
सोलर पैनल (Solar Panel) लगवाने की सोच रहे हैं? अगर हां, तो यह खबर आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है। मौजूदा समय में रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) को लेकर देशभर में जागरूकता बढ़ रही है, और सरकार भी इसे बढ़ावा देने के लिए खास योजनाएं चला रही है। खासकर प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (Pradhan Mantri Surya Ghar Muft Bijli Yojana) के तहत अब आम नागरिक भी सस्ती दरों पर सोलर सिस्टम लगवाकर बिजली बिल से छुटकारा पा सकते हैं।
भारत में घरेलू सोलर सिस्टम की लागत कितनी?
भारत में घरों के लिए इस्तेमाल होने वाले घरेलू सोलर सिस्टम (Home Solar System) की कीमत 1 किलोवाट से शुरू होकर 10 किलोवाट या उससे अधिक तक जाती है। फिलहाल बाजार में प्रति किलोवाट सोलर सिस्टम की औसत कीमत ₹45,000 से ₹65,000 के बीच है। उदाहरण के तौर पर, यदि कोई व्यक्ति 3 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगवाता है, तो उसकी लागत ₹1.89 लाख से ₹2.15 लाख तक आ सकती है।
हालांकि राहत की बात यह है कि सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी (Subsidy) की वजह से यह खर्च काफी हद तक कम हो जाता है। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत 40% तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है, जिससे ₹30,000 से ₹78,000 तक की सीधी बचत हो सकती है। इसका अर्थ यह हुआ कि अब सोलर सिस्टम लगवाना पहले की तुलना में काफी सस्ता हो गया है।
बिजली बिल में भारी कटौती
एक बार सोलर पैनल इंस्टॉल (Solar Panel Install) करने के बाद, बिजली बिल लगभग 70% से 90% तक घट जाता है। यानी अगर कोई घर हर महीने ₹3,000 का बिजली बिल भरता है, तो सोलर सिस्टम लगवाने के बाद यह घटकर ₹300 से ₹900 के बीच रह सकता है। इसके अलावा, अगर आप ज्यादा बिजली पैदा करते हैं, तो अतिरिक्त यूनिट ग्रिड को भेजी जा सकती है। इसके लिए कई राज्यों में नेट मीटरिंग (Net Metering) की सुविधा दी जा रही है, जिसके तहत उपभोक्ता को क्रेडिट या बिल छूट मिलती है।
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निवेश पर वापसी कितनी जल्दी मिलती है?
सोलर पैनल को लेकर सबसे अहम सवाल यह होता है कि इसमें निवेश करने के बाद कितने समय में पैसा वापस आ जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, सोलर इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न (ROI on Solar Investment) आमतौर पर 3 से 5 साल के भीतर मिल जाता है। यदि बिजली की खपत ज्यादा हो और सब्सिडी का पूरा लाभ लिया जाए, तो यह अवधि 2 से 3 साल तक भी घट सकती है। इसके बाद अगले 20 साल तक उपभोक्ता को लगभग मुफ्त बिजली मिलती है।
सोलर पैनल का जीवनकाल और रखरखाव
सोलर पावर सिस्टम (Solar Power System) न केवल लंबे समय तक चलता है, बल्कि इसका रखरखाव भी काफी आसान होता है। औसतन एक सोलर पैनल का जीवनकाल 25 वर्षों तक होता है। इस दौरान इसे केवल समय-समय पर साफ करने और साल में एक-दो बार निरीक्षण की जरूरत होती है। कोई भी जटिल तकनीकी देखभाल या बार-बार मरम्मत की आवश्यकता नहीं पड़ती।
पारंपरिक बिजली की तुलना में सोलर एनर्जी क्यों बेहतर?
पारंपरिक बिजली यानी कोयले, गैस या तेल से बनी बिजली पर निर्भर रहना न केवल महंगा है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक होता है। इसके विपरीत, सोलर एनर्जी (Solar Energy) पूरी तरह से स्वच्छ, हरित और टिकाऊ विकल्प है। इसमें कार्बन उत्सर्जन न के बराबर होता है, जिससे यह पर्यावरण की रक्षा करता है। वहीं दूसरी ओर, सोलर सिस्टम लगाने से आपको ऊर्जा स्वतंत्रता (Energy Independence) भी मिलती है, खासकर यदि आप बैटरी स्टोरेज का उपयोग करते हैं। ऐसे में बिजली कटौती के समय भी आपके पास अपनी खुद की बिजली होती है।
सरकार की योजना और वेबसाइट जानकारी
अगर आप भी अपने घर पर सोलर सिस्टम लगवाना चाहते हैं तो इसके लिए pmsuryaghar.gov.in वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। यहां से सब्सिडी की पात्रता, इंस्टॉलेशन प्रक्रिया, अधिकृत विक्रेता और योजना की शर्तों की पूरी जानकारी मिलती है।
सरकार का उद्देश्य वर्ष 2026 तक लाखों घरों में सोलर पैनल लगवाना है ताकि देश को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाया जा सके। यह योजना खासतौर पर मध्यम वर्ग और ग्रामीण परिवारों के लिए बेहद लाभदायक है।