साधनों का उपयोग करेगी। यह योजना कंपनी की फाइनेंशियल स्ट्रैटेजी को दर्शाती है और यह सुनिश्चित करती है कि सोलर प्रोजेक्ट के लिए आवश्यक धन की कोई कमी न हो।
शेयर बाज़ार में NHPC का प्रदर्शन
NHPC के शेयर ₹90.37 प्रति शेयर पर बंद हुए, जो 0.56% की बढ़ोतरी को दर्शाता है। बीते 12 महीनों में शेयर की कीमत 0.69% और इस साल की शुरुआत से अब तक 12% बढ़ चुकी है। इससे निवेशकों का विश्वास भी झलकता है। 10 विश्लेषकों में से 5 ने NHPC पर ‘Buy’ की सिफारिश की है, 2 ने ‘Hold’ और 3 ने ‘Sell’ का सुझाव दिया है।
परियोजना का सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव
यह परियोजना केवल बिजली उत्पादन तक सीमित नहीं है। इसके माध्यम से उत्तर प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, साथ ही यह परियोजना कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भी मदद करेगी। स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग से पर्यावरण को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा और राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में मदद मिलेगी।