
देश में बढ़ती बिजली की कीमतों और रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy के प्रति जागरूकता के चलते अब आम लोग भी सोलर सिस्टम की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं। लेकिन सिर्फ सोलर पैनल लगाना ही पर्याप्त नहीं होता, बल्कि उसके साथ बैटरी बैकअप का सही चुनाव भी बेहद ज़रूरी है। यदि आप 1kW से लेकर 10kW तक का सोलर सिस्टम घर में लगाना चाहते हैं, तो यह जानना अनिवार्य हो जाता है कि कितनी बैटरी क्षमता-Battery Capacity की ज़रूरत होगी, ताकि बिजली कटौती या बादल वाले दिनों में भी निर्बाध बिजली मिलती रहे।
बैटरी कैपेसिटी कैसे कैलकुलेट करें?
बैटरी स्टोरेज की गणना एक निश्चित फॉर्मूले से की जाती है, जिसे सोलर इंडस्ट्री में व्यापक रूप से अपनाया जाता है। इस कैलकुलेशन के लिए सबसे पहले आपकी दैनिक बिजली खपत को Ampere-hour (Ah) में बदलना होता है। इसके बाद, इस खपत को बैकअप के लिए तय किए गए दिनों और सिस्टम लॉस को ध्यान में रखते हुए सही बैटरी क्षमता निकाली जाती है।
इस कैलकुलेशन के लिए यह फार्मूला उपयोग होता है:
बैटरी क्षमता (Ah) = (दैनिक खपत (Ah) × बैकअप दिनों की संख्या × 1.15) / DOD (%)
यहां DOD यानी Depth of Discharge, उस सीमा को दर्शाता है जितना बैटरी से ऊर्जा निकाली जा सकती है। यह लीड-एसिड बैटरियों के लिए लगभग 50% और लिथियम-आयन बैटरियों के लिए लगभग 80% होता है।
एक उदाहरण से समझिए 5kW सोलर सिस्टम का बैटरी कैलकुलेशन
मान लीजिए आपके घर में 5kW का सोलर सिस्टम लगा हुआ है और आपकी रोजाना की बिजली खपत करीब 20kWh है। अब यदि आप 2 दिन का बैकअप रखना चाहते हैं और आपने 48V की लिथियम-आयन बैटरी का चयन किया है, तो आपको नीचे दिए गए अनुसार बैटरी की जरूरत पड़ेगी:
सबसे पहले दैनिक खपत को Ah में बदलें: 20,000 Wh / 48 V = 416.67 Ah
अब बैटरी क्षमता निकालें: (416.67 × 2 × 1.15) / 0.8 = लगभग 1,198 Ah
इसका मतलब हुआ कि आपको लगभग 1,200Ah की 48V बैटरी बैंक की आवश्यकता होगी, ताकि बिजली की निर्बाध आपूर्ति बनी रहे।
1kW से 10kW तक के सोलर सिस्टम के लिए कितनी बैटरी चाहिए?
यदि आप 1kW से लेकर 10kW तक के सिस्टम का उपयोग करना चाहते हैं, तो औसतन यह माना जाता है कि 1kW सिस्टम रोज़ाना 4–5kWh ऊर्जा उत्पन्न करता है, जबकि 10kW सिस्टम लगभग 40–50kWh। अब यदि हर सिस्टम के लिए 1.15 करेक्शन फैक्टर और 80% DOD को ध्यान में रखते हुए दो दिन का बैकअप रखना है, तो आवश्यक बैटरी क्षमता इस प्रकार निकलती है:
- 1kW सिस्टम के लिए लगभग 5–7kWh
- 3kW सिस्टम के लिए लगभग 13–18kWh
- 5kW सिस्टम के लिए लगभग 24–30kWh
- 10kW सिस्टम के लिए लगभग 48–60kWh
ये आंकड़े औसतन अनुमान हैं और आपकी वास्तविक खपत, मौसम, और स्थान पर निर्भर करेंगे। उदाहरण के लिए पहाड़ी या अधिक धुंध वाले क्षेत्रों में अधिक बैटरी स्टोरेज की आवश्यकता हो सकती है, जबकि राजस्थान या गुजरात जैसे अधिक धूप वाले राज्यों में यह आवश्यकता कम हो सकती है।
क्यों ज़रूरी है सही बैटरी चयन?
सही बैटरी चयन करना न केवल सोलर सिस्टम की कार्यक्षमता बढ़ाता है, बल्कि लंबे समय तक निवेश को सुरक्षित भी करता है। यदि आपने लीड-एसिड बैटरी चुनी है, तो DOD कम होने के कारण आपको अधिक क्षमता की आवश्यकता होगी, जबकि लिथियम-आयन बैटरियों के साथ कम स्टोरेज में भी बेहतर आउटपुट मिल सकता है। हालांकि लिथियम बैटरियां महंगी होती हैं, लेकिन इनकी लाइफ और परफॉर्मेंस दोनों ही बेहतर मानी जाती हैं।
सिस्टम लॉस और अन्य कारकों का ध्यान रखें
बैटरी कैलकुलेशन करते समय यह ध्यान रखना आवश्यक है कि इन्वर्टर और अन्य उपकरणों से लगभग 10–15% तक ऊर्जा का नुकसान होता है। इसलिए कुल खपत का 15% अतिरिक्त मानकर कैलकुलेशन करना बेहतर होता है। इसके अलावा, आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले उपकरणों की गुणवत्ता, वायरिंग और मौसम की स्थिति भी कुल खपत को प्रभावित कर सकती है।
सोलर सिस्टम अपनाते समय इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप अपने घर में सोलर सिस्टम लगाने की योजना बना रहे हैं तो सिर्फ पैनल की क्षमता नहीं, बल्कि बैटरी स्टोरेज का भी सही आकलन करें। इसके लिए पहले अपनी दैनिक खपत का एक औसत निकालें, फिर बैकअप दिनों की संख्या तय करें और अंत में अपने बजट और ज़रूरत के अनुसार बैटरी प्रकार का चयन करें।
यदि आप सही कैलकुलेशन और गुणवत्ता वाली बैटरी का उपयोग करते हैं, तो सोलर सिस्टम से मिलने वाला लाभ वर्षों तक बना रहेगा और बिजली बिल से बड़ी राहत मिलेगी।