
भारत में रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) की ओर बढ़ती जागरूकता और सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी ने सोलर सिस्टम (Solar System) की मांग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। ऐसे में 9kW सोलर सिस्टम उन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरा है, जिनकी दैनिक बिजली खपत 40 से 50 यूनिट तक है। खासकर मध्यम से बड़े घरों, स्कूलों, दुकानों और छोटे व्यवसायों के लिए यह सिस्टम ऊर्जा आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त करता है।
9kW सोलर सिस्टम से कितनी बिजली पैदा होती है?
एक 9kW सोलर सिस्टम औसतन प्रतिदिन 36 से 50 यूनिट बिजली पैदा करने में सक्षम होता है। इसका वास्तविक उत्पादन आपके क्षेत्र की धूप की स्थिति, मौसम, सोलर पैनल की गुणवत्ता और इंस्टॉलेशन एंगल पर निर्भर करता है। यदि हम इसका मासिक और वार्षिक उत्पादन देखें, तो यह क्रमशः 1,000 से 1,500 यूनिट प्रति माह और 12,000 से 18,000 यूनिट प्रति वर्ष तक पहुंच सकता है।
यह मात्रा एक औसत परिवार की दैनिक जरूरतों को न केवल पूरा करती है, बल्कि बिजली बिल में भी बड़ी राहत देती है। गर्मियों के मौसम में यह उत्पादन और अधिक हो सकता है, जब सूर्य की किरणें तेज़ होती हैं।
9kW सोलर सिस्टम से किन उपकरणों को चला सकते हैं?
इस कैपेसिटी का सोलर सिस्टम एक साथ कई भारी बिजली उपकरणों को आराम से चला सकता है। उदाहरण के लिए, आप इससे 4 से 5 एसी (1.5 टन), दो फ्रिज, वॉशिंग मशीन, गैस गीजर या इलेक्ट्रिक गीजर, टीवी, कंप्यूटर, लाइट्स और पंखे जैसे उपकरणों को आसानी से चला सकते हैं।
यह सुविधा इसे न केवल घरेलू उपयोग के लिए बल्कि छोटे व्यवसायों, दुकानों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए भी उपयुक्त बनाती है, जो अक्सर दिन के समय में अधिक बिजली की आवश्यकता रखते हैं।
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9kW सोलर सिस्टम की लागत और सब्सिडी योजना
वर्ष 2025 में भारत में एक 9kW सोलर सिस्टम की लागत ₹4.05 लाख से ₹4.15 लाख के बीच आंकी जा रही है। हालांकि, यह कीमत उस प्रकार पर निर्भर करती है जो आप चुनते हैं:
ऑन-ग्रिड सिस्टम की कीमत लगभग ₹3.66 लाख है, यानी ₹40.68 प्रति वॉट। ऑफ-ग्रिड सिस्टम की कीमत ₹4.57 लाख तक जाती है, जो ₹50.80 प्रति वॉट के हिसाब से है। वहीं, हाइब्रिड सिस्टम की बात करें तो इसकी कीमत सबसे अधिक होती है – ₹6.38 लाख, यानी ₹70.91 प्रति वॉट।
इस लागत को और अधिक किफायती बनाने के लिए भारत सरकार की रूफटॉप सोलर योजना के तहत 6kW से अधिक के सोलर सिस्टम पर 20% तक की सब्सिडी दी जा रही है। इसका मतलब है कि 9kW सिस्टम की लागत में आपको ₹80,000 से अधिक की राहत मिल सकती है, जिससे यह एक अत्यधिक लाभदायक सौदा बन जाता है।
कितनी जगह चाहिए 9kW सोलर सिस्टम के लिए?
9kW क्षमता वाले सोलर सिस्टम को स्थापित करने के लिए लगभग 1,000 वर्ग फीट यानी लगभग 93 वर्ग मीटर की छाया रहित छत की आवश्यकता होती है। यह स्थान पैनल की सही दिशा में इंस्टॉलेशन और इफिशिएंसी को सुनिश्चित करने में मदद करता है।
शहरी इलाकों में यदि इतनी जगह उपलब्ध है, तो यह सिस्टम एक स्थायी और आर्थिक समाधान बन सकता है।
कितने वर्षों में वसूल हो जाएगी लागत?
अगर आप प्रतिदिन 40 से 50 यूनिट बिजली उपयोग करते हैं, और उसे सोलर सिस्टम से बदल देते हैं, तो आपको बिजली बिल पर हर महीने हजारों रुपये की बचत हो सकती है। इस तरह औसतन 5 से 6 वर्षों में सोलर सिस्टम की पूरी लागत वसूल हो सकती है। इसके बाद अगले 15 से 20 वर्षों तक यह सिस्टम लगभग मुफ्त बिजली देता है, क्योंकि इसकी मेंटेनेंस लागत बहुत कम होती है।
इसके अलावा, बढ़ती बिजली दरों को देखते हुए यह निवेश न केवल आर्थिक रूप से, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी लाभकारी है। यह आपके कार्बन फुटप्रिंट को घटाने में भी योगदान देता है।
क्या है आगे का रास्ता?
यदि आप 9kW सोलर सिस्टम को अपने घर या व्यवसाय के लिए लगवाने पर विचार कर रहे हैं, तो सबसे पहले आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपकी छत पर पर्याप्त छाया रहित स्थान उपलब्ध है या नहीं। इसके बाद किसी विश्वसनीय सोलर इंस्टॉलेशन कंपनी से संपर्क करें जो आपको पैनल चयन, नेट मीटरिंग, सब्सिडी आवेदन और इंस्टॉलेशन की पूरी प्रक्रिया में मार्गदर्शन दे सके।
भारत सरकार की सोलर पोर्टल पर जाकर आप अपने क्षेत्र के लिए उपयुक्त वेंडर्स और सब्सिडी स्कीम की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करें कि आपका सिस्टम MNRE (Ministry of New and Renewable Energy) द्वारा मान्यता प्राप्त हो, ताकि आप सब्सिडी का पूरा लाभ ले सकें।